दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से भजन | Dinanath Meri Baat Chani Koni Bhajan
ये भजन श्री कृष्ण से जुड़ा हुए है और उनकी भक्ति में समर्पित है और उनके प्रति श्रद्धा और प्रेम को दिखाता है। "दीनानाथ" शब्द श्री कृष्ण के एक नाम के रूप में उपयोग होता है, जिसका अर्थ होता है 'दीनों के नाथ' या 'गरीबों के स्वामी'। इस भजन में आप श्री कृष्ण के सामने अपनी बात अपनी प्रार्थना रखते हैं, ये दिखाते हुए कि केवल श्री कृष्ण के भजन में ही आत्मा की शांति और मोक्ष का रास्ता है।
"छानी कोणी तेरे से भजन" का अर्थ है कि भजन करने का अवसर केवल भगवान की कृपा से ही प्राप्त होता है, और ये बताता है कि भगवान के भजन से दूर कोई भी नहीं रह सकता। ये भजन आपको श्री कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और विश्वास को और मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है।
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से लिरिक्स | Dinanath Meri Baat Chani Koni Lyrics
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
खाटू वाले श्याम तेरी शरण में आ गयो
श्याम प्रभु रूप तेरो नैणां में समां गयो
बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
बालक हूँ मैं तेरो श्याम, मुझको निभायले
दुखड़े को मारयो मन, कालजे लगायले
पथ दिखलादे बाबा, काढ़ दे अँधेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
मुरली अधर पे, कदम तल झूमे हैं
भक्त खड़ा तेरे चरणां ने चूमे हैं
खाली हाथ बोल कया, जाऊ तेरे-नेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से
खाओ हो थे खीर चूरमो लीले ऊपर घूमो हो
सेवका न बाबा थे क़द्दे ही कोनी भूलो हो
टाबरियाँ की झोली भर भेजो थारे डेरे से
आँखडली चुरा के बाबा जासी कठे मेरे से
दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से
आँखडली चुराकर बाबा जासी कठे मेरे से