महाशिवरात्रि व्रत के पालन के सही नियम जानें, ताकि आपकी पूजा और व्रत सफल हो और भगवान शिव की कृपा आपके जीवन में बरसे।
महाशिवरात्रि भगवान शंकर का विशेष दिन होता है। ये दिन उनके उपासकों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे उत्तम अवसर होता है। इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि भोलेनाथ की असीम कृपा आप पर बनी रहे, तो आपको उनके पूजा के नियमों को जानना भी बेहद जरूरी है। तो आइए इस महाशिवरात्रि हम भगवान शंकर को प्रसन्न करने वाले नियमों को डिटेल में समझते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर जल में काले तिल डालकर स्नान करें। यदि सम्भव हो तो इस दिन गंगा-स्नान करें। आप घर के जल में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
महा शिवरात्रि के दिन उपवास के दौरान अन्न एवं सादे नमक का सेवन बिल्कुल न करें। साथ ही अल्पाहार लें। बार-बार फलाहार न करें।
प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा एवं धूम्रपान आदि तामसिक चीजों का पूर्ण रूप से परहेज करें।
व्रत के दौरान दिन में न सोएं। शास्त्रों के अनुसार दिन में सोने से आपको व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलेगा।
यदि आप इस दिन निर्जला व्रत रखने में सक्षम नहीं हैं तो आप चाय, दूध और फल आदि का सेवन कर सकते हैं।
यदि व्रत में सात्विक भोजन ग्रहण कर रहें हैं। तो इसके लिए साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें।
इस दिन ब्रह्मचर्य के नियम का पूर्ण रूप से पालन करें। तन-मन की शुद्धता बनायें रखें।
व्रत के दौरान किसी से भी झगड़ा या वाद-विवाद न करें। निंदा न करें एवं झूठ न बोलें।
शिवपुराण में महाशिवरात्रि में रात के समय जागरण करने का अत्यंत महत्व बताया गया है। अतः व्रत के साथ रात्रि जागरण करें जिससे आपको व्रत का दोगुना फल प्राप्त होगा।
महा शिवरात्रि व्रत का नियम है कि इस व्रत को चतुर्दशी तिथि में ही आरंभ कर इसका पारण चतुर्दशी तिथि में ही करना चाहिए। अतः सूर्योदय व चतुर्दशी तिथि के अंत होने के मध्य के समय में ही व्रत का समापन करें।
शिवरात्रि के अगले दिन स्नान करने के बाद फल, दूध अथवा सात्विक भोजन ग्रहण करके व्रत का पारण करें।
दोस्तों, शिवरात्रि पर दिन-रात घरों से लेकर मंदिरों तक, संपूर्ण वातावरण, “हर हर महादेव” के जयघोष से गूंजता रहता है। यह पावन पर्व शिव जी के भक्तों के लिए केवल आस्था एवं समर्पण का अवसर ही नहीं है, बल्कि यह भक्तिरस के आनंद का ऐसा महोत्सव है जिसमें हर उम्र के लोग भाग लेते हैं।
अतः आप भी इस शिवरात्रि पर भोले की भक्ति में रम जाइये और उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त करिए।
साथ ही इस पर्व से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी के लिए श्री मंदिर के अन्य लेख अवश्य देखिए।
धन्यवाद।
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