मार्च 2025 का हिंदू कैलेंडर
image

मार्च 2025 का हिंदू कैलेंडर

मार्च 2025 में कौन-कौन से व्रत और त्योहार हैं? जानें होली, बसंत पूर्णिमा व लक्ष्मी जयंती की खास तिथियां और पंचांग विवरण।

मार्च में आने वाले प्रमुख पर्व के बारे में

मार्च माह में वसंत ऋतु की खुशबू के साथ कई प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं। इस माह होली का त्योहार विशेष रूप से उत्साह और रंगों का प्रतीक है। होलिका दहन और रंगों की होली सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का संदेश देते हैं। इसके अलावा, मासिक शिवरात्रि जैसे धार्मिक पर्व भी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाए जाते हैं। मार्च का महीना प्रकृति और त्योहारों का अद्भुत संगम है।

मार्च में आने वाले प्रमुख पर्व

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्च माह का विशेष महत्व है क्योंकि यह आम तौर पर फाल्गुन और चैत्र महीने के बीच का समय होता है। मार्च में कई धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व आते हैं, जिनका हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं और त्यौहार दिए जा रहे हैं जो मार्च में मनाए जाते हैं, मार्च 2025 में निम्नलिखित तिथियाँ और धार्मिक अवसर महत्वपूर्ण हैं

आमलकी एकादशी – 10 मार्च 2025, सोमवार

जो एकादशी फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है, उसे आमलकी एकादशी कहा जाता है। 'आमलकी' शब्द का अर्थ होता है 'आंवला', अतः इस एकादशी पर आंवले का सर्वाधिक महत्व है। इस दिन भक्तजन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा करते है। आंवला का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक है, क्योंकि इसे स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन उपवासी रहकर भक्तजन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, और विशेष रूप से आंवला के पेड़ की परिक्रमा करते हैं। इसे "आमलकी द्वादशी" भी कहा जाता है, जो खासतौर पर उत्तर भारत और दक्षिण भारत में मनाई जाती है।

होलिका दहन – 13 मार्च 2025, गुरुवार

‘भक्ति में है शक्ति’ इस बात को साक्षात चरितार्थ करने वाला पर्व है होलिका दहन! कई जगहों पर इसे छोटी होली के नाम से भी जानते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। शाम और रात के समय मुहूर्त के अनुसार होलिका का दहन किया जाता है। भगवान विष्णु द्वारा अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए होलिका के वध का दिन ही होलिका दहन का दिन है।

होली – 14 मार्च 2025, शुक्रवार

होली हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध और रंगों का त्योहार है, जो फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और रंगों के द्वारा खुशी और भाईचारे का उत्सव मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे को रंगों से खेलते हैं, और होली की आग में दहन करके बुराई का नाश करने का संदेश देते हैं। होली का पर्व विशेष रूप से भारत और नेपाल में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

फाल्गुन पूर्णिमा – 14 मार्च 2025, शुक्रवार

फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भक्तों द्वारा पवित्र नदियों में स्नान करने, व्रत रखने और भगवान का स्मरण करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। साथ ही, इस दिन से ब्राह्मणी पूजन और अन्य धार्मिक कार्यों का भी महत्व है।

पापमोचनी एकादशी – 25 मार्च 2025, मंगलवार

पापमोचनी एकादशी हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण उपवासी व्रतों में से एक है। यह चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भक्तजन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और विशेष रूप से पापों से मुक्ति के लिए व्रत रखते हैं। इसे "पापों को नष्ट करने वाली एकादशी" भी कहा जाता है। इस दिन का उद्देश्य अपने पापों को नष्ट करना और पुण्य अर्जित करना होता है।

सूर्य ग्रहण – 29 मार्च 2025, शनिवार

सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को होगा। यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जो धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। सूर्य ग्रहण के दौरान कई हिन्दू परंपराओं के अनुसार व्रत, स्नान और ध्यान करना शुभ माना जाता है। सूर्य ग्रहण के समय विशेष रूप से मंत्रों का जाप किया जाता है और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। ग्रहण के बाद पुनः शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं।

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) – 30 मार्च 2025, रविवार

हिंदू नव वर्ष इस लिए भी विशेष माना जाता है क्योंकि इस दिन गुड़ी पड़वा जैसा महत्वपूर्ण पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को महाराष्ट्र सहित आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक आदि राज्यों में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में गुड़ी (ध्वज) लगाते हैं और नये साल की शुरुआत को उत्सव के रूप में मनाते हैं। इसे विशेष रूप से अपने घरों की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा का पर्व विशेष रूप से महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

