image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

राधा चालीसा (Radha Chalisa)

यह चालीसा भक्तों के दिलों में प्रेम और विश्वास की भावना को बढ़ावा देती है, और दांपत्य जीवन को मधुर बनाती है।

राधा चालीसा के बारे में

सनातन धर्म में हर देवी-देवताओं को अलग अलग पाठ समर्पित है। वैसे ही राधा रानी को राधा चालीसा का पाठ समर्पित है। इस पाठ को रोज करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। देवी राधा की कृपा दृष्टि आप पर बनी रहती है एवं सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। राधा देवी चालीसा के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वह तरक्की करता है और हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता। राधा देवी की कृपा मात्र से ही इंसान सारी तकलीफों से दूर हो जाता है और वो तेजस्वी बनता है। तो आइए पढ़ते है राधा चालीसा।

राधा चालीसा के लिरिक्स

राधा चालीसा देवी राधा जी की महिमा और स्तुति में रचा गया एक सुंदर और भक्तिमय स्तोत्र है। यह चालीसा भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रेमिका राधा रानी का गुणगान करता है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तजन इसे श्रद्धा से पढ़ते हैं।

राधा चालीसा दोहा

श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार ।

वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥

जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम ।

चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥

राधा चालीसा चौपाई

जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा ।

कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥

नित्य विहारिणी श्याम अधर ।

अमित बोध मंगल दातार ॥

रास विहारिणी रस विस्तारिन ।

सहचरी सुभाग यूथ मन भावनी ॥

नित्य किशोरी राधा गोरी ।

श्याम प्रन्नाधन अति जिया भोरी ॥

करुना सागरी हिय उमंगिनी ।

ललितादिक सखियाँ की संगनी ॥

दिनकर कन्या कूल विहारिणी ।

कृष्ण प्रण प्रिय हिय हुल्सवानी ॥

नित्य श्याम तुम्हारो गुण गावें ।

श्री राधा राधा कही हर्शवाहीं ॥

मुरली में नित नाम उचारें ।

तुम कारण लीला वपु धरें ॥

प्रेमा स्वरूपिणी अति सुकुमारी ।

श्याम प्रिय वृषभानु दुलारी ॥

नवल किशोरी अति छवि लगै धामा ।

द्युति लघु लाग कोटि रति कामा ॥

गौरांगी शशि निंदक वदना ।

सुभाग चपल अनियारे नैना ॥

जावक युत पद पंकज चरण ।

नूपुर ध्वनि प्रीतम मन हारना ॥

सन्तता सहचरी सेवा करहीं ।

महा मोद मंगल मन भरहीं ॥

रसिकन जीवन प्रण अधर ।

राधा नाम सकल सुख सारा ॥

अगम अगोचर नित्य स्वरूप ।

ध्यान धरत निशिदिन ब्रजभूपा ॥

उप्जेऊ जासु अंश गुण खानी ।

कोटिन उमा राम ब्रह्मणि ॥

नित्य धाम गोलोक बिहारिनी ।

जन रक्षक दुःख दोष नासवानी ॥

शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।

पार न पायं शेष अरु शरद ॥

राधा शुभ गुण रूप उजारी ।

निरखि प्रसन हॉट बनवारी ॥

ब्रज जीवन धन राधा रानी ।

महिमा अमित न जय बखानी ॥

प्रीतम संग दिए गल बाहीं ।

बिहारता नित वृन्दावन माहीं ॥

राधा कृष्ण कृष्ण कहै राधा ।

एक रूप दौऊ -प्रीती अगाधा ॥

श्री राधा मोहन मन हरनी ।

जन सुख प्रदा प्रफुल्लित बदनी ॥

कोटिक रूप धरे नन्द नंदा ।

दरश करन हित गोकुल चंदा ॥

रास केलि कर तुम्हें रिझावें ।

मान करो जब अति दुःख पावें ॥

प्रफ्फुल्लित होठ दरश जब पावें ।

विविध भांति नित विनय सुनावें ॥

वृन्दरंन्य विहारिन्नी श्यामा ।

नाम लेथ पूरण सब कामा ॥

कोटिन यज्ञ तपस्या करुहू ।

विविध नेम व्रत हिय में धरहु ॥

तऊ न श्याम भक्तही अहनावें ।

जब लगी राधा नाम न गावें ॥

वृंदा विपिन स्वामिनी राधा ।

लीला वपु तब अमित अगाधा ॥

स्वयं कृष्ण पावै नहीं पारा ।

और तुम्हें को जानन हारा ॥

श्रीराधा रस प्रीति अभेदा।

सादर गान करत नित वेदा ॥

राधा त्यागी कृष्ण को भाजिहैं ।

ते सपनेहूं जग जलधि न तरिहैं ॥

