सीता माता आरती | Sita Aarti
माता सीता को भगवान श्री राम की भार्या के साथ एक पवित्रता का प्रतीक भी माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति माता सीता की नित्या पूजा और आरती करता हैं तो उसका मन प्रेम, स्नेह, दया, करुणा, त्याग, आध्यात्म की भावनाओं से भर जाता है। साथ ही मन को शांति मिलती है। तो आइए आज पढ़ते हैं माता सीता की आरती हिंदी में (Sita Mata Ki Aarti Hindi)।
सीता जी की आरती | Aarti Sita Mata Ji Ki
आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त वन वन चारिणी, पति हित पति वियोग स्वीकारिणी, त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥
विमल कीर्ति सब लोकन छाई, नाम लेत पवन मति आई, सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई, शरणागत जन भय हरी की ॥
आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