क्या आप शत्रु बाधा, कोर्ट केस या वाद-विवाद से परेशान हैं? बगलामुखी देवी का यह शक्तिशाली कवच आपकी रक्षा करता है और आपको विजय दिलाता है। जानें बगलामुखी कवच की पाठ विधि, इसके अद्भुत लाभ और PDF डाउनलोड करने की जानकारी।
बगलामुखी कवच एक ऐसा दिव्य और रहस्यमयी अस्त्र है, जो न केवल शत्रुओं की वाणी, बुद्धि और शक्ति को रोक देता है, बल्कि साधक को असीम आत्मबल और विजयशक्ति भी प्रदान करता है। चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं बगलामुखी कवच से जुड़े, श्लोक, लाभ, महत्व एवं पाठ करने के तरीकों के बारे में।
श्री बगलामुखी कवच में माँ बगलामुखी की महिमा का वर्णन किया गया है। वे दस महाविद्याओं में आठवीं देवी मानी जाती हैं। संपूर्ण ब्रह्मांड में जो भी ऊर्जा और गति है, वह इन्हीं के कारण है। माँ बगलामुखी, देवी पार्वती का एक उग्र रूप हैं और वे भक्तों को सुख-संपत्ति (भोग) और मोक्ष, दोनों प्रदान करती हैं।
इनकी आराधना शुरू करने से पहले हरिद्रा गणपति की पूजा करना आवश्यक माना जाता है। माँ बगलामुखी के प्रकट होने का स्थान गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र को माना जाता है। मान्यता है कि वे हल्दी के रंग वाले जल से प्रकट हुई थीं, इसी कारण उन्हें "पीताम्बरा देवी" भी कहा जाता है।
ॐ ऐं ह्रीं क्रों बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा॥
ॐ अस्य श्रीबगलामुखी कवचस्य नारद ऋषिः।
अनुष्टुप छन्दः। श्री बगलामुखी देवता।
ह्रीं बीजं। स्वाहा शक्तिः।
मम सर्वविधि विजयार्थे जपे विनियोगः॥
ॐ ह्रीं बगलामुखी मम शत्रून् नाशय नाशय।
दुर्जनान् हन हन।
दुष्टान् स्तम्भय स्तम्भय। सर्वान् मोहय मोहय।
शत्रून् मारय मारय। ह्रीं स्वाहा॥
पूर्वदिग्भागे पातु मां बगलामुखी सर्वदा।
आग्नेयां स्तम्भिनी रक्षेत्, दक्षिणे वारुणी तथा॥
नैऋत्यां कीलिका रक्षेत्, पश्चिमे विद्या वासिनी।
वायव्यां मोहिनी रक्षेत्, उत्तरस्यां विजयप्रदा॥
ऊर्ध्वं बगलामुखी पातु, अधस्तात् पातु सर्वदा।
सदाभयं करं देवी, त्रैलोक्ये विजयप्रदा॥
राजद्वारे गृहद्वारे, संग्रामे शत्रुसंकटे।
सर्वदा सर्वदुष्टानां, बाधां नाशय नाशय॥
ब्रह्मास्त्रादिकवचं, पाताले च महाबले।
जले स्थले चांतरिक्षे, सर्वत्र मम रक्षतु॥
सर्वशत्रून् समुद्धर्य, स्वचरणे स्थिरं कुरु।
बगलामुखी महादेवी, सर्वं मे वशमानय॥
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हां कीलय, बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा॥
माँ बगलामुखी का कवच बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इसका नियमित पाठ करने से जीवन की कई समस्याओं का समाधान होता है और हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है। यह कवच शत्रुओं को शांत करता है, वाणी में प्रभाव बढ़ाता है और जीवन में सफलता दिलाता है।
अगर कोई व्यक्ति शत्रुओं से परेशान है, कोर्ट-कचहरी के मामलों में फँसा है या विरोधियों से बचाव चाहता है, तो बगलामुखी कवच उसकी रक्षा करता है। यह कवच शत्रुओं की बुरी योजनाओं को निष्क्रिय कर देता है और व्यक्ति को हर परिस्थिति में विजयी बनाता है।
इस कवच का पाठ करने से वाणी प्रभावशाली बनती है। जो लोग भाषण, वकालत, राजनीति या पढ़ाई-लिखाई से जुड़े हैं, उनके लिए यह बहुत लाभदायक होता है। यह तर्क शक्ति को बढ़ाता है और बहस में जीत दिलाने में मदद करता है।
अगर किसी पर झूठा मुकदमा चल रहा है या किसी कानूनी विवाद में फँसा हुआ है, तो बगलामुखी कवच उसे न्याय दिलाने में मदद करता है। इसका पाठ करने से व्यक्ति को सही निर्णय मिलता है और कानूनी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
यह कवच बुरी नजर, तंत्र-मंत्र, जादू-टोने और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा देता है। यदि किसी को लगता है कि उस पर किसी बुरी शक्ति का असर हो रहा है, तो इस कवच का पाठ करने से वह प्रभाव तुरंत समाप्त हो जाता है।
जो लोग डर, चिंता, तनाव या घबराहट महसूस करते हैं, उनके लिए यह कवच बहुत फायदेमंद होता है। इसका पाठ करने से मन शांत होता है, आत्मबल बढ़ता है और व्यक्ति आत्मविश्वास से भर जाता है।
अगर किसी को आर्थिक परेशानियाँ हो रही हैं, व्यापार में नुकसान हो रहा है या धन की कमी बनी हुई है, तो बगलामुखी कवच का पाठ करने से धन-लाभ होता है और व्यापार में सफलता मिलती है।
बगलामुखी कवच का पाठ करने से पहले नहाना जरूरी होता है। साफ कपड़े पहनकर माँ की पूजा करनी चाहिए। पाठ करते समय मन को शांत और एकाग्र रखना चाहिए, जिससे माँ बगलामुखी की कृपा जल्दी प्राप्त हो सके।
कवच का पाठ करने के लिए स्वच्छ और पवित्र स्थान चुनना चाहिए। अगर संभव हो तो माँ बगलामुखी के मंदिर में या घर के पूजा स्थान में पाठ करना अच्छा होता है। पीले रंग का आसन प्रयोग करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह माँ बगलामुखी का प्रिय रंग है।
पूजा में पीले फूल, हल्दी और पीले वस्त्र का उपयोग करना अच्छा होता है। पाठ से पहले दीप जलाना और धूप दिखाकर माँ बगलामुखी का आह्वान करना चाहिए। हवन करना भी बहुत शुभ माना जाता है, खासकर यदि शत्रु बाधा से मुक्ति पानी हो।
बगलामुखी कवच का पाठ करने के लिए मंगलवार और गुरुवार सबसे शुभ माने जाते हैं। अमावस्या, पूर्णिमा या गुरु-पुष्य नक्षत्र के दिन इसका पाठ करने से विशेष लाभ होता है। जल्दी फल पाने के लिए 21, 51 या 108 दिनों तक लगातार पाठ करना अच्छा माना जाता है।
पाठ शुरू करने से पहले यह संकल्प लेना चाहिए कि इसे अच्छे और धार्मिक कार्यों के लिए किया जाएगा। माँ बगलामुखी के मंत्रों और कवच का गलत इस्तेमाल करने से नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए पाठ करते समय मन में अच्छे विचार और सच्ची भक्ति होनी चाहिए।
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