धनतेरस कब है?
दीपावली के पंचदिवसीय उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश और कुबेर देव की पूजा की जाती है, जो सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं। धनतेरस की रात को यम दीपम अनुष्ठान करने से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
धनतेरस कब है? शुभ मुहूर्त
- धनतेरस पूजा 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाई जायेगी।
- यम दीपम अनुष्ठान 29 अक्टूबर, मंगलवार को किया जायेगा।
- धनतेरस पूजा मुहूर्त 06:14 PM से 07:52 PM तक रहेगा।
- प्रदोष काल 05:19 PM से 07:52 PM तक रहेगा।
- वृषभ काल 06:14 PM से 08:11 PM तक रहेगा।
- त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को 10:31 AM पर प्रारम्भ होगी।
- त्रयोदशी तिथि का समापन 30 अक्टूबर को 01:15 PM पर होगा।
प्रमुख शहरों में धनतेरस पूजा मुहूर्त
- पुणे: 7:01 PM से 8:33 PM
- नई दिल्ली: 6:31 PM से 8:13 PM
- चेन्नई: 6:44 PM से 8:11 PM
- जयपुर: 6:40 PM से 8:20 PM
- हैदराबाद: 6:45 PM से 8:15 PM
- गुरुग्राम: 6:32 PM से 8:14 PM
- चंडीगढ़: 5:57 PM से 7:33 PM
- कोलकाता: 5:57 PM से 7:33 PM
- मुंबई: 7:04 PM से 8:37 PM
- बेंगलुरु: 6:55 PM से 8:22 PM
- अहमदाबाद: 6:59 PM से 8:35 PM
- नोएडा: 6:31 PM से 8:12 PM
धनतेरस पूजा सामग्री लिस्ट
विधि-विधान से धनतेरस की पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार है:-
- माता लक्ष्मी व श्री गणेश जी की तस्वीर,
- भगवान धन्वंतरि की तस्वीर,
- चौकी,
- गंगा जल,
- लाल वस्त्र,
- पूजा की थाली,
- मिट्टी के दीये,
- रुई की बत्तियां,
- सरसों का तेल,
- फूल और माला,
- सुपारी,
- कुबेर यंत्र,
- पानी से भरा कलश,
- मौली/ कलावा,
- सिक्का,
- जल से भरा एक पात्र,
- कपूर,
- कुमकुम,
- अक्षत,
- रोली,
- अबीर,
- गुलाल,
- हल्दी,
- चंदन,
- कौड़ी,
- फल,
- मिष्ठान्न,
- पान या पान का बीड़ा,
- खील-बताशे,
- नए बर्तन,
- नई झाड़ू,
- स्वास्तिक या अल्पना बनाने के लिए आटा या कुमकुम।
आपको बता दें कि धनतेरस के दिन नए बर्तन व सोना-चांदी के आभूषण ख़रीदना विशेष शुभ माना जाता है। इन सामग्रियों के साथ धनतेरस की पूजा करने से घर सदा धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है।
तो ये थी धनतेरस पूजा के शुभ मुहूर्त व पूजा सामग्री से जुड़ी पूरी जानकारी।
क्यों मनाई जाती है धनतेरस?
शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय, भगवान धनवंतरी और देवी लक्ष्मी अमृत के बर्तन को लेकर लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए समुद्र से बाहर आए। इसलिए, इस विशेष दिन को हिंदू धर्म में धनतेरस के रूप में मनाया जाता है जो समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और धन के आगमन को दर्शाता है।
क्या है धनतेरस का महत्व?
दीपावली के सभी अनुष्ठानों के साथ-साथ धनतेरस पर पूजा एवं दीप जलाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे दीपावली का शुभारंभ कहा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि धनत्रयोदशी पर किसी भी प्रकार की "धातु" जैसे सोना, चांदी की खरीद अच्छे भाग्य का प्रतीक है।
इस दिन, लोग माँ लक्ष्मी को घर पर लाने के प्रतीक के रूप में कीमती आभूषण खरीदते हैं। इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस दिन, बर्तनों या सिक्कों की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि इसे "देवी लक्ष्मी" घर लाने के रूप में देखा जाता है।
धनतेरस पर, लोग नए कपड़े खरीदते हैं, अपने घरों, कार्यालयों को साफ करते हैं और लैंप, लालटेन, रंगोली, दीया और माँ लक्ष्मी पैरों के निशान के साथ घर-द्वार को सजाते हैं। ऐसा करना बेहद लाभकारी माना जाता है।
धनतेरस पूजा आर्थिक सफलता के लिए अतिमहत्वपूर्ण हैं, जिसके लिए भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और देवी सरस्वती के आशीर्वाद मांगने के लिए कार्यस्थल पर या घर पर इन सभी की पूजा-अर्चना की जाती है।
धनतेरस पूजा शाम को ही की जाती है जिसमें घर और कार्यालयों में नकारात्मकता दूर करने के लिए मिट्टी के दीपक को जलाने का खास महत्व बताया गया है।
आज के दिन झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि दीपावली धनतेरस से प्रारंभ होती है और मुख्यतः साफ-सफाई के लिए जानी जाती है।
धनतेरस पर किसकी पूजा की जाती है?
धनतेरस पूजा का महत्व: धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और यमराज देवता का पूजन क्यों किया जाता है!
- धनतेरस पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का खास महत्व है। माना जाता है ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि की कमी नहीं रहती और वैभव-विलासता का वास बना रहता है।
- धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस का दिन धन्वन्तरि त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस है, के रूप में भी मनाया जाता है।
- इसी दिन परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपम के नाम से जाना जाता है और इस धार्मिक संस्कार को त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है।
धनतेरस में झाड़ू का महत्व
धनतेरस को धार्मिक रूप से बेहद शुभ और मंगलकारी तो माना ही जाता है, इसके साथ ही, इस दिन को कुछ वस्तुओं की खरीददारी के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको धनतेरास पर झाड़ू ख़रीदने का महत्व बताने जा रहे हैं। जिसको धनतेरस पर खरीदने से आपके लिए सुख-समृद्धि और वैभव के द्वार खुल जाएंगे, इसकी पूजा दीपावली पर भी की जाती है, तो यह खरीददारी धनतेरस के साथ दीपावली को भी शुभ बनाएगी-
झाड़ू: हमारे धार्मिक ग्रंथों में हर पूजा में स्वच्छता और शुद्धता को प्राथमिकता दी गई है। सामान्य रूप से भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। धनतेरस का पर्व बेहद शुभ है, इसलिए इस दिन झाड़ू खरीद कर, दीपावली के दिन इसकी पूजा ज़रूर करें।
आप सभी को धन तेरस की हार्दिक शुभकामनायें, हमारी कामना है कि भगवान धनवंतरि व कुबेर देव आप पर अपनी कृपा सदा बनाए रखें, और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहे। व्रत त्यौहारों व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए ‘श्री मंदिर’ पर।