क्या आप आर्थिक समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त करना चाहते हैं? 7 मुखी रुद्राक्ष धन, सफलता और जीवन में स्थिरता लाने में सहायक है। जानिए इसका रहस्य!
रुद्राक्ष को आध्यात्मिक शक्ति और दैवीय आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म में, इसे भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न होने वाला दिव्य मोती कहा गया है, जो न केवल आध्यात्मिक उन्नति बल्कि मानसिक और भौतिक समृद्धि भी प्रदान करता है। आइए इस आर्टिकल में हम जानते हैं 7 मुखी रुद्राक्ष के बारे में।
7 मुखी रुद्राक्ष को अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना जाता है। यह मां लक्ष्मी का प्रतीक है और इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में धन, सुख-समृद्धि और सौभाग्य आता है। इसके साथ ही, यह रुद्राक्ष सात महाशक्तियों और सप्तऋषियों का प्रतिनिधित्व करता है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। अगर आप भी जीवन में आर्थिक स्थिरता, करियर में सफलता और मानसिक शांति की तलाश में हैं, तो सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना आपके लिए बेहद लाभकारी हो सकता है। आइए, इसके महत्व, लाभ, धारण करने की विधि और असली रुद्राक्ष की पहचान के बारे में विस्तार से जानते हैं।
शिवपुराण के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुए हैं और हर मुख वाला रुद्राक्ष किसी न किसी देवता का प्रतीक होता है। सात मुखी रुद्राक्ष माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, जो धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं।
इसके अलावा, यह रुद्राक्ष भगवान शनिदेव से भी जुड़ा हुआ है, जो कर्मफल दाता माने जाते हैं। इसे धारण करने से शनि के अशुभ प्रभावों से बचाव होता है और व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है। जिनकी कुंडली में साढ़े साती या ढैय्या का प्रभाव चल रहा हो, उनके लिए यह रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी होता है।
आर्थिक समृद्धि– यह रुद्राक्ष मां लक्ष्मी का प्रतीक होने के कारण व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
व्यवसाय और करियर में सफलता– इसे धारण करने से व्यापार में उन्नति होती है और करियर में नई संभावनाएं खुलती हैं।
शनि दोष से मुक्ति– सात मुखी रुद्राक्ष शनिदेव से संबंधित होने के कारण शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।
मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ाता है– यह तनाव, चिंता और नकारात्मक विचारों से मुक्ति दिलाता है, जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत बनता है।
स्वास्थ्य लाभ– यह हृदय, यकृत (लीवर), किडनी और पाचन तंत्र को मजबूत करता है और विभिन्न रोगों से बचाने में सहायक होता है।
सौभाग्य और सफलता– यह भाग्य को प्रबल करता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।
रिश्तों में सुधार– सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के व्यवहार में सौम्यता आती है, जिससे रिश्ते मधुर होते हैं।
सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले सही विधि से इसका पूजन करना आवश्यक होता है। इसे धारण करने की विधि निम्नलिखित है-
रुद्राक्ष की शुद्धि करें– इसे गंगाजल या कच्चे दूध में कुछ समय के लिए डुबोकर शुद्ध करें।
पूजा करें– भगवान शिव और माता लक्ष्मी के सामने दीपक जलाकर इस रुद्राक्ष को रखें।
मंत्र जाप करें– इसे धारण करने से पहले निम्नलिखित मंत्रों में से किसी एक का 108 बार जाप करें-
"ॐ हुं नमः" (भगवान शिव का मंत्र)
"ॐ ह्रीं नमः" (माता लक्ष्मी का मंत्र)
"ॐ शं शनैश्चराय नमः" (शनिदेव का मंत्र)
सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सोमवार, शुक्रवार या शनिवार सबसे शुभ दिन माने जाते हैं। इसे सूर्योदय के समय धारण करना सबसे अच्छा होता है।
इसे हमेशा शरीर से लगाकर रखें और सोते समय उतारकर शुद्ध स्थान पर रखें।
सात्विक आहार ग्रहण करें और मांस-मदिरा से बचें।
गंदे स्थानों (शौचालय आदि) में इसे पहनकर न जाएं।
प्रतिदिन मंत्र जाप करें और भगवान शिव व माता लक्ष्मी की आराधना करें।
रुद्राक्ष की शुद्धता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि बाजार में नकली रुद्राक्ष भी बहुतायत में मिलते हैं। इसे खरीदते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-
साफ और स्पष्ट मुख (लकीरें)- असली सात मुखी रुद्राक्ष पर सात स्पष्ट लकीरें होती हैं।
पानी परीक्षण- असली रुद्राक्ष पानी में डालने पर डूब जाता है, जबकि नकली तैर सकता है।
कोई जोड़ या दरार न हो- असली रुद्राक्ष में किसी प्रकार की दरार या जोड़ नहीं होते।
ऊर्जा का अनुभव- असली रुद्राक्ष को हाथ में रखने पर हल्की गर्माहट या ऊर्जा का अहसास होता है।
प्रमाण पत्र के साथ खरीदें– हमेशा प्रमाणित विक्रेता से ही खरीदें और प्रमाण पत्र लेना न भूलें।
सात मुखी रुद्राक्ष एक दिव्य शक्ति का प्रतीक है, जो जीवन में आर्थिक समृद्धि, मानसिक शांति और सफलता लाने में सहायक होता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो शनि दोष से मुक्ति, करियर में उन्नति और सौभाग्य प्राप्त करना चाहते हैं।
अगर आप भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव और सफलता की ओर अग्रसर होना चाहते हैं, तो सात मुखी रुद्राक्ष को विधिपूर्वक धारण करें और इसके चमत्कारी प्रभावों का अनुभव करें।
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