क्या आप जानना चाहते हैं धनतेरस कब है? जानें इस खास दिन के शुभ मुहूर्त, आवश्यक सामग्री और पूजा विधि के साथ अपनी समृद्धि को कैसे आकर्षित करें। इस धनतेरस को बनाएं विशेष और सफल!
दीपावली के पंचदिवसीय उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश और कुबेर देव की पूजा की जाती है, जो सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं। धनतेरस की रात को यम दीपम अनुष्ठान करने से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। तो चलिए अब जानते हैं कि इस साल धनतेरस कब है?
विधि-विधान से धनतेरस की पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार है:-
आपको बता दें कि धनतेरस के दिन नए बर्तन व सोना-चांदी के आभूषण ख़रीदना विशेष शुभ माना जाता है। इन सामग्रियों के साथ धनतेरस की पूजा करने से घर सदा धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है।
शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय, भगवान धनवंतरी और देवी लक्ष्मी अमृत के बर्तन को लेकर लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए समुद्र से बाहर आए। इसलिए, इस विशेष दिन को हिंदू धर्म में धनतेरस के रूप में मनाया जाता है जो समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और धन के आगमन को दर्शाता है।
दीपावली के सभी अनुष्ठानों के साथ-साथ धनतेरस पर पूजा एवं दीप जलाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे दीपावली का शुभारंभ कहा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि धनत्रयोदशी पर किसी भी प्रकार की "धातु" जैसे सोना, चांदी की खरीद अच्छे भाग्य का प्रतीक है। इस दिन, लोग माँ लक्ष्मी को घर पर लाने के प्रतीक के रूप में कीमती आभूषण खरीदते हैं। इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन, बर्तनों या सिक्कों की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि इसे "देवी लक्ष्मी" घर लाने के रूप में देखा जाता है।
धनतेरस पर, लोग नए कपड़े खरीदते हैं, अपने घरों, कार्यालयों को साफ करते हैं और लैंप, लालटेन, रंगोली, दीया और माँ लक्ष्मी पैरों के निशान के साथ घर-द्वार को सजाते हैं। ऐसा करना बेहद लाभकारी माना जाता है।
धनतेरस पूजा आर्थिक सफलता के लिए अतिमहत्वपूर्ण हैं, जिसके लिए भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और देवी सरस्वती के आशीर्वाद मांगने के लिए कार्यस्थल पर या घर पर इन सभी की पूजा-अर्चना की जाती है।
धनतेरस पूजा शाम को ही की जाती है जिसमें घर और कार्यालयों में नकारात्मकता दूर करने के लिए मिट्टी के दीपक को जलाने का खास महत्व बताया गया है।
आज के दिन झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि दीपावली धनतेरस से प्रारंभ होती है और मुख्यतः साफ-सफाई के लिए जानी जाती है।
धनतेरस पूजा का महत्व: धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और यमराज देवता का पूजन क्यों किया जाता है!
धनतेरस को धार्मिक रूप से बेहद शुभ और मंगलकारी तो माना ही जाता है, इसके साथ ही, इस दिन को कुछ वस्तुओं की खरीददारी के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको धनतेरास पर झाड़ू ख़रीदने का महत्व बताने जा रहे हैं। जिसको धनतेरस पर खरीदने से आपके लिए सुख-समृद्धि और वैभव के द्वार खुल जाएंगे, इसकी पूजा दीपावली पर भी की जाती है, तो यह खरीददारी धनतेरस के साथ दीपावली को भी शुभ बनाएगी-
झाड़ू: हमारे धार्मिक ग्रंथों में हर पूजा में स्वच्छता और शुद्धता को प्राथमिकता दी गई है। सामान्य रूप से भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। धनतेरस का पर्व बेहद शुभ है, इसलिए इस दिन झाड़ू खरीद कर, दीपावली के दिन इसकी पूजा ज़रूर करें।
आप सभी को धन तेरस की हार्दिक शुभकामनायें, हमारी कामना है कि भगवान धनवंतरि व कुबेर देव आप पर अपनी कृपा सदा बनाए रखें, और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहे। व्रत त्यौहारों व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए ‘श्री मंदिर’ पर।
Did you like this article?
जीवित्पुत्रिका व्रत 2024 की तिथि, समय, पूजा विधि, और कथा के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें। यह व्रत माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।
इन्दिरा एकादशी व्रत 2024 की तारीख, विधि और महत्व जानें। इस पवित्र व्रत से पितरों की शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जानें दशहरा क्यों मनाया जाता है, इस पर्व का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व क्या है और यह कैसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।