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राम चालीसा (Ram Chalisa)

श्रीराम चालीसा के नियमित पाठ से परिवार में सुख-समृद्धि, शत्रुओं पर विजय, और भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है।

राम चालीसा के बारे में

श्री राम के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता। राम शक्ति-ज्ञान के मालिक है, उनकी कृपा मात्र से ही इंसान सारी तकलीफों से दूर हो जाता है और वो तेजस्वी बनता है। श्री राम चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। राम की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है।

राम चालीसा

आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं।

वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं॥

बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्।

पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं॥।

राम चालीसा चौपाई

श्री रघुबीर भक्त हितकारी।

सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥

निशि दिन ध्यान धरै जो कोई।

ता सम भक्त और नहीं होई॥

ध्यान धरें शिवजी मन मांही।

ब्रह्मा, इन्द्र पार नहीं पाहीं॥

दूत तुम्हार वीर हनुमाना।

जासु प्रभाव तिहुं पुर जाना॥

जय, जय, जय रघुनाथ कृपाला।

सदा करो संतन प्रतिपाला॥

तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला।

रावण मारि सुरन प्रतिपाला॥

तुम अनाथ के नाथ गोसाईं।

दीनन के हो सदा सहाई॥

ब्रह्मादिक तव पार न पावैं।

सदा ईश तुम्हरो यश गावैं॥

चारिउ भेद भरत हैं साखी।

तुम भक्तन की लज्जा राखी॥

गुण गावत शारद मन माहीं।

सुरपति ताको पार न पाहिं॥

नाम तुम्हार लेत जो कोई।

ता सम धन्य और नहीं होई॥

राम नाम है अपरम्पारा।

चारिहु वेदन जाहि पुकारा॥

गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो।

तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो॥

शेष रटत नित नाम तुम्हारा।

महि को भार शीश पर धारा॥

फूल समान रहत सो भारा।

पावत कोऊ न तुम्हरो पारा॥ भरत नाम तुम्हरो उर धारो।

तासों कबहूं न रण में हारो॥

नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा।

सुमिरत होत शत्रु कर नाशा॥

लखन तुम्हारे आज्ञाकारी।

सदा करत सन्तन रखवारी॥

ताते रण जीते नहिं कोई।

युद्ध जुरे यमहूं किन होई॥

महालक्ष्मी धर अवतारा।

सब विधि करत पाप को छारा॥

सीता राम पुनीता गायो।

भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो॥

घट सों प्रकट भई सो आई।

जाको देखत चन्द्र लजाई॥

जो तुम्हरे नित पांव पलोटत।

नवो निद्धि चरणन में लोटत॥

सिद्धि अठारह मंगलकारी।

सो तुम पर जावै बलिहारी॥

औरहु जो अनेक प्रभुताई।

सो सीतापति तुमहिं बनाई॥

इच्छा ते कोटिन संसारा।

रचत न लागत पल की बारा॥

जो तुम्हरे चरणन चित लावै।

ताकी मुक्ति अवसि हो जावै॥

सुनहु राम तुम तात हमारे।

तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे॥

तुमहिं देव कुल देव हमारे।

तुम गुरु देव प्राण के प्यारे॥

जो कुछ हो सो तुमहिं राजा।

जय जय जय प्रभु राखो लाजा॥

राम आत्मा पोषण हारे।

जय जय जय दशरथ के प्यारे॥

जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरुपा।

नर्गुण ब्रहृ अखण्ड अनूपा॥

सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी।

सत्य सनातन अन्तर्यामी॥

सत्य भजन तुम्हरो जो गावै।

सो निश्चय चारों फल पावै॥

सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं।

तुमने भक्तिहिं सब सिधि दीन्हीं॥

ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरुपा।

नमो नमो जय जगपति भूपा॥

धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा।

नाम तुम्हार हरत संतापा॥

सत्य शुद्ध देवन मुख गाया।

बजी दुन्दुभी शंख बजाया॥

सत्य सत्य तुम सत्य सनातन।

तुम ही हो हमरे तन-मन धन॥

याको पाठ करे जो कोई।

ज्ञान प्रकट ताके उर होई॥

आवागमन मिटै तिहि केरा।

सत्य वचन माने शिव मेरा॥

और आस मन में जो होई।

मनवांछित फल पावे सोई॥

तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै।

तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै॥

साग पत्र सो भोग लगावै।

सो नर सकल सिद्धता पावै॥

अन्त समय रघुबर पुर जाई।

जहां जन्म हरि भक्त कहाई॥

श्री हरिदास कहै अरु गावै।

सो बैकुण्ठ धाम को पावै॥

राम चालीसा दोहा

सात दिवस जो नेम कर, पाठ करे चित लाय।

हरिदास हरि कृपा से, अवसि भक्ति को पाय॥

राम चालीसा जो पढ़े, राम चरण चित लाय।

जो इच्छा मन में करै, सकल सिद्ध हो जाय॥

श्री राम चालीसा का पाठ करने के क्या लाभ हैं?

