रिश्तों में खुशहाली एवं विवादों से समाधान के लिए गुप्त नवरात्रि शक्तिपीठ षष्ठी विशेष मां कात्यायनी अष्टकम स्तोत्र पाठ, भोग आरती और भूतेश्वर पंचाक्षरी मंत्र जाप
रिश्तों में खुशहाली एवं विवादों से समाधान के लिए गुप्त नवरात्रि शक्तिपीठ षष्ठी विशेष मां कात्यायनी अष्टकम स्तोत्र पाठ, भोग आरती और भूतेश्वर पंचाक्षरी मंत्र जाप
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गुप्त नवरात्रि शक्तिपीठ षष्ठी विशेष

माँ कात्यायनी अष्टकम स्तोत्र पाठ, भोग आरती और भूतेश्वर पंचाक्षरी मंत्र जाप

रिश्तों में खुशहाली एवं विवादों से समाधान के लिए
temple venue
शक्तिपीठ मां कात्यायनी मंदिर , मथुरा, उत्तर प्रदेश
pooja date
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srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

रिश्तों में खुशहाली एवं विवादों से समाधान के लिए गुप्त नवरात्रि शक्तिपीठ षष्ठी विशेष मां कात्यायनी अष्टकम स्तोत्र पाठ, भोग आरती और भूतेश्वर पंचाक्षरी मंत्र जाप

आषाढ़ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी को अमोघ फलदायिनी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विवाह संबंधी समस्याओं को सुलझाने के लिए मां कात्यायनी की पूजा अत्यंत लाभकारी मानी गई है और इनके आशीर्वाद से व्यक्ति को मनचाहा जीवनसाथी भी मिलता है। मान्यता है कि ब्रज की गोपियों ने भी भगवान कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की पूजा की थी। 51 शक्तिपीठों में से एक मां कात्यायनी शक्तिपीठ भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में स्थित है। यह मंदिर प्राचीन सिद्धपीठों में से एक के रूप में भी जाना जाता है और कभी-कभी इसे उमा शक्तिपीठ भी कहा जाता है।

पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि मां सती के बाल यहीं गिरे थे, जिससे यह अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन सिद्धपीठ बन गया है। इस मंदिर में मां कात्यायनी की पूजा करने से रिश्तों में खुशियां आती हैं और क्लेश से मुक्ति का आशीष मिलता है। इसके अलावा गुप्त नवरात्रि में इस शक्तिपीठ में भगवान शिव के साथ मां कात्यायनी की पूजा करने से सुख एवं समृद्ध वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। मां कात्यायनी की पूजा के लिए गुरुवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए गुप्त नवरात्रि षष्ठी और गुरुवार के शुभ संयोग पर शक्तिपीठ मां कात्यायनी मंदिर में मां कात्यायनी अष्टकम स्तोत्र पाठ, भोग आरती और भूतेश्वर पंचाक्षरी मंत्र जाप का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और मां कात्यायनी से आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
रिश्तों में खुशहाली
मां कात्यायनी शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं, शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से रिश्तों में मधुरता आती है। वहीं महादेव के पंचाक्षरी मंत्र जाप से वैवाहिक संबंध में आ रही समस्याओं से मुक्ति मिलती है। मां कात्यायनी के साथ भगवान शिव की पूजा करने से रिश्तों में उत्पन्न विवाद दूर हो जाते हैं और खुशहाली आती है। इसके अलावा शीघ्र विवाह के लिए अद्भुत माना जाता है, मनचाहे वर एवं प्रेम विवाह के लिए भी इनकी उपासना की जाती है। वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है।
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विवादों से समाधान
मां कात्यायनी रिश्तों में खुशहाली के साथ उनमें होने वाले विवादों का समाधान भी करती हैं। मान्यता है कि जो जातक कात्यायनी माता की पूरी श्रद्धा भाव से पूजा करता है उसके विवाह में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। कात्यायनी अष्टकम स्तोत्र पाठ के साथ भूतेश्वर पंचाक्षरी मंत्र जाप करने से मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों को विवादों से मुक्त होने का आशीष देती हैं।
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नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति
मां कात्यायनी के साथ महादेव का आवाह्रन करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है। मान्यता है कि अमावस्या के विशेष दिन पर मां कात्यायनी एवं महादेव की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती है। इससे व्यक्ति के काम सफलता पूर्वक पूर्ण होते हैं। मां कात्यायनी के साथ शिव जी की अराधना करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

पूजा प्रक्रिया

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नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का लाइव अपडेट्स प्राप्त करें।
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पूजा वीडियो एवं प्रसाद

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

शक्तिपीठ मां कात्यायनी मंदिर , मथुरा, उत्तर प्रदेश

शक्तिपीठ मां कात्यायनी मंदिर , मथुरा, उत्तर प्रदेश
मथुरा के वृंदावन में स्थापित मां कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर, 51 प्रतिष्ठित शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर माता पार्वती को समर्पित है, जो अपने कात्यायनी रूप में हैं यहां विराजित हैं। वृंदावन में कात्यायनी देवी शक्ति पीठ की स्थापना हिंदू माह माघ की पूर्णिमा के दिन की गई थी। केशवानंद महाराज नामक एक संत ने इसका निर्माण करवाया था। वे मां कात्यायनी के परम भक्त थे। कहा जाता है कि उन्हें एक स्वप्न आया था जिसमें कात्यायनी देवी ने उनसे वृंदावन आकर मंदिर बनवाने को कहा था।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता सती के देह को भगवान विष्णु द्वारा उनके सुदर्शन चक्र से काटने पर जहां जहां उनके अंग गिरे वह शक्तिपीठ के रूप में जाना गया। इस स्थान पर माता सती के बालों की लटें गिरीं थीं, इसलिए यह स्थान शक्तिपीठों में से एक माना गया। इन्हें यहाँ उमा भी कहा जाता है। इसलिए, इस मंदिर को उमा देवी शक्ति पीठ भी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां कात्यायनी देवी की पूजा करने से लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। इनकी आराधना से गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है। ऐसा कहा जाता है कि ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण को अपना पति बनाना चाहती थीं इसलिए, वृंदा देवी ने उन्हें देवी कात्यायनी की पूजा करने का सुझाव दिया, तब से यह परंपरा आज भी जारी है।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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