बलि प्रतिपदा 2024 | Bali Pratipada Kya Hai, Date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi

बलि प्रतिपदा 2024

बलि प्रतिपदा 2024 कब है? जानें इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कैसे पाएं भगवान विष्णु का आशीर्वाद इस विशेष दिन पर।


बलि प्रतिपदा 2024 | Bali Pratipada

बलि पूजा को बलि प्रतिपदा के नाम से भी जाना जाता है, यह पूजा कार्तिक प्रतिपदा के दिन की जाती है जो कि दीपावली पूजा के अगले दिन होती है। बलि पूजा और गोवर्धन पूजा एक ही दिन आते हैं। जहां गोवर्धन पूजा गिरिराज पर्वत और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है, तो वहीं बलि पूजा दानवों के राजा बलि का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये की जाती है।

बलि प्रतिपदा क्या है?

राजा बलि को भगवान विष्णु से अमरत्व का वरदान प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि उनकी पूजा करने से जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है, साथ ही सभी कार्यों में सफलता मिलती है। राजा बलि की पूजा मुख्य रूप से दक्षिण भारत में ओणम के अवसर पर की जाती है। वहीं, उत्तर भारत में कार्तिक महीने की प्रतिपदा तिथि पर राजा बलि की पूजा करने का विशेष विधान है, जिसे बलि प्रतिपदा के नाम से जाना जाता है।

बलि प्रतिपदा पूजा शुभ मुहूर्त | Bali Pratipada Shubh Muhurt

  • इस वर्ष बलि प्रतिपदा पूजा 02 नवंबर 2024, को की जाएगी।
  • प्रतिपदा तिथि 01 नवंबर 2024 को शाम 06 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगी।
  • प्रतिपदा तिथि का समापन 02 नवंबर 2024 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा।

बलि प्रतिपदा पूजा विशेष मुहूर्त योग

  • बलि प्रतिपदा पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात 06 बजकर 06 मिनट से 08 बजकर 20 मिनट तक रहेगा
  • बलि पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 02 मिनट से शाम 05 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।

बलि प्रतिपदा का महत्व

बलि प्रतिपदा के दिन दैत्यराज बलि की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, बलि एक महान दानवीर थे जिन्होंने भगवान विष्णु को तीनों लोकों का दान कर दिया था। भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर उन्हें वैकुण्ठ में स्थान दिया और उन्हें देवताओं के समान पूजने का आशीर्वाद दिया।

बलि प्रतिपदा दान का महत्व सिखाती है। बलि के दान का गुणगान पूरे धर्मग्रंथों में किया गया है। इस दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। भारत के कई हिस्सों में बलि प्रतिपदा को नव वर्ष के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन नए साल की शुरुआत मानी जाती है और लोग नए काम की शुरुआत करते हैं।

क्यों करते हैं बलि प्रतिपदा पूजा?

माना जाता है श्री विष्णु भगवान द्वारा दिये गये वरदान के कारण, दीपावली के दौरान दानव राजा बलि की भी पूजा की जाती है। श्री विष्णु भगवान के वामन अवतार से जुड़ी पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने दानव राजा बलि को पाताल लोक में धकेल दिया था। परन्तु, राजा बलि की उदारता के कारण, भगवान विष्णु ने उन्हें भूलोक (अर्थात पृथ्वी लोक) की यात्रा करने के लिये तीन दिन की अनुमति प्रदान की थी। ऐसी मान्यता है कि राजा बलि तीन दिनों तक पृथ्वी पर निवास करते हैं और इस अवसर पर राजा बलि अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार राजा बलि की छवि भवन या निवास स्थान के मध्य में उनकी पत्नी विन्ध्यावली के साथ बनानी चाहिये। छवि को पाँच अलग-अलग रँगों से विभूषित करना चाहिये। बलि पूजा के दौरान पाँच रंगों से विभूषित छवि की पूजा करनी चाहिये। दक्षिण भारत में, ओणम उत्सव के दौरान राजा बलि की पूजा की जाती है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि ओणम की अवधारणा उत्तर भारत में बलि पूजा के समान ही है।

बलि प्रतिपदा की पूजा विधि क्या है | Bali Pratipada Pooja Vidhi

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, और पूजा स्थल को गंगा जल से पवित्र करें।
  • पूजा स्थल पर भगवान विष्णु, राजा बलि और गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा रखें।
  • गोवर्धन पर्वत के प्रतीक के स्वरूप गोबर का एक छोटा पर्वत बनाएं, और पूजा करें।
  • धूप- दीप, अक्षत, फूल, कुमकुम, मिठाई व अनाज अर्पित करें, और भगवान के लिए अन्नकूट व छप्पन भोग बनाएं।
  • अब भगवान विष्णु व राजा बलि का ध्यान कर उन्हें अक्षत, फूल व धूप अर्पित करें, और आरती करें।
  • बलि प्रतिपदा पर गौमाता की पूजा विशेष महत्व रखती है, इसलिए इस दिन गाय को गुड़ व घास खिलाकर उसकी पूजा करें।

बलि प्रतिपदा पूजा के लाभ

  • बलि प्रतिपदा की पूजा से घर में धन-धान्य व सुख-समृद्धि आती है।
  • बलि प्रतिपदा की पूजा से व्यक्ति के जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, और रोगों का नाश होता है।
  • राजा बलि की पूजा से परिवार में सामंजस्य और एकता बनी रहती है।
  • कृषि और पशुपालन में सफलता के लिए गोवर्धन पूजा व गौ पूजा करने का विशेष महत्व है, इससे फसल व पशुधन में वृद्धि होती है।

बलि प्रतिपदा पर किये जाने वाले उपाय

  • बलि प्रतिपदा गाय को हरी घास और गुड़ खिलाएं, और अन्य पशु पक्षियों की सेवा करें।
  • इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र व धन का दान करना विशेष लाभदायक होता है।
  • बलि प्रतिपदा के दिन जितनी हो सके दूसरों की सहायता करें, और जाने-अनजाने किसी को कोई नुकसान न पहुंचाएं।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?

अभी डाउनलॉड करें श्री मंदिर एप

करें ईश्वर की भक्ति कहीं भी, कभी भी।

Play StoreApp Store
srimandir devotees