निर्भयता एवं भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए कृष्ण प्रतिपदा विशेष 1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ
 निर्भयता एवं भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए कृष्ण प्रतिपदा विशेष 1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ
 निर्भयता एवं भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए कृष्ण प्रतिपदा विशेष 1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ
 निर्भयता एवं भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए कृष्ण प्रतिपदा विशेष 1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ
 निर्भयता एवं भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए कृष्ण प्रतिपदा विशेष 1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ
 निर्भयता एवं भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए कृष्ण प्रतिपदा विशेष 1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ
कृष्ण प्रतिपदा विशेष

1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ

निर्भयता एवं भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए
temple venue
श्री दुर्गा कुंड मंदिर, काशी
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

निर्भयता एवं भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए कृष्ण प्रतिपदा विशेष 1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ

कृष्ण पक्ष की पहली तिथि को कृष्ण पक्ष प्रतिपदा कहते हैं, जो कि देवी दुर्गा द्वारा शासित है। इस तिथि पर देवी दुर्गा का आवाह्न अत्यंत लाभकारी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार देवी के सभी रूपों की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन समर्पित होता है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से वो प्रसन्न हो जाती हैं और अपने भक्तों को निर्भयता के साथ सुख, समृद्धि और सफलता का आशीष देती हैं। हिंदू धर्म में देवी दुर्गा, जिन्हें शक्ति या देवी के रूप में भी जाना जाता है, ये अपने भक्तों में मौजूद बुराई, स्वार्थ, ईर्ष्या, पूर्वाग्रह, घृणा, क्रोध और अहंकार जैसी बुरी शक्तियों को नष्ट करके उन्हें दुख से बचाती हैं। इस विशेष तिथि एवं शुभ दिन के संयोग पर दिनांक 24 मई 2024 को 1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इसमें भाग लेकर आप अपने जीवन से निर्भयता के साथ सुख, समृद्धि एवं सौभाग्य का वरदान प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
निर्भयता के लिए
देवी दुर्गा को "अभय मुद्रा" यानि निडर मुद्रा में शेर पर खड़े होकर चित्रित किया गया है, जो भय से मुक्ति के आश्वासन को दर्शाता है। यही कारण है कि देवी दुर्गा को शक्ति का साक्षात स्वरूप माना गया है। मान्यता है कि जो भी भक्त देवी दुर्गा की अराधना करता है उसे अभय का वरदान प्राप्त होता है जिससे वो जीवन में आने वाली सभी मुश्किलों का समाना निर्भयता पूर्वक आसानी से कर विजय हासिल करता है।
puja benefits
भौतिक सुख की प्राप्ति
हिन्दू धर्म में आदिशक्ति देवी दुर्गा का स्थान सर्वोपरि माना गया है। मान्यता है कि दुर्गा जी इस संसार में धन, प्रचुरता और सौभाग्य की दाता हैं। उनकी भक्ति कर भक्त अपनी सारी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं। शुक्रवार के दिन इनकी पूजा कर मां दुर्गा को प्रसन्न कर सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और सौभाग्य की प्राप्ति का आशीष मिलता है। वहीं 1008 माँ दुर्गा मंत्र जाप और यज्ञ व्यक्ति के जीवन में कल्याण और आनंद का सुख प्रदान करने में मदद करता है।
puja benefits
सुरक्षा का आशीष
माँ दुर्गा शक्ति और सुरक्षा की देवी हैं। असुरों का संहार करने वाली देवी आदिशक्ति की पूजा से भक्तों को सुरक्षा प्रदान करती है। शुक्रवार के दिन मां दुर्गा के इस विशेष मंत्र जाप को करने से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। वहीं इसके अलावा देवी दुर्गा अपने भक्तों को भय मुक्ति का वरदान भी देती हैं ताकि वो सुरक्षित महसूस कर सके।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री दुर्गा कुंड मंदिर,काशी

श्री दुर्गा कुंड मंदिर,काशी
भगवान शिव की नगरी काशी में स्थापित श्री दुर्गा कुंड मंदिर, जहाँ माँ आदिशक्ति दुर्गा अदृश्य रूप में विराजमान है। मान्यता है की माता रानी का यह मंदिर आदिकालीन है तथा यह सिद्ध मंदिर काशी के प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का उल्लेख स्कन्द पुराण के काशी खंड में भी पाया जाता है। इस मंदिर में माँ दुर्गा यंत्र के रूप में विराजमान है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार 17वीं शताब्दी में रानी भवानी ने करवाया था। इस मंदिर के एक तरफ कुंड है, जिसे दुर्गा कुंड कहा जाता है।

मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की शुंभ-निशुंभ का वध करने के बाद मातारानी ने यहाँ विश्राम किया था। भक्तों में यह आस्था है की माँ दुर्गा यहाँ अपने चौथे स्वरुप कुष्मांडा के रूप में स्थित है। इसलिए नवरात्रि में इस मंदिर में देश के हर एक कोने से असंख्य श्रद्धालु दर्शन एवं पूजा-अर्चना करने आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण होने का आशीष प्राप्त करते हैं।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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