करवाचौथ व्रत की पारण विधि और खास नियमों की सम्पूर्ण जानकारी। जानें सही समय और तरीका व्रत खोलने का।
किसी भी व्रत को तोड़ने के लिए पारण किया जाता है। यह वह समय होता है जब व्रती अपना उपवास तोड़ते हैं और भोजन ग्रहण करते हैं। वैसे तो लगभग हर व्रत का उपवास तोड़ने की विधी एक सी ही रहती है, लेकिन कुछ व्रत में पारण करते समय भी विशेष ध्यान रखना होता है। तो ऐसे में आज हम करवाचौथ के बारे में जानेंगे कि व्रती इस दौरान अपने व्रत का समापन कैसे करें।
करवाचौथ के व्रत में दिनभर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा को अर्घ्य देने के उपरांत ही भोजन करने का विधान है। करवाचौथ व्रत का उत्सव अधिकतर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही मनाती हैं, लेकिन अधिकतर स्त्रियां इस दिन निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं। और चंद्र दर्शन के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करती हैं।
माना जाता है कि करवाचौथ के व्रत के समान सौभाग्यदायक व्रत अन्य कोई दूसरा नहीं है। अतः सुहागिन स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षा के लिए पूरे जतन से इस व्रत का पालन करती हैं। आप भी ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखें और अपने व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ पूर्ण करें।
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