एम्बर रत्न पहनने की विधि, फायदे-नुकसान, कीमत और असली एम्बर की पहचान
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एम्बर रत्न पहनने की विधि, फायदे-नुकसान, कीमत और असली एम्बर की पहचान

सूर्य और स्वास्थ्य से जुड़ा एम्बर रत्न देता है सकारात्मक ऊर्जा, आत्मबल और शारीरिक आरोग्यता—लेकिन नकली पहनने पर लाभ की जगह हानि हो सकती है। जानें सारी जानकारी।

एम्बर रत्न पहनने के बारे में

एम्बर या अंबर को गुरू बृहस्पति का उपरत्न माना जाता है। इसे कहरुवा या तृणमणि भी कहते हैं। यह कई रंगों में पाया जाता है। जो लोग किसी कारण पुखराज नहीं धारण कर पाते हैं उनके लिए एक अच्छा विकल्प है। यह भी पुखराज की ही तरह लाभ देता है। अगर आप इस रत्न के बारे में और अधिक जानकारियां जानना चाहते हैं तो पढ़िए हमारे इस आर्टिकल को और जानें एम्बर से संबंधित सवालों के जवाब।

एम्बर पहनने की विधि

एम्बर को धारण करने से पहले उसे शुद्ध करना आवश्यक होता है। सबसे पहले एम्बर को गंगाजल, दूध, शहद और मिश्री के घोल में डालकर कुछ समय के लिए रखें। इससे एम्बर की नकारात्मक ऊर्जा निकल जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके बाद, एम्बर को धूप और दीप दिखाकर पवित्र किया जाता है। एम्बर को अंगूठी, ब्रेसलेट, या पेंडेंट में जड़वाकर पहना जा सकता है।

यह रत्न विशेष रूप से मानसिक शांति, आत्मविश्वास बढ़ाने और जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए उपयोगी होता है। हालांकि, एम्बर को पहनने से पहले किसी पंडित या ज्योतिषी से सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह रत्न आपकी राशि और कुंडली के अनुकूल है। सही समय और विधि से धारण करने से एम्बर के अधिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

एम्बर के फायदे और नुकसान

एम्बर के फायदे और नुकसान के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। एम्बर अपनी अद्भुत चिकित्सीय क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध है। यह दाँतों के दर्द, गठिया, अवसाद, चिंता और तनाव जैसी बीमारियों में फायदेमंद है। यह सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने, आत्मविश्वास को मजबूत करने, ऊतकों के पुनर्जनन को प्रोत्साहित करने और हृदय की समस्याओं में लाभकारी है।

एम्बर गठिया, सिरदर्द से राहत देने, स्मृति को बढ़ाने और आभूषणों में उपयोग के लिए भी जाना जाता है। हालांकि, कुछ लोग एम्बर से एलर्जी महसूस कर सकते हैं और इसे गलत तरीके से पहनने से शारीरिक परेशानी हो सकती है। इसलिए इसे विशेषज्ञ की सलाह के बिना धारण न करें।

एम्बर की कीमत

एम्बर की कीमत विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे उसकी गुणवत्ता, आकार, रंग और स्रोत। आमतौर पर, सामान्य एम्बर की कीमत 500 से 2,000 रुपये प्रति ग्राम हो सकती है, जबकि उच्च गुणवत्ता वाले एम्बर की कीमत 5,000 रुपये या उससे अधिक भी हो सकती है। अनोखे रंग या डिजाइन वाले एम्बर के आभूषण महंगे हो सकते हैं।

एम्बर किस उंगली में पहनना चाहिए

ज्योतिष के अनुसार, एम्बर रत्न को छोटी उंगली (कनिष्ठिका) में धारण करना शुभ माना जाता है। यह रत्न बुद्धि, अंतर्ज्ञान और अनुनय का प्रतीक है।

