कल्कि भगवान की मदद करेंगे ये अवतार

कल्कि भगवान की मदद करेंगे ये अवतार

ये सभी अवतार करेंगे कल्कि भगवान की मदद


कलयुग के युद्ध में भगवान कल्कि की मदद करेंगे ये सभी अवतार



भगवान विष्णु के 10वें अवतार भगवान कल्कि का उल्लेख कई पुराणों में मिलता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, जब धरती पर पाप और अधर्म चरम सीमा पर होगा, तब भगवान विष्णु के अवतार भगवान कल्कि का जन्म होगा। कल्कि भगवान तब इस संसार में बढ़ते पापियों का अंत करेंगे और धरती को पापमुक्त बनाएंगे, जिससे कलयुग का अंत हो जाएगा। यह समय कलयुग और सतयुग के बीच का संधिकाल होगा।

7 चिरंजीवी करेंगे भगवान कल्कि की मदद


माना जाता है कि ये 7 चिरंजीवी भगवान कल्कि के आगमन के समय उनके साथ होंगे और उन्हें उनके धर्मयुद्ध में सहायता करेंगे।

हनुमान जी

परशुराम भगवान

अश्वत्थामा

महर्षि व्यास

विभीषण

कृपाचार्य

राजा बलि

भगवान कल्कि कहां जन्म लेंगे


धार्मिक पुराणों के अनुसार, कलयुग 432,000 वर्षों का होता है। वर्तमान में, कलयुग अभी अपने प्रारंभिक चरण में माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान कल्कि 64 कलाओं में निपुण होंगे। कल्कि पुराण के अनुसार, भगवान कल्कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर पुत्र रूप में जन्म लेंगे।

कल्कि भगवान के गुरु होंगे परशुराम


भगवान कल्कि जो भगवान विष्णु के अवतार हैं, अपने गुरु परशुराम से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। परशुराम जी को विष्णु जी का अवतार भी माना जाता है और उन्हें अमरता प्राप्त है। भगवान कल्कि, परशुराम जी की सलाह पर भगवान शिव की तपस्या करेंगे। इस तपस्या से उन्हें दिव्य शक्तियां प्राप्त होंगी, जिनकी सहायता से वे संसार से अधर्म का नाश करेंगे।

कैसा होगा भगवान विष्णु का कल्कि अवतार


स्कंद पुराण के 10वें अध्याय में स्पष्ट उल्लेख है कि कलयुग में भगवान श्री विष्णु संभल गांव में श्री कल्कि के रूप में अवतार लेंगे। अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में भी कल्कि अवतार का चित्रण किया गया है। भगवान राम की तरह कल्कि अवतार भी हाथ में धनुष-बाण लेकर घोड़े पर सवार होकर आएंगे। कल्कि पुराण में उल्लेख है कि भगवान कल्कि हाथ में चमचमाती तलवार लेकर सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करेंगे।

भगवान कल्कि के होंगे 3 भाई


कल्कि के बारे में कहा जाता है कि उनके चार भाई होंगे। ये भाई उनके साथ मिलकर धर्म की स्थापना में सहायता करेंगे। उनके नाम सुमंत, प्रज्ञा और कवि होंगे। भगवान कल्कि अपने इन्हीं भाइयों के साथ मिलकर धर्म की स्थापना करेंगे।

कहां-कहां वर्णन मिलता है


इसका वर्णन कल्कि पुराण, अग्नि पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण, भविष्य पुराण और महाकाव्य महाभारत में भी मिलता है। कल्कि पुराण और अग्नि पुराण की भविष्यवाणी की गई है कि कलयुग के अंत में भगवान विष्णु का 'कल्कि' अवतार अवतरित होगा। भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का उद्देश्य पाप का नाश कर सत्य और धर्म की स्थापना करना होगा।

भगवान कल्कि का महत्व


भगवान कल्कि, भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। हिंदू धर्म में, कल्कि अवतार का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि क्यों:

कलयुग का अंत और सतयुग का आरंभ

कल्कि अवतार कलयुग के अंत में अवतार लेते हैं, जब धर्म का पतन हो चुका होता है और अधर्म चरम पर होता है। वे धरती से अधर्म का नाश करके धर्म की पुनः स्थापना करते हैं। कल्कि अवतार के आगमन के साथ ही सतयुग का आरंभ होता है, जो कि सबसे शुद्ध और धर्मात्मक युग माना जाता है।

मानवता के लिए आशा का प्रतीक

कल्कि अवतार मानवता के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक हैं। वे दिखाते हैं कि कोई भी बुरा समय हमेशा के लिए नहीं रहता। कल्कि अवतार मानवता को आशा और विश्वास देते हैं कि बुराई पर अच्छाई की जीत होगी।

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

कल्कि अवतार धर्म की रक्षा करने के लिए अवतार लेते हैं। वे सत्य और धर्म का मार्ग दिखाते हैं। कल्कि अवतार आध्यात्मिक विकास का प्रतीक हैं। वे मानव को आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करते हैं।

सामाजिक परिवर्तन

कल्कि अवतार समाज में न्याय की स्थापना करते हैं। वे कमजोरों की रक्षा करते हैं और अत्याचारियों को दंड देते हैं। कल्कि अवतार समाज सुधार के लिए प्रेरित करते हैं। वे लोगों को एकता और भाईचारे का संदेश देते हैं।

कल्कि अवतार के गुण


  • कल्कि अवतार अत्यंत शक्तिशाली होंगे और वे आसानी से दुष्टों का संहार कर सकेंगे।
  • कल्कि अवतार धर्म के प्रति समर्पित होंगे और वे धर्म की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देंगे।
  • दुष्टों का संहार करने के बावजूद, कल्कि अवतार दयालु स्वभाव के होंगे।
  • कल्कि अवतार अत्यंत ज्ञानी होंगे और वे लोगों को सत्य मार्ग दिखाएंगे।

भगवान विष्णु के अन्य अवतार


पहला अवतार - मत्‍स्‍य

दूसरा अवतार - कूर्म

तीसरा अवतार - वराह

चौथा अवतार - नृसिंह

पांचवां अवतार - वामन देवता

छठवां अवतार - परशुराम

सातवां अवतार - प्रभु श्रीराम

आठवां अवतार - श्रीकृष्‍ण

नौवां अवतार - महात्‍मा बुद्ध

दसवां अवतार - कल्कि


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