"भोलेनाथ की कृपा का अनुभव करें, 'मेरे भोले बाबा' भजन पढ़ें और भक्ति में समाएं!"
ये भजन भगवान शिव की महिमा और उनकी कृपा का गुणगान करता है। इस भजन को सुनने और गाने से मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। भोलेनाथ के प्रति समर्पण और आस्था बढ़ती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयों का समाधान होता है। यह भजन ध्यान और भक्ति के लिए आदर्श है, जो आत्मिक संतुलन और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
वो है त्रिपुरारी अनाड़ी मत समझो ॥
मेरे भोले बाबा के गले सर्प माला,
मेरे भोले बाबा के गले सर्प माला,
सर्पो को देख कर सपेरा मत समझो,
सपेरा मत समझो, सपेरा मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
वो है त्रिपुरारी अनाड़ी मत समझो ॥
मेरे भोले बाबा के हाथो में डमरू,
मेरे भोले बाबा के हाथो में डमरू,
डमरू को देखके मदारी मत समझो,
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
वो है त्रिपुरारी अनाडी मत समझो ॥
मेरे भोले बाबा के तन पे मृगछाला,
मेरे भोले बाबा के तन पे मृगछाला,
मृगछाला को देखके शिकारी मत समझो,
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
वो है त्रिपुरारी अनाड़ी मत समझो ॥
मेरे भोले बाबा के तन पे है भस्मी,
मेरे भोले बाबा के तन पे है भस्मी,
भस्मी को देखके मनमौजी मत समझो,
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
वो है त्रिपुरारी अनाडी मत समझो ॥
मेरे भोले बाबा के साथ में है नंदी,
मेरे भोले बाबा के साथ में है नंदी,
नंदी को देखके व्यापारी मत समझो,
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
वो है त्रिपुरारी अनाडी मत समझो ॥
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
वो है त्रिपुरारी अनाड़ी मत समझो ॥
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