कम समय में

कम समय में

ऐसे करें पूजा!


तो इस प्रकार कम समय में करें नवरात्रि पूजन

अगर आपके पास भी समय की कमी है और आप आसान विधि से नवरात्र में माता की पूजा-अर्चना करना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढें। आज हम ऐसे सभी लोगों की नवरात्रि को अधिक शुभ बनाने के लिए यह खास आर्टिकल लेकर आए हैं। इसमें हम आपको बताएंगे कि कलश स्थापना, अखंड ज्योत, कन्या पूजन और हवन के बिना नवरात्रि पूजन को कैसे सफल करें। आप नवरात्र में रोज़ इस विधि की मदद से माता की पूजा अर्चना कर सकते हैं।

सबसे पहले हम लोग इस आसान पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के बारे में जान लेते हैं-

पूजा के लिए ज़रूरी सामग्री-

एक चौकी, लाल कपड़ा, अक्षत, माता जी की प्रतिमा या चित्र, गणेश जी की प्रतिमा या चित्र, पीतल या तांबे का कलश/लोटा, सिक्का, पुष्प, लाल चुनरी, मौली, मिट्टी का बड़ा दीपक, लौंग, इलायची, ऋतु फल, बताशे या मिश्री और कपूर।

यह सभी सामग्री पूजा से कुछ दिन पहले एकत्रित कर लें। नवरात्रि के प्रथम दिन आप प्रातःकाल उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद ही पूजन विधि का प्रारंभ करें, चलिए अब हम लोग आसान पूजन विधि को विस्तारपूर्वक जान लेते हैं-

इस प्रकार करें आसानी से पूजा-

  • सबसे पहले पूजन स्थल पर चौकी लगा लें और इसपर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें।
  • अब इस चौकी पर कुछ अक्षत यानी बिना टूटे चावल रखें और इसपर देवी दुर्गा जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • अब एक लोटे या कलश में शुद्ध जल भर लें।
  • इसके अंदर एक सिक्का डालें।
  • अब इसके ऊपर चावल से भरी एक प्लेट रख दें।
  • इस कलश को माता की प्रतिमा के बाएं ओर 9 दिनों के लिए रख दें। इसे आपको रोज़ स्थापित नहीं करना है।
  • इसके पश्चात् आप पूजन स्थल पर गणपति जी की प्रतिमा को विराजमान करें, अगर आपके पास प्रतिमा नहीं है तो सुपारी के रूप में भी बप्पा जी को विराजमान कर सकते हैं।
  • भगवान गणेश और देवी दुर्गा जी पर पुष्प से शुद्ध जल का छिड़काव करें।
  • अगर आप अखंड ज्योत नहीं जला पा रहे हैं तो आप केवल घी का दीपक जला लें।
  • दीप प्रज्वलित करने के बाद गणेश जी, माता रानी, कलश और दीपक को हल्दी-कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • भगवान गणेश और देवी जी को वस्त्र स्वरूप कलावा या मौली अर्पित करें, साथ ही फूल भी अर्पित करें।
  • वैसे तो माता दुर्गा को श्रृंगार की सामग्री भी चढ़ाई जाती है, लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो आप एक लाल चुनरी या लाल वस्त्र अवश्य माता को चढ़ाएं।
  • भोग में बताशे, मिश्री, और फल अर्पित कर सकते हैं।
  • हवन के स्थान पर आप एक मिट्टी के पात्र या बड़े दीपक में कपूर जला लें और इसमें लौंग का 1 जोड़ा ज़रूर रख दें। कुछ लोग लौंग के दो जोड़े भी अग्नि में डालते हैं।
  • यह हवन माता को दिखाएं और पूरे घर में भी दिखाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह 9 दिनों तक रोज़ जलाएं।

ध्यान दें- आप बिना अक्षत के भी देवी जी की प्रतिमा की स्थापना कर सकते हैं और अगर आप चौकी भी नहीं लगा सकते हैं तो घर के मंदिर को ही शुद्ध और स्वच्छ करके वहां पर देवी जी का पूजन करें।

आरती से पहले आप भगवान गणेश और माँ दुर्गा को समर्पित काफी आसान लेकिन प्रभावी मंत्रों का जाप कर सकते हैं-

वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

- या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
- या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ - या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

  • अंत में धूप दिखाएं और भगवान गणेश और माता जी की आरती उतारें। इस वीडियो के साथ दिए गए लेख के अंत में आपको आरती मिल जाएगी।
  • अगर आपको आरती नहीं आती है तो अपने फोन में श्रीमंदिर ऐप पर भी आरती बजा सकते हैं।
  • अंत में भगवान जी से अपनी भूल-चूक के लिए क्षमा ज़रूर मांगे।

इस प्रकार आपकी पूजा संपन्न हो जाएगी, आप इस विधि का पालन करते हुए रोज़ 9 दिनों तक माता की पूजा अर्चना आसानी से कर सकते हैं। हर रोज़ आप चौकी को साफ अवश्य करें और पूजा से पहले वहां गंगाजल का छिड़काव करें।

चलिए अब जान लेते हैं कि यदि आप कन्या पूजन नहीं कर पा रहें हैं तो आपको क्या करना चाहिए-

आप विधिवत कन्या पूजन की जगह छोटी कन्यायों को घर पर बुलाकर फल, दक्षिणा, माता को चढ़ाया गया प्रसाद, मिठाई, या दही-जलेबी खिला सकते हैं। आपको जितनी कन्याएं मिलें, उनको अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें।

आपको बता दें, कन्यापूजन के बिना भी आप यह पूजा कर सकते हैं।

इसके अलावा आप अपना काम करते हुए, श्रीमंदिर ऐप पर माता के भजन सुन सकते हैं, उनके दर्शन कर सकते हैं और उनकी आरती उतार सकते हैं। इस प्रकार बेहद आसान तरीके से आपकी नवरात्रि अधिक मंगलमय हो जाएगी।

दोस्तों, पूजा में सबसे महत्वपूर्ण देवी जी के प्रति आपकी सच्ची आस्था होती है। अगर आप सच्चे मन से ध्यान लगाकर देवी जी की आराधना करते हैं, तो उनकी कृपा आपको निश्चित् रूप से मिलती है।

तो आप इस नवरात्रि को अधिक शुभ एवं लाभकारी बनाने का कोई अवसर जानें न दें। आशा करते हैं यह लेख आपके लिए लाभदायक होगा, ऐसी ही अन्य ज़रूरी जानकारी के लिए आप श्रीमंदिर से अवश्य जुड़े रहें।

जय माता दी

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