कार्तिक चौमासी चौदस | Kartik Chaumasi Chaudas 2024, Kab Hai, Shubh Muhurat

कार्तिक चौमासी चौदस

कब है कार्तिक चौमासी चौदस 2024? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस विशेष दिन का धार्मिक महत्त्व।


कार्तिक चौमासी चौदस | Kartik Chaumasi Chaudas 2024

कार्तिक चौमासी चौदस हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। कार्तिक माह को भगवान विष्णु का माह माना जाता है।

इसके साथ ही चौमासी चौदस का पर्व जैन समुदाय के लोगों के लिए भी काफी लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहार है। हिंदू परंपरा में इस माह में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कार्तिक चौमासी चौदस के दिन भगवान विष्णु के अवतार श्री राम और माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान विष्णु, श्री राम और माता सीता की पूजा-अर्चना करते हैं।

कार्तिक चौमासी चौदस कब है

  • कार्तिक चौमासी चौदस 15 नवंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी।

चौमासी चौदस क्यों मनाया जाता है?

चौमासी चौदस पर्व का उद्देश्य लोगों को सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चलना सिखाना है। इस पर्व की अवधि के दौरान जैन समुदाय द्वारा भगवान महावीर द्वारा दिए गए ज्ञान और उपदेशों को अपनाने की प्रतिबद्धता ली जाती है।

कार्तिक चौमासी चौदस का महत्व

कार्तिक चौमासी चौदस का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन को देव दीपावली या मणिकर्णिका स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, श्री राम और माता सीता की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन मणिकर्णिका कुंड में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

चौमासी चौदस के दौरान किए जाने वाले कार्य

  • चौमासी चौदस के दौरान जैन धर्म अपने अनुयायियों को आंतरिक शुद्धि करने के लिए प्रेरित करता है।
  • इस पर्व पर जैन समुदाय के लोग अपने घरों एवं कार्यालयों को स्वच्छ करते हैं, और नए वस्त्र धारण करते हैं।
  • चौमासी चौदस की अवधि में दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है।
  • इस पर्व के दौरान जैन धर्म के लोग उपवास रखते हैं, एवं किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं। चौमासी चौदस की अवधि में उपवास रखने वाले लोग दिन में केवल एक ही बार भोजन करते हैं।
  • इन चार महीनों में जैन समुदाय के संत ध्यान एवं जप-तप करने में लीन रहते हैं।
  • इस पर्व के दौरान लोग अपने घरों में जैन संतों को आमंत्रित करते हैं, और उनसे धार्मिक प्रवचन सुनते हैं।

क्षमा मांगने का समय

चौमासी चौदस की अवधि के समय ही पर्यूषण पर्व आता है, जो कि जैन धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहार माना जाता है। पर्यूषण पर्व पर लोग अपने द्वारा की कई किसी भी भूल के लिए अपने सगे संबंधियों से क्षमा-याचना करते हैं।

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