महालक्ष्मी यंत्र क्या है
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महालक्ष्मी यंत्र क्या है

महालक्ष्मी यंत्र के महत्व, उपयोग, और इसे पूजा करने की विधि के बारे में जानें।

महालक्ष्मी यंत्र के बारे में

महालक्ष्मी यंत्र धन, समृद्धि और सौभाग्य पाने का एक पवित्र माध्यम है। ये देवी लक्ष्मी को खुश करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में आर्थिक स्थिरता लाने के लिए किया जाता है। महालक्ष्मी यंत्र को घर या कार्यस्थल पर विधि-विधान से स्थापित करने और नियमित तौर पर उसकी पूजा करने से धन से संबंधित बाधाएं या रुकावटें दूर होती हैं। ये यंत्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।

महालक्ष्मी यंत्र क्या है?

महालक्ष्मी यंत्र धन के अभाव, आर्थिक संकटों और उसकी दरिद्रता से छुटकारा दिलाने वाला एक शक्तिशाली यंत्र है। इस यंत्र को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर पर स्थापित किया जाता है, जो बहुत शुभ होता है। श्रीदाता, धनदाता और सर्व सिद्धिदाता के नाम से भी महालक्ष्मी यंत्र को जाना जाता है। इस यंत्र के माध्यम से व्यक्ति को धन, प्रसिद्धि और सफलता प्राप्त होती है। महालक्ष्मी यंत्र से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता लक्ष्मी धरती से वैकुंठ धाम चली गईं। तब माता लक्ष्मी को पुन: वापस लाने के लिए महर्षि वशिष्ठ ने महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित करके विधिवत से इस यंत्र की साधना की। इससे देवी लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न हुईं और पुन: धरती पर लौट आईं। महालक्ष्मी यंत्र में विभिन्न ज्यामितीय आकृतियाँ, जैसे त्रिकोण, मंडल और अन्य दिव्य चिह्न होते हैं, जो लक्ष्मी माता की विशेष शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

महालक्ष्मी यंत्र का उद्देश्य?

महालक्ष्मी यंत्र का उद्देश्य मानव कल्याण के हित से संबंधित है। इस यंत्र का मुख्य उद्देश्य मां लक्ष्मी की कृपा और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करना है, जिससे जीवन में धन, समृद्धि, सुख और समग्र समृद्धि मिल सके। वहीं, यह यंत्र न केवल धन-संबंधी समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि घर और परिवार में शांति लाता है और गृह कलेश दूर करता है। यह यंत्र व्यापार और व्यावसाय से जुड़े लोगों का सबसे अधिक कल्याण करता है। इस यंत्र का उपयोग जीवन में आने वाली विभिन्न तरह की फाइनेंशियल समस्याएँ से निजात दिलाता है। इसके अलावा, महालक्ष्मी यंत्र का उद्देश्य घर या कार्यालय में पॉजिटिव एनर्जी का संचार करना भी है, जिससे वातावरण में शांति और समृद्धि बनी रहती है, जिससे सभी कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण होते हैं।

महालक्ष्मी यंत्र की विशेषताएँ

महालक्ष्मी यंत्र की कई विशेषताएँ हैं। इस यंत्र में विभिन्न त्रिकोण, मंडल और अन्य दिव्य चिह्न होते हैं, जो देवी लक्ष्मी की शक्ति का प्रतीक होते हैं। वहीं, इस यंत्र में बनीं आकृतियों का संबंध किसी न किसी देवी-देवताओं से होता है। इस यंत्र को पास रखने भर से ही कई कार्य सफलता पूर्वक संपन्न हो जाते हैं और कष्ट कट जाते हैं। इसके अलावा इसमें मुख्य रूप से 9 कोण और 45 छोटे-छोटे कोण होते हैं, जो 9 देवियों का प्रतीक होते हैं और एक विशेष तरह की शक्तियों का संचार करते हैं। इसके साथ ही यह यंत्र न केवल धन लाभ बल्कि जीवन में सफलता, वैभव और मानसिक शांति के लिए भी प्रभावी है।

महालक्ष्मी यंत्र के लाभ

महालक्ष्मी यंत्र के अनेक लाभ हैं, जो धन अर्जित करने और दरिद्रता को दूर करने में सहायता करता है। इस यंत्र का सबसे प्रमुख लाभ आर्थिक समृद्धि है। यह मंत्र धन के प्रवाह को बढ़ाने में मददगार है। महालक्ष्मी यंत्र की पूजा करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है। इसके अलावा इस मंत्र को स्थापित करने से कर्ज उतारने में मदद मिलती है। इस मंत्र से एश्वर्य और सौभाग्य बढ़ता है। साथ ही सुखी वैवाहिक जीवन और पारिवारिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस मंत्र के माध्यम से दुर्भाग्य, बीमारियों, झगड़ों, निराशाओं और असफलताओं से छुटकारा मिलता है और तन निरोगी बनता है।

महालक्ष्मी यंत्र की सिद्धि और स्थापना विधि

महालक्ष्मी यंत्र की सिद्धि और स्थापना विधि से देवी लक्ष्मी की कृपा बरसती है। लेकिन इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए ये विधि पूरी करनी चाहिए। सिद्धि विधि के लिए सबसे पहले, महालक्ष्मी यंत्र को पवित्र और शुद्ध स्थान पर रखें। यंत्र के चारों ओर दीपक, अगरबत्ती और फूल रखें। इसके साथ-साथ एक पात्र में पानी और रोली का तिलक रखें। अब, महालक्ष्मी के 108 नामों का जाप करें या लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें। यंत्र को उचित दिशा में रखें। वहीं, स्थापना विधि के लिए एक विशेष दिन का चयन करना आवश्यक होता है। आप किसी भी दिन इसको स्थापित नहीं कर सकते।

इसके लिए कार्तिक अमावस्य का दिन शुभ माना जाता है। महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करने से पहले अपने को शुद्ध करें। इसके बाद, यंत्र को स्वच्छ स्थान पर रख धूप-दीप आदि विभिन्न सामग्रियों के साथ पूजन करें। फिर यंत्र को गंगाजल औऱ पंचामृत से स्नान कराकर 11 या 21 बार ॐ ह्रीं ह्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं फट् बीज मंत्र का जाप करें। इसके बाद "ॐ महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का 11 बार जप करें और देवी लक्ष्मी से आशीष लें। ध्यान रखें इसकी सिद्धि और स्थापना विधि के लिए किसी जानकार पंडित या ज्योतिषि से सलाह जरूर लें और फिर यह कार्य करें।

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Published by Sri Mandir·January 21, 2025

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