यह चालीसा समर्पण, साहस, और बलिदान की भावना को बढ़ाती है, जिससे भक्तों में आत्मविश्वास और संकल्प की वृद्धि होती है।
चामुण्डा देवी के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता। मां की कृपा उसके पूरे कुल पर होती है। उसके चेहरे पर खुशी और संतोष नजर आता है। वो सफलता के पथ पर आगे बढ़ता है। माँ चामुण्डा देवी चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। चामुण्डा देवी की कृपा से सिद्धि-बुद्धि,धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है।
नीलवरण माँ कालिका रहती सदा प्रचंड।
दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुष्ट को दंड॥
मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत।
मेरी भी पीड़ा हरो हो जो कर्म पुनीत॥
नमस्कार चामुंडा माता।
तीनो लोक मई मई विख्याता॥
हिमाल्या मई पवितरा धाम है ।
महाशक्ति तुमको प्रणाम है॥
मार्कंडिए ऋषि ने धीयया ।
कैसे प्रगती भेद बताया॥
सूभ निसुभ दो डेतिए बलसाली ।
तीनो लोक जो कर दिए खाली॥
वायु अग्नि याँ कुबेर संग ।
सूर्या चंद्रा वरुण हुए तंग॥
अपमानित चर्नो मई आए ।
गिरिराज हिमआलये को लाए॥
भद्रा-रॉंद्र्रा निट्टया धीयया ।
चेतन शक्ति करके बुलाया॥
क्रोधित होकर काली आई ।
जिसने अपनी लीला दिखाई॥
चंदड़ मूंदड़ ओर सुंभ पतए ।
कामुक वेरी लड़ने आए॥
पहले सुग्गृीव दूत को मारा ।
भगा चंदड़ भी मारा मारा॥
अरबो सैनिक लेकर आया ।
द्रहूँ लॉकंगन क्रोध दिखाया॥
जैसे ही दुस्त ललकारा ।
हा उ सबद्ड गुंजा के मार॥
सेना ने मचाई भगदड़ ।
फादा सिंग ने आया जो बाद॥
हत्टिया करने चंदड़-मूंदड़ आए ।
मदिरा पीकेर के घुर्रई॥
चतुरंगी सेना संग लाए ।
उचे उचे सीविएर गिराई॥
तुमने क्रोधित रूप निकाला ।
प्रगती डाल गले मूंद माला॥
चर्म की सॅडी चीते वाली ।
हड्डी ढ़ाचा था बलसाली॥
विकराल मुखी आँखे दिखलाई ।
जिसे देख सृष्टि घबराई॥
चंदड़ मूंदड़ ने चकरा चलाया ।
ले तलवार हू साबद गूंजाया॥
पपियो का कर दिया निस्तरा ।
चंदड़ मूंदड़ दोनो को मार॥
हाथ मई मस्तक ले मुस्काई ।
पापी सेना फिर घबराई॥
सरस्वती मा तुम्हे पुकारा ।
पड़ा चामुंडा नाम तिहर॥
चंदड़ मूंदड़ की मिरतट्यु सुनकर ।
कालक मौर्या आए रात पर॥
अरब खराब युध के पाठ पर ।
झोक दिए सब चामुंडा पर॥
उगर्र चंडिका प्रगती आकर ।
गीडदीयो की वाडी भरकर॥
काली ख़टवांग घुसो से मारा ।
ब्रह्माड्ड ने फेकि जल धारा॥
माहेश्वरी ने त्रिशूल चलाया ।
मा वेश्दवी कक्करा घुमाया॥
कार्तिके के शक्ति आई ।
नार्सिंघई दित्तियो पे छाई॥
चुन चुन सिंग सभी को खाया ।
हर दानव घायल घबराया॥
रक्टतबीज माया फेलाई ।
शक्ति उसने नई दिखाई॥
रक्त्त गिरा जब धरती ऊपर ।
नया डेतिए प्रगता था वही पर॥
चाँदी मा अब शूल घुमाया ।
मारा उसको लहू चूसाया॥
सूभ निसुभ अब डोडे आए ।
सततर सेना भरकर लाए॥
वज्रपात संग सूल चलाया ।
सभी देवता कुछ घबराई॥
ललकारा फिर घुसा मारा ।
ले त्रिशूल किया निस्तरा॥
सुभ निसुभ धरती पर सोए ।
डेतिए सभी देखकर रोए॥
कहमुंडा मा धृम बचाया ।
अपना शुभ मंदिर बनवाया॥
सभी देवता आके मानते ।
हनुमत भेराव चवर दुलते॥
आसवीं चेट नवराततरे अओ ।
धवजा नारियल भेंट चाड़ौ॥
वांडर नदी सनन करऔ ।
चामुंडा मा तुमको पियौ॥
शरणागत को शक्ति दो हे जग की आधार।
‘ओम’ ये नैया डोलती कर दो भाव से पार॥
श्री मंदिर साहित्य में पाएं सभी मंगलमय चालीसा का संग्रह।
चामुण्डा देवी चालीसा का पाठ आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक रूप से कई सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह न केवल नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने और सफलता दिलाने में भी सहायक होता है। नियमित पाठ से मानसिक शांति प्राप्त होती है और तनाव कम होता है। इस पाठ से आर्थिक संकट भी दूर होते हैं।