चैत्र नवरात्रि – 30 मार्च 2025 से 6 अप्रैल 2025

चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होने वाली यह नवरात्रि देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा का पर्व है। 2025 में यह नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगी। इस पर्व में नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है और विशेष रूप से उपवासी रहकर व्रत रखा जाता है। यह समय शक्ति की आराधना और आत्मिक शुद्धि का होता है। नवरात्रि के दौरान मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, यज्ञ, हवन, और जागरण आयोजित किए जाते हैं।

गंगौर – 31 मार्च 2025

गंगौर का पर्व विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से शिव और पार्वती के पूजन का होता है, और इसे खासकर महिलाएँ मनाती हैं। महिलाएँ इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। गंगौर के दिन विशेष रूप से पूजा, व्रत, और झांकी निकलती है। यह पर्व होली के बाद मनाया जाता है और इसका महत्व विशेष रूप से महिलाओं के लिए होता है।

निष्कर्ष:

मार्च 2025 में हिन्दू धर्म के अनेक महत्वपूर्ण पर्व और तिथियाँ हैं, जिनमें आमलकी एकादशी, होली, पापमोचनी एकादशी, सूर्य ग्रहण, गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि और गंगौर जैसे प्रमुख त्योहार शामिल हैं। इन दिनों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक होता है, और ये भारतीय समाज में श्रद्धा, उत्सव, और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक हैं।

मार्च के प्रमुख पर्व की सूची

S No.

त्योहार

तिथि

1

फुलेरा दूज1 मार्च 2025, शनिवार

2

रामकृष्ण जयंती1 मार्च 2025, शनिवार

3

चंद्र दर्शन1 मार्च 2025, शनिवार

4

विनायक चतुर्थी3 मार्च 2025, सोमवार

5

स्कंद षष्ठी4 मार्च 2025, मंगलवार

6

मासिक कार्तिगई5 मार्च 2025, बुधवार

7

रोहिणी व्रत6 मार्च 2025, गुरुवार

8

फाल्गुन अष्टाह्निका प्रारंभ6 मार्च 2025, गुरुवार

9

मासिक दुर्गाष्टमी7 मार्च 2025, शुक्रवार

10

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस8 मार्च 2025, शनिवार

11

आमलकी एकादशी10 मार्च 2025, सोमवार

12

नरसिंह द्वादशी10 मार्च 2025, सोमवार

13

प्रदोष व्रत11 मार्च 2025, मंगलवार

14

मासी मगम12 मार्च 2025, बुधवार

15

छोटी होली13 मार्च 2025, गुरुवार

16

होलिका दहन13 मार्च 2025, गुरुवार

17

फाल्गुन पूर्णिमा व्रत13 मार्च 2025, गुरुवार

18

वसंत पूर्णिमा14 मार्च 2025, शुक्रवार

19

चैतन्य महाप्रभु जयंती14 मार्च 2025, शुक्रवार

20

होली14 मार्च 2025, शुक्रवार

21

लक्ष्मी जयंती14 मार्च 2025, शुक्रवार

22

मीना संक्रांति14 मार्च 2025, शुक्रवार

23

चैत्र प्रारंभ (उत्तर भारत)15 मार्च 2025, शनिवार

24

भाई दूज16 मार्च 2025, रविवार

25

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी17 मार्च 2025, सोमवार

26

रंग पंचमी19 मार्च 2025, बुधवार

27

शीतला सप्तमी21 मार्च 2025, शुक्रवार

28

शीतला अष्टमी22 मार्च 2025, शनिवार

29

पापमोचनी एकादशी25 मार्च 2025, मंगलवार

30

मासिक शिवरात्रि27 मार्च 2025, गुरुवार

31

सूर्य ग्रहण29 मार्च 2025, शनिवार

32

चैत्र अमावस्या29 मार्च 2025, शनिवार

33

गुड़ी पड़वा30 मार्च 2025, रविवार

34

चैत्र नवरात्रि30 मार्च 2025, रविवार

35

मत्स्य जयंती31 मार्च 2025, सोमवार

36

गणगौर31 मार्च 2025, सोमवार
divider
Published by Sri Mandir·March 27, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:

Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102

Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.