नवंबर 2025 में कौन-कौन से व्रत और त्योहार हैं? जानें देवउत्थान एकादशी, तुलसी विवाह, वैकुण्ठ चतुर्दशी व देव दीपावली की खास तिथियां और पंचांग विवरण।
नवंबर में कई महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व मनाए जाते हैं। देवउत्थान एकादशी का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चातुर्मास के शयन से जागते हैं। इसके साथ तुलसी विवाह का आयोजन होता है, जो विष्णुजी और तुलसी के पवित्र मिलन का प्रतीक है। वैकुण्ठ चतुर्दशी भगवान विष्णु और शिव की संयुक्त पूजा का दिन है। देव दीपावली काशी में गंगा के तट पर दीपों से सजी एक अद्भुत छटा प्रस्तुत करती है।
नवंबर साल का ग्यारहवाँ महीना है और उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु (पतझड़) का आखिरी महीना माना जाता है। यह महीना अक्सर ठंडे मौसम की शुरुआत का संकेत देता है, जब पत्ते गिरने लगते हैं और दिन छोटे होने लगते हैं। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, यह महीना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है, क्योंकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार नवंबर महीने में कई बड़े पर्व मनाए जाते हैं।
देवउत्थान एकादशी – साल में पड़ने वाली 24 एकादशियों में से देवउत्थान एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी का हिंदू संस्कृति में विशेष महत्व है। इस दिन से ही भगवान विष्णु जागृत अवस्था में आते हैं। पंचांग के अनुसार यह एकादशी कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन पड़ती है। यह दिन चातुर्मास यानि की चार माह की अवधि का समापन भी होता है जो कि भगवान विष्णु की शयन अवधि मानी जाती हैं। साल 2025 में देवउत्थान एकादशी 1 नवंबर, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।
तुलसी विवाह – हिन्दू धर्म में तुलसी विवाह को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, और इसका कारण है सनातन संस्कृति में तुलसी को माता लक्ष्मी का रूप माना जाना। पुराणों के अनुसार तुलसी जी माता लक्ष्मी का स्वरूप हैं, और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के शालिग्राम रूप से विवाह किया था। इसीलिए इस विशेष तिथि पर लोग माता तुलसी का शालिग्राम जी से विवाह करवाकर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। साल 2025 में तुलसी विवाह 2 नवंबर, रविवार के दिन होगा।
वैकुण्ठ चतुर्दशी – वैकुण्ठ चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह त्योहार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन वैकुण्ठ धाम के द्वार खुल जाते हैं और जो भी भक्त भगवान विष्णु की भक्ति के साथ पूजा करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साल 2025 में वैकुण्ठ चतुर्दशी 4 नवंबर, मंगलवार के दिन रहेगी।
कार्तिक चौमासी चौदस – कार्तिक चौमासी चौदस हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। कार्तिक माह को भगवान विष्णु का माह माना जाता है। इस माह में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साल 2025 में कार्तिक चौमासी चौदस 4 नवंबर, मंगलवार के दिन रहेगी।
देव दीपावली - दिवाली के त्यौहार के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। देव दिवाली का यह त्यौहार देश के कई राज्यों में बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है लेकिन इसका सबसे ज्यादा उत्साह बनारस में देखने को मिलता है। देव दिवाली के अवसर पर गंगा नदी के घाटों पर दिये जलाये जाते हैं। एक प्रचलित मान्यता के अनुसार इस दिन देवता स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं। साल 2025 में देव दीपावली 5 नवंबर, बुधवार के दिन मनाई जाएगी।
पुष्कर स्नान – पुष्कर, राजस्थान राज्य में अजमेर से करीब 11 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है। यह हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और यहां पर बने हुए सरोवर की भी धार्मिक विशेषता है। धार्मिक आधार पर, यहां मौजूद सरोवर में स्नान करने के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा तक पांचों दिन श्रेष्ठ होते हैं। साल 2025 में पुष्कर स्नान 5 नवंबर, बुधवार को कर सकेंगे।
