करवा चौथ पूजा विधि | Karwa Chauth Puja Vidhi
हम भारत की महिलाओं के लिए साल में आने वाले अनेकों त्यौहार एक तरफ और करवा चौथ का व्रत एक तरफ़। साथ ही श्रृंगार, प्रेम, समर्पण और अपने प्रियतम की लंबी उम्र के लिए किया गया त्याग, हमारे भीतर इस दिन के उल्लास को और अधिक बढ़ा देते हैं।
करवा चौथ पूजा संकल्प
- सर्वप्रथम करवाचौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में अर्थात सूर्योदय से पहले उठकर नित्य कर्मों से निवृत हो जाएं और स्नान करें।
- स्नान ने बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें, और पूजाघर की सफाई करके यहां घी का दीपक जलाएं।
- अब हाथ जोड़कर करवा माता, भगवान शिव-पार्वती और गणेश जी को नमन करके व्रत का संकल्प लें।
करवा चौथ पूजा सरगी
- अगर आपके घर में सरगी खाने की परंपरा है तो सूर्योदय से पहले अपने ससुराल पक्ष की तरफ से दी गई सरगी का सेवन करें और जल ग्रहण करें। ध्यान रहें कि सरगी हमेशा सूर्योदय से पूर्व ही ग्रहण की जाती है।
- दिन के समय आप सम्पूर्ण पूजा सामग्री एकत्रित कर लें। ताकि शाम के समय शुभ मुहूर्त में बिना किसी विघ्न के पूजा की जा सकें।
- संध्या समय में पूजा से पहले स्वच्छ होकर संपूर्ण श्रृंगार धारण करें। करवा चौथ के व्रत पर सुहाग की हर निशानी को पहनें।
- अब संध्या समय में शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें।
करवा चौथ पूजा: चौकी स्थापना
- सबसे पहले पूजास्थल को साफ करें और चौकी लगाने वाले स्थान को हल्दी से लीप लें, या फिर रोली और हल्दी से स्वस्तिक बनाएं। उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में चौकी की स्थापना करें।
- इस चौकी के सामने आसन ग्रहण करें। अब चौकी पर गंगाजल छिड़क कर इसपर साफ लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। इस पर करवा माता का कैलेंडर रखें।
- वैसे तो करवा चौथ की संपूर्ण सामग्री के साथ करवा माता का कैलेंडर भी होता है। लेकिन यदि आपको वह न मिले तो आप चावल के आटे को घोलकर उसमें लाल सिंदूर मिलाएं। और इस घोल से चौकी वाली दीवार पर करवा माता, भगवान शिव-पार्वती, गणेश जी और भगवान कार्तिकेय के चित्र बना बनाकर इनकी पूजा करें।
करवा चौथ पूजा: करवा स्थापना
- चौकी पर दाईं ओर अक्षतदल बनाएं और इस पर एक मिट्टी का करवा (टोटी वाला कलश) स्थापित करें। करवा को हल्दी-कुमकुम लगाएं। इसके मुख पर मौली बांधे।
- इस करवा को अपनी क्षमतानुसार अन्न, शक्कर, या सूखे मेवे से भरें। साथ में एक सिक्का भी रखें और इसका मुख दीये से ढंक दें।
करवा चौथ पूजा: गौरी गणेश स्थापना
- प्रथम पूज्य गणेश जी और गौरी की स्थापना के लिए, चौकी पर पान के दो पत्ते रखेंगे। इनपर आसन के रूप में अक्षत के कुछ दाने डालेंगे और अब इन पर दो सुपारियों को गणेशजी और गौरी माता के रूप में विराजित करेंगे।
- अब दोनों देवों पर जल का छिड़केंगे। यह स्नान का रूपक है।
- अब हम गणेश-गौरी जी को रोली, हल्दी और अक्षत अर्पित करेंगे। इसके बाद जनेऊ या मौली के रूप में गौरी-गणेशजी को वस्त्र अर्पित करें।
करवा चौथ पूजा: पूजा प्रारंभ
