108 सीता नाम
108 सीता नामों का जाप विशेष रूप से सीता माता के अनन्त गुणों, उनके योगदान, और उनके आदर्शों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। ये नाम सीता माता के विभिन्न रूपों, गुणों और शक्तियों का आह्वान करते हैं, और इनके जाप से आपको जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है। सीता माता, भगवान राम की पत्नी और भारतीय धर्मग्रंथ रामायण की प्रमुख पात्र हैं, जो अपने त्याग, समर्पण, और निष्ठा के लिए प्रसिद्ध हैं।
उनके 108 नामों व मंत्रों में उनकी महिमा और उनके विविध रूपों का वर्णन किया गया है। इन मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति, भक्ति, और जीवन में सकारात्मकता आती है।
108 सीता नाम व मंत्र
- ॐ श्रीसीतायै नमः।
 - ॐ जानक्यै नमः।
 - ॐ देव्यै नमः।
 - ॐ वैदेह्यै नमः।
 - ॐ राघवप्रियायै नमः।
 - ॐ रमायै नमः।
 - ॐ अवनिसुतायै नमः।
 - ॐ रामायै नमः।
 - ॐ राक्षसान्तप्रकारिण्यै नमः।
 - ॐ रत्नगुप्तायै नमः।
 - ॐ मातुलुङ्ग्यै नमः।
 - ॐ मैथिल्यै नमः।
 - ॐ भक्ततोषदायै नमः।
 - ॐ पद्माक्षजायै नमः।
 - ॐ कञ्जनेत्रायै नमः।
 - ॐ स्मितास्यायै नमः।
 - ॐ नूपुरस्वनायै नमः।
 - ॐ वैकुण्ठनिलयायै नमः।
 - ॐ मायै नमः।
 - ॐ श्रियै नमः।
 - ॐ मुक्तिदायै नमः।
 - ॐ कामपूरण्यै नमः।
 - ॐ नृपात्मजायै नमः।
 - ॐ हेमवर्णायै नमः।
 - ॐ मृदुलाङ्ग्यै नमः।
 - ॐ सुभाषिण्यै नमः।
 - ॐ कुशाम्बिकायै नमः।
 - ॐ दिव्यदायै नमः।
 - ॐ लवमात्रे नमः।
 - ॐ मनोहरायै नमः।
 - ॐ हनुमद्वन्दितपदायै नमः।
 - ॐ मुग्धायै नमः।
 - ॐ केयूरधारिण्यै नमः।
 - ॐ अशोकवनमध्यस्थायै नमः।
 - ॐ रावणादिकमोहिन्यै नमः।
 - ॐ विमानसंस्थितायै नमः।
 - ॐ सुभ्रुवे नमः।
 - ॐ सुकेश्यै नमः।
 - ॐ रशनान्वितायै नमः।
 - ॐ रजोरूपायै नमः।
 - ॐ सत्त्वरूपायै नमः।
 - ॐ तामस्यै नमः।
 - ॐ वह्निवासिन्यै नमः।
 - ॐ हेममृगासक्तचित्तायै नमः।
 - ॐ वाल्मीक्याश्रमवासिन्यै नमः।
 - ॐ पतिव्रतायै नमः।
 - ॐ महामायायै नमः।
 - ॐ पीतकौशेयवासिन्यै नमः।
 - ॐ मृगनेत्रायै नमः।
 - ॐ बिम्बोष्ठ्यै नमः।
 - ॐ धनुर्विद्याविशारदायै नमः।
 - ॐ सौम्यरूपायै नमः।
 - ॐ दशरथस्नुषायै नमः।
 - ॐ चामरवीजितायै नमः।
 - ॐ सुमेधादुहित्रे नमः।
 - ॐ दिव्यरूपायै नमः।
 - ॐ त्रैलोक्यपालिन्यै नमः।
 - ॐ अन्नपूर्णायै नमः।
 - ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
 - ॐ धियै नमः।
 - ॐ लज्जायै नमः।
 - ॐ सरस्वत्यै नमः।
 - ॐ शान्त्यै नमः।
 - ॐ पुष्ट्यै नमः।
 - ॐ क्षमायै नमः।
 - ॐ गौर्यै नमः।
 - ॐ प्रभायै नमः।
 - ॐ अयोध्यानिवासिन्यै नमः।
 - ॐ वसन्तशीतलायै नमः।
 - ॐ गौर्यै नमः।
 - ॐ स्नानसन्तुष्टमानसायै नमः।
 - ॐ रमानामभद्रसंस्थायै नमः।
 - ॐ हेमकुम्भपयोधरायै नमः।
 - ॐ सुरार्चितायै नमः।
 - ॐ धृत्यै नमः।
 - ॐ कान्त्यै नमः।
 - ॐ स्मृत्यै नमः।
 - ॐ मेधायै नमः।
 - ॐ विभावर्यै नमः।
 - ॐ लघूदरायै नमः।
 - ॐ वरारोहायै नमः।
 - ॐ हेमकङ्कणमण्डितायै नमः।
 - ॐ द्विजपत्न्यर्पितनिजभूषायै नमः।
 - ॐ राघवतोषिण्यै नमः।
 - ॐ श्रीरामसेवनरतायै नमः।
 - ॐ रत्नताटङ्कधारिण्यै नमः।
 - ॐ रामवामाङ्गसंस्थायै नमः।
 - ॐ रामचन्द्रैकरञ्जिन्यै नमः।
 - ॐ सरयूजलसङ्क्रीडाकारिण्यै नमः।
 - ॐ राममोहिन्यै नमः।
 - ॐ सुवर्णतुलितायै नमः।
 - ॐ पुण्यायै नमः।
 - ॐ पुण्यकीर्त्यै नमः।
 - ॐ कलावत्यै नमः।
 - ॐ कलकण्ठायै नमः।
 - ॐ कम्बुकण्ठायै नमः।
 - ॐ रम्भोर्वै नमः।
 - ॐ गजगामिन्यै नमः।
 - ॐ रामार्पितमनायै नमः।
 - ॐ रामवन्दितायै नमः।
 - ॐ रामवल्लभायै नमः।
 - ॐ श्रीरामपदचिह्नाङ्कायै नमः।
 - ॐ रामरामेतिभाषिण्यै नमः।
 - ॐ रामपर्यङ्कशयनायै नमः।
 - ॐ रामाङ्घ्रिक्षालिन्यै नमः।
 - ॐ वरायै नमः।
 - ॐ कामधेन्वन्नसन्तुष्टायै नमः।
 - ॐ मातुलुङ्गकरे धृतायै नमः।
 



