image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

शनि चालीसा

शनि देव चालीसा जीवन में आने वाली बाधाओं, धन-संपत्ति की कमी, और शारीरिक कष्टों को कम करता है

शनि चालीसा के बारे में

ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक, जब शनि देव किसी पर प्रसन्न होते हैं तो उनके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं। शनि महाराज का आशीर्वाद पाने के लिए शनि चालीसा का पाठ जरूर करें। श्री शनि चालीसा का पाठ शनि महाराज का आशीर्वाद पाने के लिए बहुत ही कारगर उपाय है। शानि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि चालीसा या पाठ किया जाता है। इसे करने से घर में सुख- समृद्धि आती है। साथ ही घर में धन की कमी नहीं होती है।

शनि चालीसा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।

दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

शनि चालीसा चौपाई

जयति जयति शनिदेव दयाला।

करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।

माथे रतन मुकुट छवि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला।

टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।

हिये माल मुक्तन मणि दमके॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा।

पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥

पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन।

यम, कोणस्थ, रौद्र, दुःख भंजन॥

सौरी, मन्द, शनि, दशनामा।

भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥

जा पर प्रभु प्रसन्न है जाहीं।

रंकहुं राव करैं क्षण माहीं॥

पर्वतहू तृण होई निहारत।

तृणहू को पर्वत करि डारत॥

राज मिलत वन रामहिं दीन्हो।

कैकेइहुं की मति हरि लीन्हो॥

बनहूं में मृग कपट दिखाई।

मातु जानकी गई चतुराई॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।

मचिगा दल में हाहाकारा॥

रावण की गति मति बौराई।

रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥

दियो कीट करि कंचन लंका।

बजि बजरंग बीर की डंका॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।

चित्र मयूर निगलि गै हारा॥

हार नौलाखा लाग्यो चोरी।

हाथ पैर डरवायो तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो।

तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥

विनय राग दीपक महँ कीन्हों।

तब प्रसन्न प्रभु हवै सुख दीन्हों॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।

आपहुं भरे डोम घर पानी॥

तैसे नल पर दशा सिरानी।

भूंजी-मीन कूद गई पानी॥

श्री शंकरहि गहयो जब जाई।

पार्वती को सती कराई॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा।

नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।

बची द्रोपदी होति उधारी॥

कौरव के भी गति मति मारयो।

युद्ध महाभारत करि डारयो॥

रवि कहं मुख महं धरि तत्काला।

लेकर कूदि परयो पाताला॥

शेष देव-लखि विनती लाई।

रवि को मुख ते दियो छुड़ई॥

वाहन प्रभु के सात सुजाना।

जग दिग्ज गर्दभ मृग स्वाना॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।

सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।

हय ते सुख सम्पत्ति उपजावै॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा।

गर्दभ सिंद्धकर राज समाजा॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।

मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।

चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहि चारि चरण यह नामा।

स्वर्ण लौह चाँजी अरु तामा॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।

धन जन सम्पत्ति नष्ट करावै॥

समता ताम्र रजत शुभकारी।

स्वर्ण सर्वसुख मंगल कारी॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै।

कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अदभुत नाथ दिखावैं लीला।

करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।

विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।

दीप दान दै बहु सुख पावत॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।

शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥

शनि चालीसा दोहा

पाठ शनिश्चर देव को, की हों विमल तैयार।

करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

श्री मंदिर साहित्य में पाएं सभी मंगलमय चालीसा का संग्रह।

शनि चालीसा का पाठ कब और क्यों किया जाता है?

शनि चालीसा का पाठ आमतौर पर शनिवार के दिन किया जाता है, क्योंकि यह दिन शनिदेव को समर्पित है। इसके अलावा, शनि अमावस्या, शनि जयंती, और ग्रहण काल के दौरान भी शनि चालीसा का पाठ विशेष रूप से किया जाता है। शनि की महादशा, अंर्तदशा या साढ़े साती और ढैया के प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन इसका पाठ किया जाता है। जो लोग शनि की पीड़ा से परेशान होते हैं, उनके लिए यह पाठ अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

शनि चालीसा के पाठ से क्या लाभ होते हैं?

