मासिक कार्तिगाई से जुड़ी धार्मिक मान्यताएँ और पूजा विधि की जानकारी।
कार्तिगा नक्षत्र के दिन मनाया जाने वाला मासिक कार्तिगाई दक्षिण भारतियों का प्रमुख त्योहार है। ये दिन भगवान शिव और मुरूगन की अराधना के लिए समर्पित होता है। तो आइए इस आर्टिकल में हम मासिक कार्तिगाई से जुड़ी सभी बातों को डिटेल में जानेंगे।
मासिक कार्तिगाई एक मासिक त्यौहार है जिसे मुख्य रूप से तमिल हिन्दुओं द्वारा काफी हर्षोल्लास से मनाया जाता है। मासिक कार्तिगाई को दीपम कार्तिगाई के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिगाई दीपम का नाम कार्तिगाई या कृत्तिका नक्षत्र से लिया गया हैं। जिस दिन कृत्तिका नक्षत्र प्रबल होता है उस दिन कार्तिगाई दीपम मनाया जाता है।
त्योहार के दिन शाम के समय घरों और गलियों में तेल के दीप एक पंक्ति में जलाये जाते हैं। साथ ही, इस दिन भगवान शिव एवं उनके पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इनकी आराधना करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:39 ए एम से 05:28 ए एम तक |
प्रातः सन्ध्या | 05:04 ए एम से 06:17 ए एम तक |
अभिजित मुहूर्त | कोई नहीं |
विजय मुहूर्त | 02:07 पी एम से 02:54 पी एम तक |
गोधूलि मुहूर्त | 06:00 पी एम से 06:24 पी एम तक |
सायाह्न सन्ध्या | 06:02 पी एम से 07:15 पी एम तक |
अमृत काल | 10:53 पी एम से 12:23 ए एम, (06 मार्च) तक |
निशिता मुहूर्त | 11:45 पी एम से 12:34 ए एम, (06 मार्च) तक |
सर्वार्थ सिद्धि योग | पूरे दिन |
रवि योग | 06:17 ए एम से 01:08 ए एम, (06 मार्च) तक |
इस पर्व से जुड़ी हुई एक पौराणिक कथा भी है, जिसके अनुसार, एक बार भगवान शिव ने भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी को अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए स्वयं को प्रकाश की अनन्त ज्योत में बदल लिया था। इसलिए उनके सम्मान में इस दिन ज्योत जलाने का विधान है।
तिरुवन्नामलई की पहाड़ी में कार्तिगाई का त्यौहार बहुत प्रसिद्ध हैं। कार्तिगाई के दिन पहाड़ी पर विशाल दीप जलाया जाता है जो पहाड़ी के चारों ओर कई किलोमीटर तक दिखता है। इस दीप को महादीपम कहते हैं और हिन्दु श्रद्धालु यहाँ जाते हैं और भगवान शिव की प्रार्थना करते हैं।
मासिक कार्तिगाई पर, भगवान-शिव और भगवान-मुरुगन का आशीर्वाद लेने का बहुत ही अधिक महत्व है और इसीलिये भक्तगण इस दिन सुबह-सुबह अपने दैनिक कार्यों को करने के बाद पूजा-अर्चना में लग जाते हैं। इस दिन मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिलती है।
तो यह थी मासिक कार्तिगाई से जुड़ी ज़रूरी जानकारी, ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए आप श्री मंदिर से जुड़े रहें।
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