छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जानें उनके अद्वितीय पराक्रम, स्वराज के प्रति उनकी निष्ठा, और इस दिन की ऐतिहासिक महिमा।
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती हर साल 19 फरवरी को मनाई जाती है। यह दिन महान मराठा सम्राट शिवाजी महाराज के योगदान और वीरता को सम्मानित करने का अवसर होता है। शिवाजी महाराज ने भारत में स्वतंत्रता की भावना को जागृत किया और मुगलों से संघर्ष कर मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उनका नेतृत्व, युद्धकौशल, प्रशासनिक दक्षता और न्यायप्रियता आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
छत्रपति शिवाजी जयंती मराठा साम्राज्य के एक महान योद्धा व राजा शिवाजी भोसले के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। शिष्टता और उदारता के प्रतीक शिवाजी ने ही मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। शिवाजी जयंती बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन कई तरह की परेड का भी आयोजन होता है।
हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार हर साल शिवाजी जयन्ती चैत्र कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस साल ये तिथि 13 मार्च 2025, सोमवार को पड़ रही है। वहीं तारीख के अनुसार हर वर्ष '19 फरवरी' को शिवाजी जयंती मनाई जाती है। हालांकि हम शिवाजी जयंती की तिथि या तारीख़ से जुड़ी जानकारी की पुष्टि होने का दावा नहीं कर रहे हैं। यहां दी गई जानकारी अन्य माध्यमों पर उपलब्ध शिवाजी जयंती से संबंधित जानकारियों के आधार पर दी गई है।
उनके जन्म की तारीख व तिथि को लेकर विद्वानों में मतभेद देखने को मिलते हैं। कुछ जानकारों के अनुसार छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था, जबकि कुछ विद्वान मानते हैं कि उनका जन्म अप्रैल 6, 1627 को हुआ था। हालांकि महाराष्ट्र सरकार द्वारा 19 फरवरी 1630 को शिवाजी जयन्ती के रूप में मान्यता दी गई है। वहीं तिथि के अनुसार कुछ जानकार फाल्गुन कृष्ण तृतीया को शिवाजी का जन्मदिन मानते हैं, लेकिन कुछ जगहों पर चैत्र, तो कहीं-कहीं बैसाख में भी शिवाजी जयंती मनाने का वर्णन मिलता है।
शिवाजी के जन्मस्थान की बात करें तो उनका जन्म महाराष्ट्र के पुणे जनपद के शिवनेरी किले में हुआ था। शाहजी भोसले तथा जीजाबाई इनके माता-पिता थे।
मुंबई में छत्रपति शिवाजी जयंती बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। लोग इस दिन छत्रपति शिवाजी महाराज की बहादुरी व योगदान को याद करते हैं, और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। शिवाजी जयंती पर मुंबई में अवकाश भी होता है।
शिवाजी जयंती मनाने की शुरुआत सर्वप्रथम महात्मा ज्योतिराव फूले ने 1870 में की थी। रायगढ़ में स्थित शिवाजी का मकबरा महात्मा फूले द्वारा ही खोजा गया था। शिवाजी जयंती का उत्सव सर्वप्रथम पुणे में मनाया गया था। स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने शिवाजी के चरित्र को लोगों तक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाई, और जनमानस को उनके जैसा बनने के लिए प्रेरित किया।
बात उस समय की है, जब भारत देश मुस्लिम शासकों के अधीन था। उस समय हिंदुओं की स्थिति अत्यंत दयनीय थी, जिस कारण शिवाजी बहुत दुखी थे। इसके चलत उन्होंने हिंदूओं को प्रताड़ित होने बचाने की प्रण लिया। उस समय वीर शिवाजी की उम्र मात्र 16 साल की थी, जब उन्होंने तोरना किले पर अपना कब्ज़ा कर लिया। इसके साथ ही 17 साल की उम्र तक उन्होंने रायगढ़ और कौंडाना किलों पर अपना अधिकार जमाया। उन्होंने औरंगजे़ब से संबंधित कई क्षेत्रों और किलों पर भी जीत हासिल की। सन् 1674 में शिवाजी को रायगढ़ में छत्रपति के रूप में चुना गया। अपने शासन के समय में शिवाजी ने मराठी एवं संस्कृत जैसी भाषाओं को आगे बढ़ाने के लिए समर्थन किया।
लगभग 50 वर्ष की उम्र होते-होते शिवाजी का स्वास्थ्य काफ़ी ख़राब रहने लगा और तीन सप्ताह तक तेज बुखार में रहने के कारण 3 अप्रैल सन् 1680 में उनका उनका निधन हो गया।
तो यह थी शिवाजी जयंती से जुड़ी जानकारी। व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर पर।
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