- अब जल पात्र से तीन बार आचमन विधि करें, और चौथी बार बाएं हाथ से दाएं हाथ में जल लेकर हाथ साफ करें। इसके बाद स्वस्तिवाचन मन्त्र का उच्चारण करें।
- चौकी पर दीप प्रज्वलित करें, धुप-अगरबत्ती लगाएं। इसके बाद पुष्प और माला अदि चढ़ाएं।
- अब ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का 11 बार जप करके प्रथम पूज्य भगवान गणेश और कुलदेवी को नमस्कार करें।
- चौकी पर करवा माता के दाएं तरफ चावल से अष्टदल कमल बनाएं और इस पर कलश की स्थापना करें।
- मिट्टी या तांबे के कलश में शुद्ध जल भरें, इसमें गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाएं और कलश के उभार पर हल्दी-कुमकुम लगाकर इसके मुख पर लाल कलावा बांधे।
- अब दो लौंग, दो सुपारी, एक हल्दी की गांठ, अक्षत, दो इलायची और एक सिक्के को सीधे हाथ में लेकर कलश में डालें।
- यदि इनमें से कुछ सामग्री आपको नहीं मिल पाई हो, तो आप शुद्ध जल में सिर्फ सिक्का और चावल डालकर भी कलश स्थापित कर सकते हैं।
- इसके बाद अष्टदल रूपी आम के पत्तों को हल्दी-कुमकुम लगाकर इस कलश के मुख पर रखें।
- अब नारियल पर लाल चुनरी या लाल वस्त्र को कलावा की मदद से लपेट लें, और इसे कलश पर रखें।
- इसके बाद नारियल पर हल्दी-कुमकुम और अक्षत अर्पण करें।
- माता करवा, भगवान शिव-पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पंचोपचार क्रिया (हल्दी-कुमकुम-अक्षत-पुष्प-भोग) द्वारा पूजा करें।
- घर में बने पकवान, मिष्ठान्न भोग रूप में चढ़ाएं।
- माता करवा को करवा चौथ की पुड़िया में आई सभी सामग्री अर्पित करें।
- अब करवा चौथ व्रत कथा की पुस्तक को नमन करें। दाएं हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर व्रत कथा पढ़ें। यह व्रत कथा श्रीमंदिर पर भी उपलब्ध है। आप व्रत कथा का श्रवण श्रीमंदिर के माध्यम से भी कर सकते हैं।
- अब माता करवा, माता गौरी और भगवान गणेश की आरती करें।
- सभी देवों को नमन करके अपने पति और संतान की लम्बी आयु के लिए प्रार्थना करें।
- अंत में भगवान जी से पूजा में हुई किसी भी गलती के लिएक्षमायाचना करें।
करवा चौथ पूजा: चंद्र पूजा
- चंद्र पूजा के लिए पूजा की थाली में हल्दी, कुमकुम, अक्षत, पुष्प, जल कलश, दीपक छलनी आदि रखें।
- अब किसी ऊँचे स्थान से चन्द्रदर्शन करें। चंद्र को हल्दी-कुमकुम-अक्षत-पुष्प अर्पित करें।
- इसके बाद चंद्र को अर्घ्य दें। अब एक केले के पत्ते पर भोग-मिष्ठान्न रखकर इसे चंद्रदेव को अर्पण करें।
- अब अपने पति को तिलक करें और उनकी आरती उतारें। अब छलनी से पहले चाँद को देखें और फिर अपने पति को देखें।
- इसके बाद चंद्र को नमस्कार करें और उनसे अपने परिवार और जीवनसाथी के लिए मंगल कामना करें।
- अब अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करके अपना निर्जला व्रत पूर्ण करें।
करवा चौथ पूजा: विसर्जन
- पूजा में रखा गया करवा और श्रृंगार की सामग्री सुहागन को दान करें।
- इस तरह आपकी करवा चौथ की पूजा विधि संपन्न होगी। इस विधि से की गई पूजा से माँ करवा आपको सौभाग्य का आशीर्वाद देंगी और आपका परिवार हमेशा सुखी- सम्पन्न बना रहेगा।