दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? जानिए इस भव्य मंदिर की अद्भुत कहानी, अद्वितीय वास्तुकला और इसके धार्मिक महत्व के बारे में!
दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में कई हिंदू मंदिर शामिल हैं, जो आस्था और भव्यता का अद्वितीय उदाहरण है। क्या आप जानना चाहते हैं कि वो हिंदू मंदिर कौन-कौन से हैं? आइए इस आर्टिकल में हम दुनिया के 7 सबसे बड़े हिंदू मंदिरों के बारे में आपको जानकारी देंगे।
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर भारत में वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर है, जो निर्माणाधीन है। ये मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन में स्थित है। इसे "इस्कॉन" (अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) की ओर से बनाया जा रहा है।
1. ऊंचाई: यह मंदिर 700 फीट (213 मीटर) ऊंचा होगा, जो इसे दुनिया का सबसे ऊंचा धार्मिक ढांचा बनाता है।
2. क्षेत्रफल: यह लगभग 62 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है, और इसमें 12 एकड़ का एक वन क्षेत्र भी बनाया जा रहा है, जो वृंदावन के पवित्र वनों की झलक देगा।
3. आर्किटेक्चर: मंदिर का डिज़ाइन आधुनिक इंजीनियरिंग और पारंपरिक भारतीय वास्तुकला का संयोजन है।
4. कृष्ण भक्ति: यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है और उनके जीवन और लीलाओं का चित्रण करेगा।
5. आकर्षण: इसमें एक थीम पार्क, लिफ्ट से दर्शन की सुविधा और इंटरएक्टिव प्रदर्शनियां होंगी।
हालांकि, दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों की सूची में कई भव्य मंदिर शामिल हैं, जो अपनी विशालता, वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां कुछ और महत्वपूर्ण मंदिरों का विवरण दिया गया है:
स्थिति: कंबोडिया
क्षेत्रफल: 162 हेक्टेयर (1.6 मिलियन वर्ग मीटर)
निर्माण: 12वीं शताब्दी में खमेर राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने करवाया।
समर्पण: भगवान विष्णु
विशेषता: यह मंदिर हिंदू और बौद्ध धर्म का संगम है। इसकी दीवारों पर रामायण और महाभारत की कहानियाँ उकेरी गई हैं।
स्थिति: नई दिल्ली, भारत
निर्माण: 2005 में पूरा हुआ
समर्पण: स्वामीनारायण भगवान
विशेषता: यह आधुनिक भारतीय वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। इसमें सुंदर बगीचे, पानी का शो, और भारतीय संस्कृति के बारे में प्रदर्शनियां हैं।
स्थिति: श्रीरंगम, तमिलनाडु
क्षेत्रफल: लगभग 156 एकड़
समर्पण: भगवान विष्णु (रंगनाथ)
विशेषता: यह भारत का सबसे बड़ा क्रियाशील मंदिर माना जाता है। इसमें सात प्राचीरें और 21 गोपुरम (प्रवेश द्वार) हैं।
स्थिति: मदुरै, तमिलनाडु
निर्माण: 6वीं शताब्दी (पल्लव और पांड्य राजाओं द्वारा)
समर्पण: देवी मीनाक्षी (पार्वती) और भगवान सुंदरेश्वर (शिव)
विशेषता: इसकी भव्य गोपुरम (मीनारें) और नक्काशी कला इसे अद्वितीय बनाती है।
स्थित: पुरी, ओडिशा
समर्पण: भगवान जगन्नाथ (विष्णु का रूप)
विशेषता: यह 12वीं शताब्दी में बना था और विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा का मुख्य केंद्र है।
स्थिति: तंजावुर, तमिलनाडु
निर्माण: चोल वंश द्वारा 11वीं शताब्दी में
समर्पण: भगवान शिव
विशेषता: इसे "बिग टेम्पल" भी कहा जाता है और यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
स्थान: तिरुमाला, आंध्र प्रदेश
समर्पण: भगवान वेंकटेश्वर (विष्णु का अवतार)
विशेषता: यह भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है और प्रतिदिन लाखों भक्त यहां आते हैं। इसे "सात पहाड़ियों का मंदिर" भी कहा जाता है।
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