सबसे पुराना धर्म कौन सा है
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सबसे पुराना धर्म कौन सा है

सबसे पुराना धर्म क्या है? इस लेख में हम आपको धर्म के इतिहास और उसकी उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताएंगे।

सबसे पुराने धर्म के बारे में

दुनिया में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन सबसे पुराना धर्म कौन सा है। क्या आप जानते हैं इसके बारे में औऱ कौन-कौन से धर्म किस से हैं जुड़े, कब हुई इन धर्मों की उत्पत्ति। यदि जानना चाहते हैं इन सभी प्रश्नों के बारे में जानकारी तो जानें इस आर्टिकल के जरिए।

सबसे पुराना धर्म कौन सा है

कई बार इस बात पर बहस होती दिखती है कि आखिर दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौन सा है? कभी कोई पारसी तो कभी कोई यहूदी और कभी इस्लाम को सबसे पुराना धर्म बता देता है, लेकिन क्या आप जानना चाहते हैं इस बात का सीधा, सरल और सही जवाब तो आइए जानते हैं। जानकारी के अनुसार, सबसे पुराने धर्मों में हिंदू धर्म को प्रमुख स्थान प्राप्त है, जिसे सनातन धर्म के नाम से भी जाना जाता है।

भारत में विभिन्न धर्मों का पालन किया जाता है, जैसे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन आदि। इसके अलावा, दुनिया में कई अन्य धर्म जैसे पारसी धर्म, यहूदी धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम भी प्राचीन हैं, जिनके कई अनुयायी हैं। ये धर्म समय के साथ बदलते हुए अपने अनुयायियों को धार्मिक शिक्षा और जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

सनातन धर्म का इतिहास

जानकारी के अनुसार, हिंदू धर्म लगभग 12-15 हजार वर्ष पुराना है, जबकि सिख धर्म की उत्पत्ति करीब 500 वर्ष पहले हुई। इसके अलावा बौद्ध धर्म की शुरुआत 2500 वर्ष पूर्व हुई थी। वहीं, जैन धर्म भी हिंदू धर्म के बाद का धर्म बताया जाता है। ये सभी धर्म विभिन्न धार्मिक विश्वासों और सिद्धांतों के माध्यम से मानवता को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

वेदों का महत्व

हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ वेद हैं, जिनकी रचना लगभग 1500 ईसा पूर्व हुई थी। वेद संस्कृत के प्राचीन रूप में लिखे गए हैं, जिनमें धार्मिक ज्ञान, कविता, गीत और अन्य शास्त्र शामिल हैं। इससे यह साबित होता है कि हिंदू धर्म का विचार कम से कम 1500 ईसा पूर्व से चला आ रहा है।

हिंदू धर्म कि विशेषता

यह धर्म जीवन के प्रत्येक पहलू को समग्र रूप से देखने की कोशिश करता है और व्यक्ति को उसकी आत्मिक उन्नति के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। हिंदू धर्म में भगवान की विविध रूपों में पूजा की जाती है, जैसे शिव, विष्णु, देवी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती और गणेश आदि। इसके अलावा, वेद, उपनिषद, भगवद गीता, और रामायण जैसी धार्मिक ग्रंथों में जीवन के विभिन्न पहलुओं और परम सत्य के बारे में गहरी जानकारी दी गई है।

सनातन धर्म में है कर्म और पुनर्जन्म का सिद्धांत

हिंदू धर्म में कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांत को भी अहम माना जाता है। इसके अनुसार, किसी व्यक्ति के अच्छे या बुरे कर्मों का फल उसे अगले जीवन में मिलता है और यह क्रम तब तक चलता रहता है जब तक वह मोक्ष प्राप्त नहीं कर लेता। मोक्ष का अर्थ है जन्म और मरण के चक्र से मुक्ति। हिंदू धर्म का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्थाओं को साकार करना है, बल्कि समाज में भाईचारे, सम्मान और अहिंसा जैसे सिद्धांतों को भी बढ़ावा देना है। इसके अलावा इस धर्म में बड़ों का आदर सत्कार आदि काफी चीजों को विशेष अहमियत भी दी जाती है।

जानिए अन्य धर्मों के इतिहास के बारे में

यहूदी धर्म लगभग 4000 वर्ष पुराना माना जाता है जबकि ईसाई धर्म की उत्पत्ति 2000 वर्ष पूर्व हुई। वहीं, इस्लाम धर्म की शुरुआत 1400 वर्ष पूर्व हुई थी। इसके अलावा पारसी धर्म की उत्पत्ति 1200-1500 ईस्वी पूर्व के बीच हुई थी। इन धर्मों ने अपनी-अपनी मान्यताओं और सिद्धांतों के माध्यम से दुनिया को धार्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया।

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Published by Sri Mandir·February 17, 2025

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