एम्बर किस राशि को पहनना चाहिए

ज्योतिष के अनुसार, एम्बर या कहरुवा रत्न वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, मीन, तुला और वृश्चिक राशि के लोगों के लिए शुभ माना जाता है। विशेष रूप से वृषभ राशि के जातकों के लिए यह रत्न लाभकारी है। यह रत्न गुरु ग्रह से जुड़ा हुआ है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा,इस रत्न को पहनने से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है

एम्बर कितने दिन में असर दिखाता है

एम्बर रत्न को धारण करने के बाद असर दिखने में समय लग सकता है, लेकिन सामान्यत: इसे पहनने के कुछ हफ्तों के भीतर प्रभाव महसूस होने लगता है। इसके द्वारा प्राप्त लाभ जैसे मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा, और आत्मविश्वास में वृद्धि धीरे-धीरे प्रकट होती है। हालांकि, यह असर व्यक्ति की मानसिक स्थिति और शरीर की प्रतिक्रिया पर भी निर्भर करता है।

एम्बर किस दिन पहनना चाहिए

एम्बर रत्न को विशेष रूप से बृहस्पतिवार या शुक्रवार को पहनना शुभ माना जाता है। हालांकि, इसे किसी भी दिन पहना जा सकता है, लेकिन दिन के उजाले में इसे पहनना अधिक लाभकारी होता है। इस रत्न को सही दिन और समय पर पहनने से लाभ मिल सकता है।

एम्बर किस धातु में पहनें

एम्बर को आमतौर पर चांदी या सोने जैसी धातुओं में जड़ा हुआ पहना जाता है, जो इसे और भी आकर्षक और मूल्यवान बनाता है। चांदी में एम्बर पहनने से उसका रंग और भी निखरता है, जबकि सोने में जड़ा एम्बर अत्यधिक सुंदर और आकर्षक लगता है। इसके अलावा, कुछ लोग तांबे या अन्य धातुओं में भी एम्बर को पहनना पसंद करते हैं। इन धातुओं में एम्बर को पहनने से न केवल इसका रूप बढ़ता है, बल्कि यह रत्न की ज्योतिषीय शक्तियों को भी बढ़ाता है।

एम्बर किसे पहनना चाहिए

एम्बर को विशेष रूप से उन लोगों को पहनना चाहिए जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर हो, या जिनकी जन्मतिथि में अंक 3 लुप्त हो। यह रत्न शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है। इसके अलावा, बच्चों के लिए भी यह दांत निकलने के दौरान फायदेमंद साबित हो सकता है।

असली एम्बर की पहचान

असली एम्बर की पहचान करने के लिए कई तरीके हैं, जो आपको नकली और असली एम्बर के बीच अंतर बताने में मदद कर सकते हैं। सबसे पहला तरीका है, असली एम्बर खारे पानी में तैरता है, जबकि नकली एम्बर डूब जाता है। जब एम्बर को गर्म किया जाता है, तो यह पाइन या राल जैसी खुशबू छोड़ता है, जबकि नकली एम्बर में प्लास्टिक जैसी गंध आती है। रगड़ने पर असली एम्बर स्थैतिक बिजली उत्पन्न करता है और कागज के छोटे टुकड़ों को आकर्षित करता है।

इसके अलावा, एम्बर की कठोरता की जांच सुई से की जा सकती है। क्योंकि यह अन्य पत्थरों की तुलना में नरम होता है। एसीटोन परीक्षण भी मददगार है। क्योंकि असली एम्बर एसीटोन से प्रभावित नहीं होता, जबकि नकली एम्बर चिपचिपा हो सकता है या घुल सकता है। असली एम्बर का रंग हल्का पीला, भूरा या गहरा भूरा होता है और इसका वजन हल्का होता है। जलने पर, यह एक मीठी और पाइन जैसी खुशबू छोड़ता है। हालांकि, ध्यान दें कि कुछ नकली एम्बर भी खारे पानी में तैर सकते हैं। इसलिए सभी परीक्षणों को एक साथ मिलाकर पहचान करनी चाहिए।

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Published by Sri Mandir·April 11, 2025

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