श्यामा आन बसों वृन्दावन में भजन | Shyama Aan Baso Vrindavan Me Bhajan
"श्यामा आन बसों वृन्दावन में" ये एक बहुत ही प्रचलित और पसंद किया जाने वाला भजन है जिसमें आप भगवान श्री कृष्ण की शरण में समर्पित होकर उनके साथ वृन्दावन की सुंदरता और उनकी लीलाओं का आनंद महसूस करते हैं। यह भजन आपके मन में भगवान कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और प्रेम की भावना को जागृत करता है।
जैसे ही आप इस भजन को गाते हैं या सुनते हैं, आप खुद को वृन्दावन की गलियों में, श्री कृष्ण के संग रास लीला में खोया हुआ महसूस करते हैं। यह भजन आपकी आत्मा को शांति और आनंद प्रदान करता है, और आपको भगवान श्री कृष्ण की दिव्यता और सौम्यता का अनुभव कराता है।
श्यामा आन बसों वृन्दावन में लिरिक्स | Shyama Aan Baso Vrindavan Me Lyrics
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ।
श्यामा रसते में बाग लगा जाना,
फुल बीनुगी तेरी माला के लिए ।
तेरी बाट निहारूं कुंजन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ।
श्यामा रसते में कुआँ खुदवा जाना,
मैं तो नीर भरुंगी तेरे लिए ।
मैं तुझे नहालाउंगी मल-मल के,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।
श्यामा मुरली मधुर सुना जाना,
मोहे आके दरश दिखा जाना ।
तेरी सूरत बसी है अंखियन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।
श्यामा वृन्दावन में आ जाना,
आकर के रास रचा जाना ।
सूनी गोकुल की गलियन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।
श्यामा माखन चुराने आ जाना,
आकर के दही बिखरा जाना ।
बस आप रहो मेरे मन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।