मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की भजन | Main Toh Aarti Utaru Re Bhajan
"मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की" ये एक बहुत ही लोकप्रिय और चर्चित भजन है जो संतोषी माता की महिमा का गुणगान करने के लिए गाया जाता है। इस भजन में आप अपनी श्रद्धा और समर्पण को व्यक्त करते हुए संतोषी माता की आरती उतारने का संकल्प करते है। संतोषी माता को सुख, शांति और संतोष की देवी माना जाता है, और इस भजन में आप ये प्रकट करते है कि आप अपनी पूरी श्रद्धा और निष्ठा से माता की पूजा अर्चना करना चाहते हैं।
इस भजन में माता की कृपा प्राप्त करने का भाव व्यक्त किया जाता है, ताकि जीवन में संतोष और सुख का वास हो सके।
इस भजन को गाने या सुनने से आपके दिल में संतोष और आभार की भावना पैदा होती है, और आप जीवन की छोटी-छोटी खुशियों में संतुष्ट रहने के लिए प्रेरित होते हैं।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की लिरिक्स | Main Toh Aarti Utaru Re Lyrics
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
जय जय संतोषी माता जय जय माँ
जय जय संतोषी माता जय जय माँ
बड़ी ममता है बड़ा प्यार माँ की आँखों मे।
माँ की आँखों मे।
बड़ी करुणा माया दुलार माँ की आँखों मे।
माँ की आँखों मे।
क्यूँ ना देखूँ मैं बारम्बार माँ की आँखों मे।
माँ की आँखों मे।
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार आँखों मे।
माँ की आँखों मे।
नृत्य करो झूम झूम, छम छमा छम झूम झूम,
झांकी निहारो रे॥
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
जय जय संतोषी माता जय जय माँ
जय जय संतोषी माता जय जय माँ
सदा होती है जय जय कार माँ के मंदिर मे।
माँ के मंदिर मे।
नित्त झांझर की होवे झंकार माँ के मंदिर मे।
माँ के मंदिर मे।
सदा मंजीरे करते पुकार माँ के मंदिर मे।
माँ के मंदिर मे।
वरदान के भरे हैं भंडार, माँ के मंदिर मे।
माँ के मंदिर मे।
दीप धरो धूप करूँ, प्रेम सहित भक्ति करूँ,
जीवन सुधारो रे॥
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
जय जय संतोषी माता जय जय माँ
जय जय संतोषी माता जय जय माँ