महाशिवरात्रि - पूजा साम्रगी सूची
सनातन धर्म के अनुसार त्रिदेवों में से एक है भगवान शंकर! और भगवान शंकर की पूरी श्रद्धा से पूजा करने का पावन अवसर है महा शिवरात्रि। इस दिन शिव जी की पूजा, व्रत और अभिषेक आदि करने से आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी, इसीलिए इस दिन शिवपूजन अवश्य करें।
यदि आप अपने घर पर पूजा करना चाहते हैं तो यहां आपके लिए सम्पूर्ण पूजन सामग्री उपलब्ध हैं, इनमें से आप अपनी क्षमता और सुविधा के अनुसार सामग्री इकट्ठा करके भगवान शिव की पूरी आस्था के साथ पूजा शुरू करें, -
प्रतिमा/पूजन स्थल
- चौकी
- पीला वस्त्र
- भगवान शिवजी की सहपरिवार तस्वीर
- शिवलिंग
नोट : यदि आपके पास शिवलिंग उपलब्ध न हो तो आप काली या पीली मिट्टी, गाय का गोबर, साफ जगह से निकाली गई रेत आदि में थोड़ा गंगाजल मिलाकर शिवलिंग निर्मित करें। और महा शिवरात्रि पर इसकी पूजा करें।
तरल पदार्थ
- जल
- गंगाजल
- दूध
- गुलाब जल
पुष्प-पत्र
- आक के फूल
- माला
- बिल्वपत्र
- धतूरा का फल
- शमी के पत्ते
- लाल - पीले फूल (गुड़हल, गुलाब, गेंदा, सेवंती आदि)
- सफ़ेद फूल (कनेर, धतूरा, चमेली आदि)
- आम/अशोक के पत्ते (अष्टदल)
- कुशा
- आम, गेहूं और जौ की बालियां
- हरा चना या हरे चने की डालियाँ
- भांग (पत्ते, चूर्ण या भांग की गोली के रूप में)
- पान (मुखशुद्धि के लिए)
नोट : इस दिन केतकी के फूल भगवान शिव को भूलकर भी अर्पित न करें। भगवान शिव को केतकी के फूल अप्रिय है।
- कंद-मूल-फल
- बेर
- ऋतु फल (केला, सेब, संतरा, अनार आदि)
- गन्ना/ईख के टुकड़े
- आंवला
- गाजर
- शकरकंद
भोग
- मिष्ठान्न
- पञ्चामृत का सामान (दूध, घी, दही, शहद और शक्कर)
- नारियल
- पंचमेवा
नोट : आप अपने घर में भी हलवा-पुड़ी, मीठी खीर, मालपुआ जैसे बिना लहसुन-प्याज का बना सात्विक भोजन भी भोग में रख सकते हैं।
अन्य पूजन सामग्री और बर्तन
- पूजा की थाली
- कलश/जल पात्र
- धूप
- दीप
- हल्दी
- कुमकुम
- चन्दन
- अक्षत
- अगरबत्ती
- कर्पूर
माता पार्वती की पूजन सामग्री
- सोलह श्रृंगार की सामग्री
- चुनरी
भगवान गणेश जी की पूजन सामग्री
- जनेऊ
- दूर्वा
- इत्र
कलश स्थापना
- तांबे का कलश
- शुद्ध जल
- लाल कलावा या मौली
- दो साबुत लौंग
- दो साबुत सुपारी
- दो इलायची
- एक हल्दी की गांठ
- सिक्का
इसके साथ ही पूजा सामग्री में अपनी क्षमता के अनुसार दक्षिणा रखें। यह सम्पूर्ण पूजा सामग्री है, जो पूर्णतः आपकी क्षमता पर निर्भर करती हैं। जितना संभव हो उतना सामान जुटा लें, और जो न संभव हो सकें उसके लिए भगवान भोलेनाथ से क्षमा याचना करते हुए अपनी पूजा संपन्न करें।