कीरति कुमारी हूँवारी राधा ।

सुमिरत सकल मिटहिं भव बाधा ॥

नाम अमंगल मूल नसावन ।

त्रिविध ताप हर हरी मन भवानी ॥

राधा नाम ले जो कोई ।

सहजही दामोदर वश होई ॥

राधा नाम परम सुखदायी ।

भजतहिं कृपा करें यदुराई ॥

यशुमति नंदन पीछे फिरेहै।

जो कौउ राधा नाम सुमिरिहै ॥

रास विहारिनी श्यामा प्यारी ।

करुहू कृपा बरसाने वारि ॥

वृन्दावन है शरण तुम्हारी ।

जय जय जय वृषभानु दुलारी ॥

राधा चालीसा दोहा

श्री राधा सर्वेश्वरी, रसिकेश्वर धनश्याम ।

करहूँ निरंतर बास मै, श्री वृन्दावन धाम ॥

राधा चालीसा का पाठ करने के क्या लाभ हैं?

राधा चालीसा का पाठ करने से जीवन में कई लाभ होते हैं। राधा रानी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, इसलिए उनका पूजन और चालीसा का पाठ समृद्धि और ऐश्वर्य लाता है। इसके नियमित पाठ से मानसिक शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

राधा चालीसा का पाठ किस दिन और किस समय करना सबसे शुभ माना जाता है?

राधा चालीसा का पाठ करने के लिए बुधवार का दिन और राधा अष्टमी का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा, सुबह के समय चालीसा का पाठ करना सबसे शुभ और फलदायी होता है। हालांकि, समय के अभाव में संध्याकाल के समय भी चालीसा का पाठ किया जा सकता है।

क्या श्री राधा चालीसा का पाठ करने से प्रेम और भक्ति की प्राप्ति होती है?

हां, श्री राधा चालीसा का पाठ करने से प्रेम और भक्ति की प्राप्ति होती है। यह चालीसा केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली साधना भी है। राधा रानी की भक्ति से व्यक्ति के हृदय में श्री कृष्ण के प्रति गहरा प्रेम और सच्ची भक्ति जागृत होती है।

क्या राधाष्टमी या कृष्ण जन्माष्टमी के दिन राधा चालीसा का पाठ विशेष फलदायी होता है?

राधाष्टमी या कृष्ण जन्माष्टमी के दिन राधा चालीसा का पाठ विशेष रूप से फलदायी होता है। राधा अष्टमी का दिन बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है, जो भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद पड़ता है और इसे राधा रानी का जन्म दिवस माना जाता है। इस दिन राधा रानी और श्री कृष्ण की पूजा से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है। क्या श्री राधा चालीसा का नियमित पाठ करने से भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है? मान्यता है कि श्री राधा चालीसा का नियमित पाठ करने से भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। राधा रानी के साथ श्री कृष्ण के दिव्य संबंधों का ध्यान करते हुए चालीसा का पाठ करने से भक्तों के जीवन में कीर्ति, प्रसन्नता और समृद्धि का वास होता है। इसके अलावा प्रेम-संबंध में मधुरता आती है।

राधा चालीसा PDF

क्या आप श्री राधा रानी की कृपा प्राप्त कर भक्ति, प्रेम और सौभाग्य का आशीर्वाद पाना चाहते हैं? यहाँ आपको श्री राधा चालीसा का शुद्ध और स्पष्ट पाठ मिलेगा, जिसे आप बिना किसी बाधा के पढ़ सकते हैं और आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

PDF डाउनलोड करें: ऊपर दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें और श्री राधा चालीसा को अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सेव करें।

पेज को बुकमार्क करें: इस पेज को सेव कर लें ताकि जब भी राधा रानी की उपासना करनी हो, आपको चालीसा तुरंत मिल जाए।

बिना किसी विज्ञापन के शुद्ध पाठ: यहाँ आपको संपूर्ण राधा चालीसा स्पष्ट और सुव्यवस्थित रूप में मिलेगी, जिसे पढ़ने में कोई परेशानी नहीं होगी।

श्री राधा रानी की कृपा से आपके जीवन में प्रेम, भक्ति और सौभाग्य बना रहे! राधे-राधे!

divider
Published by Sri Mandir·March 7, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:

Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102

Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.