दिसंबर 2025 में कौन-कौन से व्रत और त्योहार हैं? जानें मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती व धनु संक्रांति की खास तिथियां और पंचांग विवरण।
दिसंबर का महीना धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वों का आनंद लेकर आता है। इस माह में गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है, जो भगवद्गीता के उपदेशों का स्मरण कराता है। दत्त जयंती भी दिसंबर में पड़ती है, जो भगवान दत्तात्रेय के अवतरण का उत्सव है। इसके अलावा, क्रिसमस का त्योहार पूरे विश्व में हर्षोल्लास से मनाया जाता है, जो ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है। दिसंबर उत्सव और भक्ति का महीना है।
दिसंबर 2025 हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कई महत्वपूर्ण त्योहार और धार्मिक अवसरों का महीना है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत, पर्व और तिथियाँ हैं, जिनका धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है। आइए, जानते हैं दिसंबर 2025 में आने वाले प्रमुख पर्वों और त्योहारों के बारे में:
जिस शुभ दिन पर भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, उसे आज भी गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु गीता के श्लोकों का पाठ करते हैं और गीता के ज्ञान को अपने जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करते हैं। गीता जयंती के दिन विशेष पूजा, पाठ और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। यह दिन भक्तों के लिए भगवान श्री कृष्ण की उपासना और उनके जीवन के अमूल्य संदेशों को समझने का अवसर होता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। मोक्षदा एकादशी का शाब्दिक अर्थ है मोक्ष प्रदान करने वाली। यह एकादशी भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस दिन का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख समाप्त हो जाते हैं और उसे आध्यात्मिक शांति मिलती है। मोक्षदा एकादशी के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनके मंत्रों का जाप किया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह में आने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हर उस हरि भक्त के लिए यह एकादशी बेहद महत्वपूर्ण है, जिसकी असीम आस्था भगवान में निहित है। सफल एकादशी का व्रत मनुष्य के जीवन में सफलता और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन उपवासी रहकर भक्त भगवान विष्णु के आशीर्वाद से अपने जीवन को संपूर्णता और समृद्धि की ओर अग्रसर करने के लिए व्रत करते हैं। इस दिन विशेष रूप से प्रभु के नाम का जाप करने और उनका ध्यान करने से जीवन में कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
जब सूर्यदेव वृश्चिक राशि से धनु राशि में गोचर करते हैं तो इस दिन को धनु संक्रांति कहा जाता है। धनु संक्रांति के दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सूर्यमंत्र का जाप किया जाता है। यह दिन कृषि कार्यों के लिए शुभ होता है और खासकर किसानों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन को खिचड़ी संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि बहुत से लोग खिचड़ी बनाने और खाने की परंपरा निभाते हैं। इसे पुण्य स्नान के दिन के रूप में भी मनाया जाता है, और कई लोग इस दिन गंगा स्नान करने के लिए जाते हैं।
निष्कर्ष:
दिसंबर 2025 में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण पर्व और व्रत आते हैं, जिनमें गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी, सफला एकादशी और धनु संक्रांति शामिल हैं। इन पर्वों का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है, जो जीवन में शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए प्रेरित करते हैं। इन दिनों में विशेष पूजा, व्रत और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में दिव्य आशीर्वाद और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकता है।
S No. | त्योहार | दिनांक |
1 | गीता जयंती | 1 दिसंबर 2025, सोमवार |
2 | गुरुवायुर एकादशी | 1 दिसंबर 2025, सोमवार |
3 | विश्व एड्स दिवस | 1 दिसंबर 2025, सोमवार |
4 | मोक्षदा एकादशी | 1 दिसंबर 2025, सोमवार |
5 | मत्स्य द्वादशी | 2 दिसंबर 2025, मंगलवार |
6 | प्रदोष व्रत | 2 दिसंबर 2025, मंगलवार |
7 | हनुमान जयंती *कन्नड़ | 3 दिसंबर 2025, बुधवार |
8 | दत्तात्रेय जयंती | 4 दिसंबर 2025, गुरुवार |
9 | अन्नपूर्णा जयंती | 4 दिसंबर 2025, गुरुवार |
10 | भैरवी जयंती | 4 दिसंबर 2025, गुरुवार |
11 | कार्तिगई दीपम | 4 दिसंबर 2025, गुरुवार |
12 | मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत | 4 दिसंबर 2025, गुरुवार |
13 | मार्गशीर्ष पूर्णिमा | 4 दिसंबर 2025, गुरुवार |
14 | अन्वाधान | 4 दिसंबर 2025, गुरुवार |
15 | पौष आरंभ *उत्तर | 5 दिसंबर 2025, शुक्रवार |
16 | रोहिणी व्रत | 5 दिसंबर 2025, शुक्रवार |
17 | इष्टि | 5 दिसंबर 2025, शुक्रवार |
18 | अखुरथ संकष्टी चतुर्थी | 7 दिसंबर 2025, रविवार |
19 | कालाष्टमी | 11 दिसंबर 2025, गुरुवार |
20 | मासिक कृष्ण जन्माष्टमी | 11 दिसंबर 2025, गुरुवार |
21 | सफला एकादशी | 15 दिसंबर 2025, सोमवार |
22 | धनु संक्रांति | 16 दिसंबर 2025, मंगलवार |
23 | प्रदोष व्रत | 17 दिसंबर 2025, बुधवार |
24 | मासिक शिवरात्रि | 18 दिसंबर 2025, गुरुवार |
25 | हनुमान जयंती *तमिल | 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार |
26 | दर्श अमावस्या | 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार |
27 | अन्वाधान | 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार |
28 | पौष अमावस्या | 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार |
29 | इष्टि | 20 दिसंबर 2025, शनिवार |
30 | वर्ष का सबसे छोटा दिन | 21 दिसंबर 2025, रविवार |
31 | चंद्र दर्शन | 21 दिसंबर 2025, रविवार |
32 | विनायक चतुर्थी | 24 दिसंबर 2025, बुधवार |
33 | स्कंद षष्ठी | 25 दिसंबर 2025, गुरुवार |
34 | गुरु गोबिंद सिंह जयंती | 27 दिसंबर 2025, शनिवार |
35 | मंडल पूजा | 27 दिसंबर 2025, शनिवार |
36 | बनदा अष्टमी | 28 दिसंबर 2025, रविवार |
37 | मासिक दुर्गाष्टमी | 28 दिसंबर 2025, रविवार |
38 | तैलंग स्वामी जयंती | 30 दिसंबर 2025, मंगलवार |
39 | पौष पुत्रदा एकादशी | 30 दिसंबर 2025, मंगलवार |
40 | धर्म सवर्णि मन्वादि | 30 दिसंबर 2025, मंगलवार |
41 | मासिक कार्तिगई | 31 दिसंबर 2025, बुधवार |
42 | वैकुंठ एकादशी | 31 दिसंबर 2025, बुधवार |
43 | गौणा पौष पुत्रदा एकादशी | 31 दिसंबर 2025, बुधवार |
44 | वैष्णव पौष पुत्रदा एकादशी | 31 दिसंबर 2025, बुधवार |
45 | कूर्म द्वादशी | 31 दिसंबर 2025, बुधवार |
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