राधा अष्टमी 2024 व्रत कथा (Radha Ashtami 2024 Vrat Katha)
राधा अष्टमी 2024 का व्रत भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाएगा, जो 6 सितंबर 2024 को है। इस दिन राधा रानी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। द्वापर युग में इसी तिथि पर देवी राधा का जन्म हुआ था। इस अवसर पर राधा अष्टमी व्रत कथा सुनने का विशेष महत्व है।
तो आप भी इस राधा अष्टमी पर पढ़ें ये विशेष व्रत कथा:-
राधा अष्टमी की पौराणिक कहानी (The Mythological Story of Radha Ashtami)
गोलोक धाम में राधा श्रीकृष्ण के साथ निवास करती थीं। एक बार जब राधा गोलोक में नहीं थीं, तब श्रीकृष्ण अपनी सखी विरजा के साथ विहार कर रहे थे। जब राधा जी को इस बात का पता चला, तो वे क्रोधित हो गईं और तुरंत श्रीकृष्ण के पास पहुंचकर उन्हें उलाहना देने लगीं। इस घटना को देखकर श्रीकृष्ण के मित्र श्रीदामा ने राधा जी को पृथ्वी पर जन्म लेने का शाप दे दिया। राधा जी के इस क्रोध को देखकर विरजा वहां से नदी के रूप में चली गईं।
शापित राधा जी ने भी श्रीदामा को राक्षस कुल में जन्म लेने का शाप दे दिया। इस शाप के परिणामस्वरूप, श्रीदामा शंखचूड़ राक्षस के रूप में जन्मे, जो भगवान विष्णु का अनन्य भक्त बना। वहीं देवी राधा वृषभानु जी की पुत्री के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुईं, लेकिन वे देवी कीर्ति के गर्भ से नहीं जन्मीं।
जब राधा और श्रीदामा ने एक-दूसरे को शाप दिया, तो श्रीकृष्ण ने राधा से कहा कि तुम्हें पृथ्वी पर वृषभानु जी और देवी कीर्ति की पुत्री के रूप में जन्म लेना होगा। वहां तुम्हारा विवाह रायाण नामक वैश्य से होगा, जो वास्तव में मेरा अंशावतार होगा। पृथ्वी पर भी तुम मेरी प्रिया बनकर रहोगी, लेकिन उस रूप में हमें विछोह का दर्द सहना पड़ेगा। इसके बाद, देवी कीर्ति गर्भवती हुईं और प्रसव के समय योगमाया की प्रेरणा से वायु का प्रवेश हुआ, और उसी समय देवी राधा कन्या के रूप में प्रकट हुईं।
इस कथा से सफल होगा राधा अष्टमी का व्रत (Radha Ashtami Special Katha)
राधा अष्टमी का व्रत करने वाले भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस पवित्र दिन पर देवी राधा की पूजा और व्रत के साथ राधा अष्टमी प्रचलित कथा का श्रवण करने से व्यक्ति को धन-धान्य, सुख, और संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि राधा अष्टमी व्रत कथा पढ़ने और सुनने से रिश्ते में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इस राधा अष्टमी, आप भी राधा रानी की इस विशेष व्रत कथा का पाठ करें और उनके आशीर्वाद से अपना जीवन धन्य करें।