कार्तिक पूर्णिमा – कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। यह त्योहार प्रकाश, ज्ञान और शुद्धता का प्रतीक है। साल 2025 में कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर, बुधवार के दिन मनाई जाएगी।
विनायक चतुर्थी – सनातन धर्म में भगवान गणेश प्रथम पूज्य माने जाते हैं। अर्थात प्रत्येक पूजा से पहले श्री गणेश जी का आह्वान और पूजन किया जाता है। प्रत्येक वर्ष में हर माह आने वाला विनायक चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को ही समर्पित है। हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला यह पर्व मनोवांछित फल देने वाला माना जाता है। साल 2025 में विनायक चतुर्थी 24 नवंबर, सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
स्कन्द षष्ठी – ये व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है। तो चलिए जानते हैं स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त, साथ ही जानते हैं कि इस पर्व का महत्व क्या है। साल 2025 में स्कन्द षष्ठी 26 नवंबर, बुधवार के दिन मनाई जाएगी।
S No. | त्योहार | दिनांक |
1 | कंस वध | 1 नवंबर 2025, शनिवार |
2 | भीष्म पंचक आरंभ | 1 नवंबर 2025, शनिवार |
3 | देवउठनी एकादशी | 1 नवंबर 2025, शनिवार |
4 | तुलसी विवाह | 2 नवंबर 2025, रविवार |
5 | गौणा देवउठनी एकादशी | 2 नवंबर 2025, रविवार |
6 | वैष्णव देवउठनी एकादशी | 2 नवंबर 2025, रविवार |
7 | योगेश्वर द्वादशी | 2 नवंबर 2025, रविवार |
8 | तमस मन्वादि | 2 नवंबर 2025, रविवार |
9 | विश्वेश्वर व्रत | 3 नवंबर 2025, सोमवार |
10 | प्रदोष व्रत | 3 नवंबर 2025, सोमवार |
11 | वैकुंठ चतुर्दशी | 4 नवंबर 2025, मंगलवार |
12 | मणिकर्णिका स्नान | 4 नवंबर 2025, मंगलवार |
13 | कार्तिक चौमासी चौदस | 4 नवंबर 2025, मंगलवार |
14 | देव दीपावली | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
15 | भीष्म पंचक समाप्त | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
16 | गुरु नानक जयंती | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
17 | पुष्कर स्नान | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
18 | कार्तिक अष्टाह्निका समाप्त | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
19 | कार्तिक रथ यात्रा | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
20 | कार्तिक पूर्णिमा व्रत | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
21 | कार्तिक पूर्णिमा | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
22 | अन्वाधान | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
23 | उत्तम मन्वादि | 5 नवंबर 2025, बुधवार |
24 | मार्गशीर्ष आरंभ *उत्तर | 6 नवंबर 2025, गुरुवार |
25 | मासिक कार्तिगई | 6 नवंबर 2025, गुरुवार |
26 | इष्टि | 6 नवंबर 2025, गुरुवार |
27 | रोहिणी व्रत | 7 नवंबर 2025, शुक्रवार |
28 | गणाधिप संकष्टी चतुर्थी | 8 नवंबर 2025, शनिवार |
29 | मासिक कृष्ण जन्माष्टमी | 11 नवंबर 2025, मंगलवार |
30 | कालभैरव जयंती | 12 नवंबर 2025, बुधवार |
31 | कालाष्टमी | 12 नवंबर 2025, बुधवार |
32 | नेहरू जयंती | 14 नवंबर 2025, शुक्रवार |
33 | बाल दिवस | 14 नवंबर 2025, शुक्रवार |
34 | उत्पन्ना एकादशी | 15 नवंबर 2025, शनिवार |
35 | वृश्चिक संक्रांति | 16 नवंबर 2025, रविवार |
36 | मंडल पूजा आरंभ | 17 नवंबर 2025, सोमवार |
37 | प्रदोष व्रत | 17 नवंबर 2025, सोमवार |
38 | मासिक शिवरात्रि | 18 नवंबर 2025, मंगलवार |
39 | दर्श अमावस्या | 19 नवंबर 2025, बुधवार |
40 | अन्वाधान | 20 नवंबर 2025, गुरुवार |
41 | मार्गशीर्ष अमावस्या | 20 नवंबर 2025, गुरुवार |
42 | इष्टि | 21 नवंबर 2025, शुक्रवार |
43 | चंद्र दर्शन | 22 नवंबर 2025, शनिवार |
44 | विनायक चतुर्थी | 24 नवंबर 2025, सोमवार |
45 | विवाह पंचमी | 25 नवंबर 2025, मंगलवार |
46 | नाग पंचमी *तेलुगु | 25 नवंबर 2025, मंगलवार |
47 | सुब्रह्मण्य षष्ठी | 26 नवंबर 2025, बुधवार |
48 | चंपा षष्ठी | 26 नवंबर 2025, बुधवार |
49 | स्कंद षष्ठी | 26 नवंबर 2025, बुधवार |
50 | मासिक दुर्गाष्टमी | 28 नवंबर 2025, शुक्रवार |
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