हनुमान चालीसा की असली कहानी

हनुमान चालीसा की असली कहानी

चालीसा की रचना


हनुमान चालीसा की रचना कैसे हुई?

हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी और इसकी रचना किसी आश्रम या दरबार में नहीं की गई थी। हनुमान चालीसा को मुगल शासक अकबर की जेल में लिखा गया था। यहां हम उसकी कथा के बारे में बता रहे हैं।

हनुमान चालीसा का अर्थ है भगवान राम के भक्त हनुमान की स्तुति में लिखे गए 40 छंद। हनुमान चालीसा हिंदू घरों में बहुत लोकप्रिय है और कई ऐसे हैं जो इसे रोजाना पढ़ते हैं। लोगों का मानना ​​है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी के संकट दूर हो जाते हैं। आपने भी कभी हनुमान चालीसा का पाठ या सुना या पढ़ा होगा। लेकिन, बहुत कम लोग हनुमान चालीसा की कथा जानते हैं।

दरअसल, हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी और इसकी रचना किसी आश्रम या दरबार में नहीं की गई थी। हनुमान चालीसा को मुगल शासक अकबर की जेल में रखा गया था। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है, लेकिन हनुमान चालीसा की रचना के संबंध में यह कथा प्रचलित है। माना जाता है कि तुलसीदास जी ने अकबर की जेल में इसकी रचना की थी और आगे जो हुआ उसे देखकर अकबर भी दंग रह गया।

ऐसे में जानते हैं क्या है ये कहानी और कैसे तुलसीदास जी पहुंचे अकबर के दरबार में और कैसे हुई इसकी रचना?

क्या है कहानी

कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास को मुगल सम्राट अकबर की कैद के दौरान हनुमान चालीसा लिखने की प्रेरणा मिली थी। कहानी प्रचलित हुई कि एक बार मुगल बादशाह अकबर गोस्वामी ने तुलसीदास जी को अपने राज्य में बुलाया और जब तुलसीदास को दरबार ने अकबर की प्रशंसा में कुछ ग्रंथ लिखने को कहा तो उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद अकबर ने उन्हें बंदी बना लिया।

वहीं कुछ कथाएं कहती हैं कि तुलसीदास जी ने उनसे कुछ चमत्कार करने को कहा, जैसा कि उन्होंने उनके बारे में सुना था। पौराणिक कथाकार देवदत्त पटनायक ने भी कुछ मंचों पर कुछ ऐसी ही कहानी सुनाई। कहानी यह है कि उसके बाद तुलसीदास लंबे समय तक कैद में रहे। इसी दौरान उन्होंने जेल में हनुमान चालीसा लिखी। ऐसा कहा जाता है कि कई बार हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद, बंदरों ने अचानक अकबर के महल परिसर और शहर पर हमला कर दिया और जब अकबर को यह पता चला, तो उसने तुलसीदास को रिहा करने का आदेश दिया।

कहा जाता है कि उस समय हनुमान चालीसा का लगातार पाठ करने से ही उनके संकट दूर हो गए थे। इसमें हनुमान चालीसा में 'संकट कटे मिते सब पीरा जो सुमिरे हनुमत बलबीरा' पंक्ति भी है। यानी इसका 100 बार पाठ करने से हर संकट से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में कहा जाता है कि हनुमान ने चालीसा की रचना अकबर के कारावास के बाद ही की थी।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
srimandir-logo

Sri Mandir has brought religious services to the masses in India by connecting devotees, pundits, and temples. Partnering with over 50 renowned temples, we provide exclusive pujas and offerings services performed by expert pandits and share videos of the completed puja rituals.

Play StoreApp Store

Follow us on

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2024 SriMandir, Inc. All rights reserved.