शनि त्रयोदशी कब है 2025? जानें शुभ मुहूर्त!
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शनि त्रयोदशी कब है 2025? जानें शुभ मुहूर्त!

शनि देव को कैसे करें प्रसन्न? जानें शनि त्रयोदशी 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा के उपाय जो आपके जीवन की समस्याओं को खत्म करेंगे।

शनि त्रयोदशी के बारे में

शनि त्रयोदशी का दिन विशेषतः भगवान शनि देव की उपासना और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण तिथि है। यह दिन शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है और जब यह शनिवार के दिन हो, तो इसे और भी शुभ माना जाता है।

शनि त्रयोदशी 2025

जब प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ता है, तो इसे शनि त्रयोदशी या शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं, तो वह समय 'शिव पूजा' के लिये सर्वश्रेष्ठ होता है। शनि त्रयोदशी का ये पावन संयोग 1 वर्ष में कुल तीन या चार बार आता है।

शनि त्रयोदशी कब है?

  • पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11, जनवरी 2025, शनिवार को पड़ रही है। इस प्रदोष व्रत पर शनिवार का संयोग बन रहा है, इस वार शनि प्रदोष व्रत कहा जायेगा।
  • त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 11, जनवरी 2025, शनिवार, सुबह 08 बजकर 21 मिनट से होगा।
  • त्रयोदशी तिथि का समापन 12, जनवरी 2025, रविवार को सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर होगा।
  • शनि प्रदोष काल पूजा का समय 11, जनवरी 2025, शनिवार को शाम 05 बजकर 27 मिनट से 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।
  • जिसकी कुल अवधि 02 घंटे 40 मिनट्स रहेगी।

शनि त्रयोदशी के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:46 ए एम से 05:40 ए एम तक
  • प्रातः सन्ध्या - 05:13 ए एम से 06:34 ए एम तक
  • अभिजित मुहूर्त - कोई नहीं
  • विजय मुहूर्त - 01:37 पी एम से 02:20 पी एम तक
  • गोधूलि मुहूर्त - 05:07 पी एम से 05:34 पी एम तक
  • सायाह्न सन्ध्या - 05:09 पी एम से 06:30 पी एम तक
  • अमृत काल - 09:34 ए एम से 11:03 ए एम तक
  • निशिता मुहूर्त - 11:25 पी एम से 12:19 ए एम, दिसम्बर 12 तक
  • रवि योग - 06:34 ए एम से 11:48 ए एम

शनि त्रयोदशी का महत्व

  • शनि त्रयोदशी के दिन 'शिव पूजा' शाम के समय प्रदोष काल में करने का विधान है।

  • मान्यता के अनुसार- शनि प्रदोष के दिन शंकर भगवान की विधि-विधान से पूजा करने से हर पाप से मुक्ति मिलती है और मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  • जो लोग संतानहीन हैं, उनको विशेष रूप से शनि प्रदोष व्रत करना चाहिए। भगवान शिव की कृपा से जातक को उत्तम संतान प्राप्त होती है।

  • ये भी माना जाता है कि इस दिन शनि के प्रकोप से बचने के लिए यदि उनकी आराधना की जाए तो समस्त प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है, और शनिदेव की विशेष कृपा होती है।

  • जो जातक जीवन में चल रहे शनि ग्रह के दुष्परिणामों से मुक्ति पाना चाहते हैं, उन्हें इस दिन विशेष रूप से पूजा- अर्चना कर शनिदेव को प्रसन्न करना चाहिए।

तो यह थी शनि त्रयोदशी या शनि प्रदोष से जुड़ी जानकारी, हम आशा करते हैं कि आपका व्रत सफल हो। व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर पर।

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Published by Sri Mandir·January 2, 2025

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