"श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती का अनुभव करें, 'बता मेरे यार सुदामा रे' भजन पढ़ें!"
"बता मेरे यार सुदामा रे" भजन भगवान श्रीकृष्ण और उनके प्रिय मित्र सुदामा की अद्भुत मित्रता का वर्णन करता है। यह भजन सच्चे प्रेम, मित्रता और विश्वास का संदेश देता है। इसे गाने या सुनने से मन में भक्ति की भावना जागृत होती है और रिश्तों में अपनापन बढ़ता है। यह भजन जीवन में निस्वार्थ प्रेम और भगवान के प्रति समर्पण का महत्व समझाने में सहायक है।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बालक थारे जब आया करता,
रोज खेलके जाया करता ।
हुई कै तकरार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
मन्ने सुना दे कुटुंब कहानी,
क्यों कर पड़ गयी ठोकर खानी ।
रे मन्ने सुना दे कुटुंब कहानी,
क्यों कर पड़ गयी ठोकर खानी ।
टोटे की मार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
सब बच्चों का हाल सुना दे,
मिश्रानी की बात बता दे ।
रे सब बच्चो का हाल सुना दे,
मिश्रानी की बात बता दे ।
रे क्यों गया हार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
चाहिए था रे तन्ने पहल में आना,
इतना दुःख नहीं पड़ता ठाणा ।
रे चाहिए था रे तन्ने पहल में आना,
इतना दुःख नहीं पड़ता ठाणा ।
क्यों भुल्ला प्यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
इब भी आगया ठीक वक़्त पे,
आज बैठ जा मेरे तखत पै ।
रे इब भी आगया ठीक वक़्त पे,
आज बैठ जा मेरे तखत पै ।
जिगरी यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
आजा भगत छाती पे लाल्यूँ,
इब बता तन्ने कन्ने बिठा लूँ ।
रे आजा भगत छाती पे लाल्यूँ,
इब बता तन्ने कन्ने बिठा लूँ ।
करूँ साहूकार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।
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