मीठे रस से भरीयो री, भजन । Mithe Ras Se Bharyo Bhajan
जब आप "मीठे रस से भरीयो री" भजन को सुनते हैं, तो आपके मन में एक अलग ही आनंद और शांति का एहसास होता है। इस भजन में श्रीकृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और प्रेम की भावनाओं के बारे में बताया गया है। जैसे ही आप इसकी मधुर धुन में खोते हैं, आपको ऐसा लगता है मानो प्रेमिका अपने ह्रदय की गहराइयों से भगवान श्रीकृष्ण के साथ अपनी अनकही भावनाएँ साझा कर रही हो।
यह भजन आपको श्रीकृष्ण की लीला में ले जाता है, जहाँ आप उनके साथ अपनी भावनाओं को अनुभव कर सकते हैं। जब आप इसे गाते या सुनते हैं, तो आपकी हर चिंता और उदासी दूर हो जाती है, यह भजन आपको हृदय से श्रीकृष्ण की ओर आकर्षित करता है और एक आध्यात्मिक अनुभव का एहसास कराता है।
मीठे रस से भरीयो री, भजन लिरिक्स । Mithe Ras Se Bharyo Bhajan Lyrics
श्लोक
राधा तू बड़भागिनी,
और कौन तपस्या किन,
तीन लोक के स्वामी है,
राधा सब तेरे आधीन ।
मीठे रस से भरीयो री,
राधा रानी लागे,
महारानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे ॥
यमुना मैया कारी कारी,
राधा गोरी गोरी,
वृन्दावन में धूम मचावे,
बरसाने की छोरी,
ब्रजधाम राधा जु की,
रजधानी लागे,
महारानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे ॥
ना भावे अब माखन मिसरी,
और ना कोई मिठाई,
जीबड़या ने भावे अब तो,
राधा नाम मलाई,
वृषभानु की लली तो,
गुड़धानी लागे,
गुड़धानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे
कान्हा नित मुरली मे टेरे,
सुमरे बारम्बार,
कोटिन रूप धरे मनमोहन,
कोई ना पावे पार,
राधा रूप की अनोखी,
पटरानी लागे,
महारानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे ॥
राधा राधा नाम रटत है,
जो नर आठों याम,
उनकी बाधा दूर करत है,
राधा राधा नाम,
राधा नाम मे सफल,
जिंदगानी लागे,
जिंदगानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे ॥
मीठे रस से भरयो री,
राधा रानी लागे,
महारानी लागे,
मने कारो कारो,
जमुना जी रो पानी लागे ॥