पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए रमा एकादशी पितृ आदिपति संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए रमा एकादशी पितृ आदिपति संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए रमा एकादशी पितृ आदिपति संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप
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पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए रमा एकादशी पितृ आदिपति संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप
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पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए रमा एकादशी पितृ आदिपति संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए रमा एकादशी पितृ आदिपति संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप
रमा एकादशी पितृ आदिपति संयुक्त विशेष

नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप

पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए
temple venue
विश्राम घाट, दीर्घ विष्णु मंदिर, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश
pooja date
28 अक्टूबर, सोमवार, रमा एकादशी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार में समृद्धि के लिए रमा एकादशी पितृ आदिपति संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप

हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां मनाई जाती हैं। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान कृष्ण ने धर्म राज युधिष्ठिर को रमा एकादशी के बारे में बताया था, जो दिवाली से चार दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आती है। इसे रंभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को सबसे प्रिय मानी जाती है और पुण्य कर्मों के संचय के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में इस एकादशी का अधिक महत्व है क्योंकि भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का एक नाम रमा है, जिससे यह एकादशी भगवान विष्णु को विशेष रूप से प्रिय है। भक्त इस एकादशी पर पूर्वजों की आत्मा की शांति और पितृ दोष से राहत के लिए भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पितृ दोष हमारे पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। इस दोष के कारण आर्थिक परेशानी, रिश्तों में तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। पितृ दोष के निवारण के लिए नारायण बलि पूजा की जाती है और इसके साथ ही अक्सर नाग बलि पूजा भी की जाती है। नाग बलि पूजा का उद्देश्य नाग या सर्प की हत्या के पाप को खत्म करना है। शास्त्रों के अनुसार, ये दोनों पूजा एक साथ करने पर ही प्रभावी होती हैं। भगवान विष्णु ने गरुड़ पुराण में बताया है कि इन विशेष अनुष्ठानों को अनुभवी पंडितों द्वारा पवित्र नदियों के तट पर किया जाना चाहिए। यदि यह पूजा वृंदावन में यमुना नदी के तट पर स्थित विश्राम घाट पर की जाए तो यह अत्यंत फलदायी हो सकती है, क्योंकि यमुना देवी मृत्यु के देवता और पितरों के रक्षक भगवान यम की बहन हैं। यमराज ने यमुना देवी को वरदान दिया था कि जो कोई भी विश्राम घाट पर पवित्र स्नान करेगा या वहां पूजा करेगा, वह उनके प्रकोप से मुक्त हो जाएगा और मृत्यु के बाद वैकुंठ में निवास करेगा। इसलिए, ऐसा माना जाता है कि यमुना देवी की कृपा से व्यक्ति यमराज के दंड से मुक्त हो सकता है।

इसके अलावा, रमा एकादशी पर भगवान विष्णु को समर्पित श्री द्वादशाक्षरी मंत्र का जाप करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में खुशहाली आती है। मथुरा में स्थित दीर्घ विष्णु मंदिर भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। वराह पुराण के अनुसार भगवान विष्णु कहते हैं कि पृथ्वी, आकाश या पाताल में मथुरा से अधिक उन्हें कोई स्थान प्रिय नहीं है। इसलिए रमा एकादशी के पावन अवसर पर वृंदावन के विश्राम घाट पर नारायण बलि और नाग बलि पूजा का आयोजन किया जाएगा, साथ ही मथुरा के दीर्घ विष्णु मंदिर में 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप भी किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष संयुक्त पूजा में भाग लें। इसके अलावा रमा एकादशी के दिन गंगा आरती एवं दीप दान का भी विशेष महत्व है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए गंगा आरती और दीप दान का चुनाव कर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
पितरों की आत्मा की शांति के लिए
पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां कभी खत्म नहीं होती हैं। व्यक्ति चाहे जितना भी प्रयास कर ले, सफलता हाथ नहीं लगती। ऐसा पितृ दोष के कारण हो सकता है, जो तब होता है जब हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, जिससे हमें उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
परिवार में समृद्धि के लिए
कई बार कुछ घरों में बिना किसी स्पष्ट कारण के समृद्धि की कमी या आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं। इसका एक कारण पितृ दोष भी माना जाता है। इसलिए, ऐसा माना जाता है कि रमा एकादशी पर नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप करने से परिवार को समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
puja benefits
बेहतर स्वास्थ्य पाने के लिए
पितृ दोष के कारण परिवार के किसी सदस्य को शारीरिक या मानसिक बीमारी हो सकती है। पितृ दोष से प्रभावित लोगों को बार-बार होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं, पुरानी बीमारियों के लिए उचित उपचार खोजने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि रमा एकादशी के शुभ अवसर पर नारायण बलि, नाग बलि पूजा और 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशारी मंत्र जाप करने से बेहतर स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

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विश्राम घाट, दीर्घ विष्णु मंदिर, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश

विश्राम घाट, दीर्घ विष्णु मंदिर, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश
हिंदु धर्म में वृंदावन के विश्राम घाट का विशेष महत्व है। यह घाट यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसे कई पौराणिक घटनाओं से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि इसी पवित्र स्थल पर यमराज और उनकी बहन यमुना ने एक साथ स्नान किया था, जिससे भाई दूज की परंपरा की शुरुआत हुई। इसके साथ ही माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद इसी घाट पर विश्राम किया था, जिसके कारण इस घाट का नाम 'विश्राम घाट' पड़ा। इस घाट को मोक्ष और आत्मशुद्धि का स्थान भी माना जाता है, जहां भक्त यमुना में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि यहां देवी यमुना की पूजा करने से यमदंड से मुक्ति मिलती है।

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित दीर्घ विष्णु मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक प्राचीन और पवित्र स्थल है, जिसे कृष्ण काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। यहाँ स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा पूरे भारत में अद्वितीय मानी जाती है। मंदिर के पुजारियों के अनुसार, इस दिव्य प्रतिमा के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी दुख श्री हरि स्वयं हर लेते हैं। वराह पुराण, नारद पुराण, और श्रीमद्भागवत गीता में भी दीर्घ विष्णु मंदिर का उल्लेख मिलता है। वराह पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु स्वयं कहते हैं कि पृथ्वी, आकाश या पाताल लोक में कोई ऐसा स्थान नहीं है जो मथुरा से अधिक प्रिय हो। इस मंदिर की स्थापना लगभग 4500 वर्ष पूर्व हुई मानी जाती है। इसका निर्माण भगवान श्रीकृष्ण के छः भुजा स्वरूप और यमुना तीर्थ प्रयाग को बचाने के उद्देश्य से किया गया था। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थित भगवान विष्णु की प्रतिमा श्रीकृष्ण के उस विराट रूप का प्रतीक है, जो उन्होंने कंस के वध के समय धारण किया था।

पूजा का चयन करें

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पारिवारिक पूजा  package image

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
विश्राम घाट, दीर्घ विष्णु मंदिर में भगवान विष्णु और आपके पूर्वज को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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संयुक्त परिवार पूजा package image

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
विश्राम घाट, दीर्घ विष्णु मंदिर में भगवान विष्णु और आपके पूर्वज को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

रिव्यूज़ और रेटिंग

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अच्युतम नायर

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