दत्ताची जी की आरती
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दत्ताची जी की आरती

यह आरती मानसिक और शारीरिक कष्टों को दूर करने में सहायक होती है, साथ ही भक्तों को अध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की ओर मार्गदर्शन करती है

दत्ताची आरती के बारे में

भगवान दत्तात्रेय की आरती करने से व्यक्ति को तत्काल फल की प्राप्ति होती है और भगवान दत्तात्रेय अपने भक्तों की आरती सुनकर जल्द ही प्रसन्न होकर भक्तों के कष्टों का शीघ्र निवारण करते हैं। साथ ही अगर सच्चे मन से सुबह शाम दत्ताची आरती करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और भक्त को पाप, रोग-दोषों से मुक्ति मिलती है। तो आइए पढ़ते हैं दत्ताची आरती श्री मंदिर पर।

दत्ताची जी की आरती

त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा ।

त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्य राणा ।

नेती नेती शब्द न ये अनुमाना

॥ सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥

जय देव जय देव जय श्री गुरुद्त्ता ।

आरती ओवाळिता हरली भवचिंता ॥

सबाह्य अभ्यंतरी तू एक द्त्त ।

अभाग्यासी कैची कळेल हि मात

॥ पराही परतली तेथे कैचा हेत ।

जन्ममरणाचाही पुरलासे अंत ॥

दत्त येऊनिया ऊभा ठाकला ।

भावे साष्टांगेसी प्रणिपात केला

॥ प्रसन्न होऊनि आशीर्वाद दिधला ।

जन्ममरणाचा फेरा चुकवीला ॥

दत्त दत्त ऐसें लागले ध्यान ।

हरपले मन झाले उन्मन

॥ मी तू पणाची झाली बोळवण ।

एका जनार्दनी श्रीदत्तध्यान ॥

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Published by Sri Mandir·February 18, 2025

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