माँ ललिता की पूजा और आरती से शत्रुओं का नाश होता है, रोगों से मुक्ति मिलती है, और घर-परिवार में सुख और समृद्धि का वास होता है।
शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति रोज माँ ललिता की आरती पढ़ता है या फिर सुनता है, उसके सभी कार्य बन जाते हैं। इसी के साथ मां ललिता उससे बहुत प्रसन्न होती हैं और उसकी हर मनोकामना को पूर्ण करती हैं। जो जातक ललिता देवी जी की आरती का प्रतिदिन पाठ करता है, तो उसे सुन्दर रूप की प्राप्ति होती है और उसके मुख पर एक आलौकिक तेज दिखाई देता है। चूँकि ललिता माता को त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है, इसलिए वे अपने भक्तों के रूप को निखारने का काम भी करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जीवनसाथी की तलाश कर रहा हैं तो अगर वह माँ ललिता की आरती का निरंतर पाठ करें तो उसे ना केवल सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है बल्कि विवाह में आ रही हरेक अड़चन भी दूर हो जाती है। तो आइए पढ़ते है श्री मंदिर पर ललिता देवी जी की आरती (Lalita Devi Ji Ki Aarti In Hindi) हिंदी में।
श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी।
राजेश्वरी जय नमो नमः॥
करुणामयी सकल अघ हारिणी।
अमृत वर्षिणी नमो नमः॥
जय शरणं वरणं नमो नमः।
श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी॥
अशुभ विनाशिनी, सब सुख दायिनी।
खल-दल नाशिनी नमो नमः॥
भण्डासुर वधकारिणी जय माँ।
करुणा कलिते नमो नम:॥
जय शरणं वरणं नमो नमः।
श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी॥
भव भय हारिणी, कष्ट निवारिणी।
शरण गति दो नमो नमः॥
शिव भामिनी साधक मन हारिणी।
आदि शक्ति जय नमो नमः॥
जय शरणं वरणं नमो नमः।
जय त्रिपुर सुन्दरी नमो नमः॥
श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी।
राजेश्वरी जय नमो नमः॥
और ये भी पढ़े
धर्मराज जी की आरती राम सिया राम दीपावली आरती गोवर्धन पूजा आरती
Did you like this article?
भगवान जगन्नाथ की आरती का पाठ करें और पाएं उनकी दिव्य कृपा। सरल हिंदी में पढ़ें आरती और जोड़ें अपने दिन की शुरुआत भक्ति से।
वरुण देव की संपूर्ण आरती का पाठ करें और प्राप्त करें मानसिक शांति, जलतत्त्व संतुलन और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद।
बटुक भैरव आरती से होती है भक्ति और शांति की प्राप्ति। यहां पढ़ें पूरी आरती हिंदी में, विधि और इसके लाभों के साथ