शनि चालीसा का पाठ शनि दोष निवारण में सहायक होता है और कुंडली में मौजूद शनि संबंधी दोषों को कम करता है। यह जीवन में आ रहे संकट, आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह को दूर करने में मदद करता है। नौकरी, व्यापार और करियर में आने वाली रुकावटों को समाप्त कर कार्यक्षेत्र में सफलता दिलाता है। इसके नियमित पाठ से स्वास्थ्य में सुधार होता है और गंभीर रोगों से बचाव संभव होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और शत्रुओं के दुष्प्रभाव से रक्षा करता है। साथ ही, शनि चालीसा का पाठ मनोबल, धैर्य और अनुशासन को बढ़ाकर आत्मबल को सशक्त करता है।

शनि चालीसा पाठ करने की सही विधि क्या है?

सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और शुद्धता बनाए रखें। शनिदेव की प्रतिमा या चित्र के सामने तेल का दीपक जलाकर उनकी पूजा करें तथा काले तिल, सरसों का तेल, नीले फूल और उड़द अर्पित करें। "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें और शांत मन से श्रद्धा व भक्ति भाव से शनि चालीसा का पाठ करें। इसके बाद शनिदेव की आरती करें और गुड़-चना या काली उड़द का भोग लगाकर प्रसाद बांटें। अंत में जरूरतमंदों को काले तिल, कंबल, सरसों का तेल या लोहे की वस्तुएं दान करें, जिससे शनिदेव की कृपा प्राप्त हो सके।

शनि चालीसा पाठ करने के क्या नियम हैं?

शुद्धता का ध्यान रखें और शरीर व स्थान की पवित्रता बनाए रखें। सप्ताह में कम से कम एक बार, विशेष रूप से शनिवार को पाठ करने का विशेष महत्व है। पाठ करने से पहले और बाद में सात्त्विक भोजन ग्रहण करें तथा अल्कोहल और मांसाहार से परहेज करें। पाठ को एकांत और शांत स्थान पर करें, जिससे एकाग्रता बनी रहे। भय और क्रोध से बचें तथा मन को शांत और सकारात्मक रखें। शनि देव कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसलिए किसी को कष्ट न दें और सदैव अच्छे कर्म करने का प्रयास करें।

शनि चालीसा का पाठ करने से किन समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है?

शनि की साढ़ेसाती और ढैया के दुष्प्रभाव, कुंडली में शनि दोष, शनि की महादशा या अंतरदशा के कष्ट , कर्ज, आर्थिक संकट और धन हानि, नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर, शत्रु बाधा और कानूनी परेशानियों से बचाव तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत के लिए शनि से जुड़े उपाय और साधनाएं अत्यंत प्रभावी मानी जाती हैं। किन लोगों को शनि चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए?

जिनकी कुंडली में शनि नीच का है या अशुभ भाव में स्थित है, जिन्हें शनि की साढ़ेसाती या ढैया का प्रभाव झेलना पड़ रहा है, जो आर्थिक संकट, कर्ज और व्यापार में नुकसान से परेशान हैं, बार-बार दुर्घटनाओं का सामना कर रहे हैं, मानसिक तनाव, अवसाद और पारिवारिक कलह से ग्रस्त हैं, नौकरी में बार-बार असफल हो रहे हैं या प्रमोशन में रुकावट आ रही है, जिनका शनि ग्रह कमजोर है और जिन्हें आत्मविश्वास व धैर्य की आवश्यकता है, वे सभी शनि से संबंधित उपायों को अपनाकर राहत पा सकते हैं।

शनि चालीसा PDF

क्या आप भगवान शनि देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और उनकी बाधाओं से मुक्ति पाना चाहते हैं? यहाँ आपको शनि चालीसा का शुद्ध और स्पष्ट पाठ मिलेगा, जिसे आप बिना किसी बाधा के पढ़ सकते हैं और आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

PDF डाउनलोड करें: ऊपर दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें और शनि चालीसा को अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सेव करें।

पेज को बुकमार्क करें: इस पेज को सेव कर लें ताकि जब भी शनि देव की अराधना करनी हो, आपको चालीसा तुरंत मिल जाए।

बिना किसी विज्ञापन के शुद्ध पाठ: यहाँ आपको संपूर्ण शनि चालीसा स्पष्ट और सुव्यवस्थित रूप में मिलेगी, जिसे पढ़ने में कोई परेशानी नहीं होगी।

भगवान शनि देव की कृपा से आपके सभी कष्ट दूर हों! जय शनि देव!

divider
Published by Sri Mandir·March 7, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:

Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102

Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.