रामायण आरती से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धार्मिक वातावरण बना रहता है।
कहते है कि जहां भी भगवान श्री राम जी की पूजा की जाती है, उनका पाठ किया जाता है वहां रामायण की आरती जरूर की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रामायण जी की आरती करने से भगवान श्री राम और माता सीता के साथ हनुमान जी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा रामायण जी की आरती करने से हृदय को भी शांति प्राप्त होती हैं और समस्त खुशियां मिलती हैं। इसीलिए आज हम श्री मंदिर पर पढ़ने जा रहे हैं रामायण जी की आरती (Ramayan Ji Ki Aarti In Hindi) हिंदी में।
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिय पी की ॥
गावत ब्रहमादिक मुनि नारद ।
बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥
शुक सनकादिक शेष अरु शारद ।
बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥
॥ आरती श्री रामायण जी की..॥
गावत बेद पुरान अष्टदस ।
छओं शास्त्र सब ग्रंथन को रस
॥ मुनि जन धन संतान को सरबस ।
सार अंश सम्मत सब ही की ॥
॥ आरती श्री रामायण जी की..॥
गावत संतत शंभु भवानी ।
अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी ॥
ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी ।
कागभुशुंडि गरुड़ के ही की ॥
॥ आरती श्री रामायण जी की..॥
कलिमल हरनि बिषय रस फीकी ।
सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की ॥
दलनि रोग भव मूरि अमी की ।
तात मातु सब बिधि तुलसी की ॥
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिय पी की ॥
और ये भी पढ़े
श्री ललिता माता की आरती धर्मराज जी की आरती राम सिया राम दीपावली आरती
Did you like this article?
श्री विश्वकर्मा आरती एक विशेष भक्ति गीत है, जो भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है, यह आरती उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करती है, जो विश्व के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भगवान गणेश की आरती, जो उनकी बुद्धि, समृद्धि और शुभता का गुणगान करती है। इस आरती के पाठ से जीवन में विघ्नों का नाश होता है, सफलता और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
ॐ जय जगदीश हरे आरती - सुनें और पढ़ें अनुराधा पौडवाल द्वारा गाए गए भजन के बोल। जानें 'Om Jai Jagdish Hare' आरती के सुंदर और भक्तिमय शब्द।