पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है। अन्य एकादशियों की तरह ये एकादशी भी भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि ये व्रत करने से जातक के सभी पाप नष्ट होते हैं और अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने वाले जातक को धन-समृद्धि के साथ-साथ जीवन के उपरांत मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
हमारी कामना है कि आपको इस व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त हो, आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हों, और आप पर भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहे।
पापांकुशा दो शब्दों का मेल है, पाप और अंकुश, इस प्रकार पापांकुशा का अर्थ हुआ - समस्त पापों पर अंकुश लगाने वाली। इस तिथि पर सभी व्रत रखने वालों के लिए पापांकुशा एकादशी इसके नाम को सार्थक करती है।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जो लोग अज्ञानता वश किसी तरह का पाप करते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद नरक का वास भोगना पड़ता है। वहीं पापांकुशा व्रत के प्रभाव से महापापी व्यक्ति के मन में भी पुण्य जागता है और वह सद्गति को प्राप्त होता है। यह व्रत करने से उसे भगवान विष्णु का संरक्षण मिलता है, और उसपर से पापों का भार कम होता है।
सनातन व्रतों में एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन संपूर्ण विधि और उचित सामग्री के साथ पूजा करना अत्यंत फलदायक होता है। एकादशी पर की जाने वाली पूजा की सामग्री कुछ इस प्रकार है -
इस सामग्री के द्वारा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है।
एकादशी पर ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा
हिन्दू पंचांग के अनुसार एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस लेख में आप एकादशी की पूजा की तैयारी एवं विधि जानेंगे।
इस तरह आपकी एकादशी की पूजा संपन्न होगी। इस पूजा को करने से आपको भगवान विष्णु की कृपा निश्चित रूप से प्राप्त होगी। साथ ही यह दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए भी विशेष है। इस दिन भगवान श्री हरि को सच्चे मन से चढ़ावा अर्पित करने से उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, श्री मंदिर के माध्यम से हम आपके लिए चढ़ावा सेवा लेकर आए हैं, जिससे आप घर बैठे अपने और अपने परिवार के नाम से वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर और गोवर्धन के गिरिराज मुखारविंद मंदिर में विष्णु जी के अवतार श्री कृष्ण को चढ़ावा अर्पित कर सकते हैं।
एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस एकादशी पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से आपको इस व्रत का सम्पूर्ण फल प्राप्त होगा।
कुछ जातक एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, लेकिन यदि वे भी पूजा के समय भगवान विष्णु का स्मरण करके नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करते हैं, तो वो भगवान विष्णु की कृपा का पात्र अवश्य बनेंगे।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
मंत्र का लाभ
यह मंत्र सर्वोत्तम विष्णु मंत्र माना जाता है। एकादशी के दिन 108 बार इस मंत्र का जाप करने से भगवान अति प्रसन्न होते हैं, और अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने । प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।
मंत्र का लाभ
जीवन में आंतरिक, पारिवारिक क्लेश दूर हो जाते हैं। मानसिक दुविधाओं से निजात पाने के लिए इस मंत्र का जाप करते हैं।
नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥
मंत्र का लाभ
इस मंत्र के जाप से पारिवारिक कलह दूर होती है, और घर में सुख शांति और समृद्धि आती है।
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं। विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् । लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥
मंत्र का लाभ
इस मंत्र के जाप से मनुष्य निडर होता है।
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वन्तरायेः । अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय ।। सर्व रोगनिवारणाय् त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय । श्री महाविष्णुस्वरूप श्रीधनवन्तरी स्वरूप । श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः ॥
मंत्र का लाभ
इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
तो यह थी, पापांकुशा एकादशी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। हमारी कामना है कि आपको पापांकुशा एकादशी व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त हो, और आप पर भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहे। ऐसी और भी धर्म सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए बने रहिए श्री मंदिर के साथ।
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