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यम द्वितीया

इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करके लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनका सम्मान करते हैं।

यम द्वितीया के बारे में

यम द्वितीया हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। आज के इस खास लेख में हम आपको बताएंगे यम द्वितीया की तिथि एवं शुभ मुहूर्त, साथ ही हम बात करेंगे इस पर्व से जुड़ी कुछ खास मान्यताओं की।

क्या है यम द्वितीया?

यम द्वितीया कार्तिक मास की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है, अर्थात यम द्वितीया दीपावली पूजा के दो दिन बाद पड़ती है। मृत्यु के देवता यमराज के साथ उनके अधीनस्थ चित्रगुप्त और यम-दूत की यम द्वितीया पर पूजा की जाती है। यम पूजा के अतिरिक्त इस दिन को भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है।

यम द्वितीया का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी यमुना ने अपने भाई यमराज को कार्तिक द्वितीया पर अपने घर पर भोजन कराया था। तभी से इस दिन को यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो बहनें इस शुभ दिन पर अपने भाइयों को भोजन कराती हैं, वे हमेशा सौभाग्यवती होती हैं और बहनों के घर भोजन करने से भाइयों को लंबी उम्र प्राप्त होती है। इसलिए भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों के लिए स्वादिष्ट खाना बनाती हैं और उन्हें अपने हाथों से खिलाती हैं। इस दिन को यम द्वितीया, भाई टीका या भाई दूज के रूप में भारत भर में मनाया जाता है।

यम द्वितीया की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • इस बार यम द्वितीया 03 नवंबर रविवार, 2024 को मनाई जाएगी
  • जिसका शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से दोपहर 03 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
  • जिसकी कुल अवधि होगी 02 घण्टे 14 मिनट की।
  • द्वितीया तिथि 02 नवंबर, 2024 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर प्रारम्भ होगी।
  • द्वितीया तिथि 03 नवंबर, 2024 को रात 10 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी।

यम द्वितीया के दिन के अन्य शुभ मुहूर्त

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04 बजकर 24 मिनट से प्रातः 05 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
  • प्रातः सन्ध्या मुहूर्त प्रात: 04 बजकर 50 मिनट से सुबह 06 बजकर 07 मिनट तक होगा।
  • इस दिन अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 19 मिनट से 12 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।
  • विजय मुहूर्त दिन में दोपहर में 01 बजकर 33 मिनट से 02 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
  • इस दिन गोधूलि मुहूर्त शाम में 05 बजकर 16 मिनट से 05 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
  • सायाह्न सन्ध्या काल शाम में 05 बजकर 16 मिनट से 06 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
  • इस दिन अमृत काल रात 08 बजकर 45 मिनट से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
  • इस दिन निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 16 मिनट से 12 बजकर 07 मिनट (04 नवंबर) तक रहेगा।

कैसे करें पूजा?

दोपहर का समय यम द्वितीया पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय है। इस दौरान यमराज पूजा से पहले प्रातःकाल यमुना स्नान का सुझाव दिया जाता है। जिसके बाद पूजा-अर्चना कर के यमराज को अर्घ्य देना चाहिए।

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Published by Sri Mandir·January 14, 2025

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