चामुण्डा चालीसा का पाठ करने के लिए मंगलवार और शनिवार को सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि ये दिन देवी चामुण्डा की आराधना और शक्ति उपासना के लिए विशेष महत्व रखते हैं। वहीं अगर हम शुभ समय की बात करें तो ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करने से आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है और सिद्धि प्राप्ति में सहायक होता है।
चामुण्डा देवी चालीसा में देवी चामुण्डा के विभिन्न रूपों, लीलाओं और शक्तियों का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह स्तुति न केवल उनके उग्र और संहारक स्वरूप की महिमा गाती है, बल्कि उनकी कृपालुता और भक्तों पर उनकी विशेष अनुकंपा को भी दर्शाती है। उनका स्वरूप अत्यंत प्रभावशाली और भयावह बताया गया है, जो अधर्म और अन्याय का नाश करने हेतु प्रकट होता है। चामुण्डा देवी की स्तुति भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मविश्वास भी प्रदान करती है।
देवी चामुण्डा को शक्ति और तंत्र साधना की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। उनका स्मरण और चालीसा का पाठ नकारात्मक ऊर्जा, तांत्रिक प्रभाव और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से श्रद्धा और विश्वास के साथ चामुण्डा चालीसा का पाठ करता है, उसे मानसिक शांति, आत्मबल और आध्यात्मिक सुरक्षा प्राप्त होती है। यदि किसी पर तंत्र-मंत्र या बुरी शक्तियों का प्रभाव हो, तो इस चालीसा का पाठ उन्हें निष्क्रिय कर सकता है।
चामुण्डा देवी चालीसा और काली चालीसा दोनों ही शक्ति की स्तुति में रचित हैं, लेकिन इनमें देवी के स्वरूप, उद्देश्य और आराधना की विधि को लेकर कुछ महत्वपूर्ण भिन्नताएं पाई जाती हैं। चामुण्डा देवी चालीसा चामुण्डा माता की स्तुति है, जो देवी दुर्गा का उग्र रूप मानी जाती हैं। यह नाम उन्हें चंड और मुंड नामक असुरों के संहार के कारण प्राप्त हुआ। काली चालीसा महाकाली की स्तुति में गाई जाती है, जो देवी पार्वती का भयंकर और प्रचंड रूप मानी जाती हैं। इन्हें काल और महाकाल की अधिष्ठात्री के रूप में पूजा जाता है।
क्या आप माँ चामुण्डा देवी की कृपा प्राप्त कर अपने जीवन से सभी कष्टों और बाधाओं को दूर करना चाहते हैं? यहाँ आपको श्री चामुण्डा चालीसा का शुद्ध और स्पष्ट पाठ मिलेगा, जिसे आप बिना किसी बाधा के पढ़ सकते हैं और आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
PDF डाउनलोड करें: ऊपर दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें और श्री चामुण्डा देवी चालीसा को अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सेव करें।
पेज को बुकमार्क करें: इस पेज को सेव कर लें ताकि जब भी माँ चामुण्डा की आराधना करनी हो, आपको चालीसा तुरंत मिल जाए।
बिना किसी विज्ञापन के शुद्ध पाठ: यहाँ आपको संपूर्ण चामुण्डा चालीसा स्पष्ट और सुव्यवस्थित रूप में मिलेगी, जिसे पढ़ने में कोई परेशानी नहीं होगी।
माँ चामुण्डा की कृपा से आपके जीवन में शक्ति, साहस और विजय बनी रहे! जय माँ चामुण्डा!
हम उम्मीद करते हैं कि चामुण्डा देवी के पाठ से जुड़े सभी सवालों के जवाब श्रद्धालुओं को मिल गए और उनकी सभी आशंकाएं दूर हो गई होंगी । चामुण्डा देवी के पाठ करने से आपको क्या-क्या लाभ मिले आप हमें अपना अनुभव जरूर बताइए।
Did you like this article?
शिव चालीसा: जानें शिव चालीसा के पाठ का महत्व, इसके लाभ और कैसे इसे सही विधि से पढ़ना है। भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए इसे नियमित रूप से पढ़ें।
Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा का पाठ करने से दूर होंगी सभी बाधाएं और मिलेगा प्रभु हनुमान का आशीर्वाद। पढ़ें पूरी हनुमान चालीसा हिंदी में और जानें इसके लाभ
Saraswati Chalisa: माँ सरस्वती की स्तुति का एक विशेष पाठ। इसके पाठ से प्राप्त करें ज्ञान, बुद्धि और समर्पण। अपने जीवन में सकारात्मकता और सफलता के लिए इसे नियमित रूप से पढ़ें।