यह आरती विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी मानी जाती है जो अपने जीवन में आत्मबल और सफलतापूर्वक चुनौतियों का सामना करना चाहते हैं।
वैसे तो सभी जानते हैं कि भगवान कार्तिकेय माता पार्वती और महादेव के पुत्र है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन भगवान कार्तिकेय जी की आरती करता है, तो प्रभु उसके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करते हैं। मान्यता ये भी है कि भगवान कार्तिकेय जी की आरती पढ़ने से जीवन में आने वाले हर कष्टों का नाश हो जाता है। तो आइए पढ़ते शिव पुत्र भगवान श्री कार्तिकेय जी की आरती (Bhagawan Sri Kartikeya Ji Ki Aarti In Hindi) सरल भाषा में।
जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा
जय जय आरती वेंकटरमणा वेंकटरमणा संकटहरणा सीता राम राधे श्याम
जय जय आरती गौरी मनोहर गौरी मनोहर भवानी शंकर सदाशिव उमा महेश्वर
जय जय आरती राज राजेश्वरि राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि
महा सरस्वती महा लक्ष्मी महा काली महा लक्ष्मी
जय जय आरती आन्जनेय आन्जनेय हनुमन्ता
जय जय आरति दत्तात्रेय दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार
जय जय आरती सिद्धि विनायक सिद्धि विनायक श्री गणेश
जय जय आरती सुब्रह्मण्य सुब्रह्मण्य कार्तिकेय ||
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चिंतपूर्णी आरती माँ चिंतपूर्णी की उपासना का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिन्हें सभी चिंताओं और कष्टों का निवारण करने वाली देवी माना जाता है
भगवद् गीता की आरती भगवान श्रीकृष्ण की महिमा और गीता के उपदेशों का गुणगान करने का एक पवित्र माध्यम है। इस आरती के द्वारा भक्तों को श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में शांति, धर्म और आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करती है।
अन्नपूर्णा जी की आरती माँ अन्नपूर्णा की उपासना का महत्वपूर्ण अंग है, जो अन्न और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। माँ अन्नपूर्णा की आरती करने से भक्तों को जीवन में धन-धान्य, समृद्धि, और परिवार में सुख-शांति प्राप्त होती है।