Siddhidatri Mata | सिद्धिदात्री माता, दुर्गा माता का नौवां अवतार

सिद्धिदात्री माता

इनकी कृपा से भक्तों को ज्ञान, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


सिद्धिदात्री माता | Siddhidatri Mata

देवी पुराण के अनुसार, माँ सिद्धिदात्री अपने भक्तों पर कृपा करती हैं और उन्हें सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं। माँ की कृपा से ही भगवान शिव ने असीम शक्तियाँ प्राप्त की थी। तो आइये सुनते हैं, माँ सिद्धिदात्री की इस अनोखी कथा को। नवरात्रि का त्यौहार हिंदू धर्म में नौ दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिनमें से एक है सिद्धिदात्री अवतार, सिद्धि का अर्थ है, शक्तियों का होना और दात्री का अर्थ है दाता विधाता, जो अलौकिक शक्तियां और पुरस्कार देती है।

मां सिद्धिदात्री को देवी पार्वती का नौवां स्वरूप माना जाता है। माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली, शक्तिशाली, बलशाली हैं। माँ के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र है और ऊपर वाले हाथ में गदा है। वहीं माँ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का फूल है, जिसे धारण कर माँ बहुत सुन्दर लगती हैं।

अपने इन्हीं अस्त्रों से, मां राक्षसों का वध करती हैं। माँ की सवारी सिंह है, जो की माँ की परछाई की तरह उनके साथ चलता है और माँ कमल के फूल पर आसीन होती हैं। ऐसी मान्यता है, कि जो भक्त माँ की सेवा पूरे विधि विधान से करता है, उसपर माँ की कृपा सदैव बनी रहती है।

सिद्धिदात्री माता कथा | Siddhidatri Mata Katha

ऐसी मान्यता है, कि भगवान शिव का आधा शरीर मां सिद्धिदात्री से जुड़ा हुआ है। एक समय की बात है, जब ब्रह्मांड में केवल अंधेरा था, तब मां कुष्मांडा, जिनकी पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है, उन्होंने त्रिदेव यानी भगवान शिव, भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु की रचना की और इन्हें सृष्टि के निर्माण का कार्य दिया। तब ब्रह्मा जी को सृष्टिकर्ता, विष्णु जी को पालनकर्ता और शिव जी को संहारक का कार्य सौंपा गया।

एक बार, शिव जी ने माँ कूष्मांडा से प्रार्थना की और उनसे उन्हें पूर्णता प्रदान करने की विनती की। तभी मां कूष्मांडा ने एक और देवी की रचना की, जिन्हें सिद्धिदात्री यानी सिद्धियों की प्रदाता कहा जाता है। मां सिद्धिदात्री ने शिव को आठ यानी 'अष्ट सिद्धि' के साथ, 18 सिद्धियों का आशीर्वाद दिया। इन 18 में न केवल 'अष्ट सिद्धि' यानी आठ सिद्धियां शामिल थीं, बल्कि 10 और सिद्धियां भी शामिल थीं, जो भगवान कृष्ण द्वारा परिभाषित माध्यमिक सिद्धियां थीं।

इसके बाद, भगवान ब्रह्मा जी को ब्रह्मांड में जीवन बनाने के लिए एक पुरुष और एक महिला की ज़रूरत थी, इसलिए मां सिद्धिदात्री ने स्वयं को भगवान शिव के आधे शरीर से जोड़ लिया। शिव का वह रूप, जहां वह आधे स्त्री और आधे पुरुष हैं, अर्धनारीश्वर कहलाता है।

माँ सिद्धिदात्री की रामनवमी के दिन पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री की पूजा केवल मनुष्य ही नहीं करते, बल्कि देवता, गंधर्व, असुर, यक्ष और सिद्ध भी करते हैं। माँ की ऐसी अनेक कथाएं प्रचलित हैं, जहाँ पर मां ने सिर्फ भक्तों को और देवताओं को ही नहीं, बल्कि राक्षसों को भी मोक्ष दिया है। कहते हैं यदि सच्चे मन से माता के मंत्रों का जाप किया जाए तो माता शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती हैं और समस्त मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं।

सिद्धिदात्री की आराधना का मंत्र | Siddhidatri Mata Mantra

माता सिद्धिदात्री की आराधना का विशेष मंत्र इस प्रकार है-

ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नम:

अर्थात, ओमकार के समान मोक्ष प्रदान करने वाली और सभी को कई प्रकार की सिद्धियां देने वाली माता सिद्धिदात्री की कृपा हमेशा हम पर बनी रहे। हम उन्हें बारंबार नमन और वंदन करते हैं। माँ के कई मंदिर भारत में कई जगहों पर मौजूद हैं। इनमें से सबसे लोकप्रिय ज्वाला मंदिर है, जो उत्तर प्रदेश के पटना में है। माँ की कृपा खुद पर बनाए रखने के लिए ,भक्तों को निरंतर माँ की सेवा करते रहना चाहिए और ऐसी कोई गलती नहीं करनी चाहिए, जिससे माँ उनसे रुष्ट हो जाए। ऐसी मान्यता है, कि जो भक्त माँ सिद्धिदात्री की पूर्ण निष्ठा से सेवा करेगा, उसे सभी सिद्धियां प्राप्त होंगी।

विशेष- मां दुर्गा के सिद्धिदात्री अवतार से हमें ये सीख़ मिलती है, कि जो भी व्यक्ति धर्म के मार्ग पर चलकर, भगवान की सेवा करेगा और अपने जीवन में बिना किसी को ठेस पहुँचाए आगे बढ़ता रहेगा, उस पर सदैव नौ देवियों की कृपा बनी रहेगी और वह अपने जीवन में तरक्की करेगा।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
srimandir-logo

Sri Mandir has brought religious services to the masses in India by connecting devotees, pundits, and temples. Partnering with over 50 renowned temples, we provide exclusive pujas and offerings services performed by expert pandits and share videos of the completed puja rituals.

Play StoreApp Store

Follow us on

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2024 SriMandir, Inc. All rights reserved.