माँ चिंतपूर्णी की आरती करने से मानसिक शांति, जीवन में स्थिरता और समृद्धि प्राप्त होती है। यह आरती भक्तों की चिंताओं को दूर करती है, मनोकामनाओं को पूर्ण करती है
भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के ऊना जिले में चिंतपूर्णी माता का मंदिर स्थित है। जो कि बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। माता का यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां पर माता सती के चरण गिरे थे इसी लिए इस मंदिर की मान्यता बढ़ गयी थी। इस मंदिर में माँ के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में भक्त आते है। कहते हैं कि माँ के इस रूप की आरती करने से (Chintpurni Aarti) व्यक्ति को मन की शांति मिलती है और परिवार में सुख समृद्धि आती है। तो आइए पढ़ते हैं श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती (Chintpurni Aarti In Hindi)।
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ जन को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा
॥ भोली माँ ॥
सिन्हा पर भाई असवार, भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर
॥ भोली माँ ॥
एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा, तीजे त्रिशूल सम्भालो,
॥ भोली माँ ॥
चौथे हाथ चक्कर गदा, पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला,
॥ भोली माँ ॥
सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे, आठवे से असुर संहारो,
॥ भोली माँ ॥
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर, बैठी दीवान लगाये,
॥ भोली माँ ॥
हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे, लाल चंदोया बैठी तान,
॥ भोली माँ ॥
औखी घाटी विकटा पैंडा, तले बहे दरिया,
॥ भोली माँ ॥
सुमन चरण ध्यानु जस गावे, भक्तां दी पज निभाओ
॥ भोली माँ ॥
और ये भी पढ़े
रानी सती दादी जी की आरती नर्मदा माँ की आरती श्री शाकंभरी देवी जी की आरती अन्नपूर्णा माता की आरती
Did you like this article?
भगवान जगन्नाथ की आरती का पाठ करें और पाएं उनकी दिव्य कृपा। सरल हिंदी में पढ़ें आरती और जोड़ें अपने दिन की शुरुआत भक्ति से।
वरुण देव की संपूर्ण आरती का पाठ करें और प्राप्त करें मानसिक शांति, जलतत्त्व संतुलन और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद।
बटुक भैरव आरती से होती है भक्ति और शांति की प्राप्ति। यहां पढ़ें पूरी आरती हिंदी में, विधि और इसके लाभों के साथ