संकटों से मुक्ति

श्री राम चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को अपने जीवन के संकटों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी जो कि श्रीराम के परम भक्त हैं, वे इस पाठ से प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की सभी समस्याओं का समाधान करते हैं। संकटों से मुक्ति पाने के लिए श्रीराम और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।

शत्रुओं पर विजय प्राप्ति

भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति मानसिक, शारीरिक, या आध्यात्मिक रूप से शत्रुओं से परेशान है, तो वह श्री राम चालीसा का नियमित पाठ करके उनकी नकारात्मकता से बच सकता है।

मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति

श्री राम चालीसा का पाठ करने से तनाव और मानसिक अशांति दूर होती है। यह व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है। इसे पढ़ने से मन को शांति मिलती है और आत्मा को सुकून मिलता है।

सुख और समृद्धि में वृद्धि

श्री राम चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है। यह व्यक्ति के भाग्य को मजबूत करता है और उसे जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।

क्लेश और विवाद से मुक्ति

घर में किसी प्रकार का क्लेश, विवाद या अनबन रहती है, तो रोजाना श्री राम चालीसा का पाठ करना इसको समाप्त कर सकता है। घर में प्रेम और शांति बनी रहती है।

श्री राम चालीसा का पाठ किस दिन और किस समय करना सबसे शुभ माना जाता है?

शुभ दिन:

श्री राम चालीसा का पाठ विशेष रूप से मंगलवार को करना सबसे शुभ माना जाता है। मंगलवार के दिन भगवान राम और हनुमान जी की पूजा से व्यक्ति को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए जो जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं। इसके अलावा, राम नवमी और दीपावली जैसे पर्वों पर भी श्री राम चालीसा का पाठ करना अत्यधिक लाभकारी होता है।

शुभ समय:

श्री राम चालीसा का पाठ किसी भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है, लेकिन कुछ विशेष समय हैं जिन्हें विशेष लाभकारी माना जाता है:

श्री राम चालीसा का पाठ किसी भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है, लेकिन कुछ विशेष समय हैं जिन्हें विशेष लाभकारी माना जाता है: ब्रह्म मुहूर्त – यह प्रातःकाल का समय होता है, जब वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है। अभिजित मुहूर्त – यह मुहूर्त दिन के समय होता है, और इसे सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है। प्रदोष काल – यह संध्याकाल का समय होता है, और इस समय चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ होता है।

श्री राम चालीसा में भगवान श्री राम के कौन-कौन से गुणों और लीलाओं का वर्णन किया गया है?

श्री राम चालीसा में भगवान श्रीराम के अनेक गुणों और लीलाओं का उल्लेख किया गया है, जो उन्हें एक आदर्श व्यक्ति और भगवान के रूप में प्रतिष्ठित करते हैं। कुछ प्रमुख गुण और लीलाएं निम्नलिखित हैं:

राम का न्यायप्रिय स्वभाव: श्री राम को न्यायप्रियता का प्रतीक माना जाता है। वे हमेशा सत्य का पालन करते थे, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। उनका जीवन आदर्श था, और वे कभी भी अन्याय नहीं सहन करते थे।

धैर्य और साहस:

श्रीराम का जीवन धैर्य और साहस का प्रतीक है। उन्होंने हमेशा कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी भी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुए।

राम और सीता की प्रेमकथा:

श्री राम और माता सीता का प्रेम एक उदाहरण है, जो समर्पण, सच्चाई और विश्वास पर आधारित है। राम और सीता की लीलाएं भी चालीसा में उल्लिखित हैं।

राक्षसों का वध:

श्री राम ने राक्षसों का नाश करने के लिए भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया। रावण, कुंभकर्ण, और मेघनाथ जैसे राक्षसों का वध उनके न्यायप्रिय कार्यों का उदाहरण है।

क्या श्री राम चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है?

हां, श्री राम चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है। इस पाठ को नियमित रूप से पढ़ने से व्यक्ति का मन स्थिर रहता है और वह आंतरिक शांति महसूस करता है। श्री राम चालीसा की प्रत्येक लाइन में भगवान श्रीराम की उपासना और भक्ति की भावना समाहित होती है, जो व्यक्ति के मानसिक तनाव को कम करती है। जब व्यक्ति अपने जीवन में मानसिक शांति चाहता है, तो श्री राम चालीसा का पाठ उसे सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन करता है और आत्मबल को मजबूत करता है।

श्री राम चालीसा पाठ के नियम

श्री राम चालीसा का पाठ करते समय कुछ विशेष विधियों और नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि हम पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त कर सकें। यहां हम श्री राम चालीसा का पाठ करने की सही विधि और नियमों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं:

  1. एक स्वच्छ और पवित्र स्थान पर बैठें श्री राम चालीसा का पाठ करने के लिए सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि आप एक शुद्ध और पवित्र स्थान पर बैठें। यह स्थान शांत और बिना किसी व्यवधान के होना चाहिए, ताकि आप पूर्ण ध्यान से पाठ कर सकें। घर में किसी शांत कमरे या पूजा स्थल को इस कार्य के लिए चुनें, जहां आपको कोई विघ्न न हो और वातावरण शुद्ध हो।
  2. स्वच्छता का ध्यान रखें पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। नहाने के बाद साफ और शुद्ध कपड़े पहनकर पूजा स्थान पर बैठें। यह भी आवश्यक है कि आपका मन पूरी तरह से शुद्ध और नकारात्मकता से मुक्त हो।
  3. श्री राम के स्मरण में पूर्ण ध्यान दें पाठ शुरू करने से पहले भगवान श्रीराम का स्मरण करें। ध्यान लगाते हुए, आप श्रीराम के पादुकाओं में मन लगाएं और पूरी श्रद्धा से उन्हें अपने मन में बुलाएं। भगवान के प्रति आदर और सम्मान की भावना रखते हुए, आप अपने मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करें।
  4. दीपक प्रज्ज्वलित करें पूजा स्थल पर एक दीपक या अगरबत्ती जलाएं। यह वातावरण को शुद्ध करता है और पूजा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। दीपक की लौ भगवान के प्रति हमारी भक्ति और समर्पण का प्रतीक होती है, और यह मन को शांत रखने में मदद करती है।
  5. श्री राम चालीसा का पाठ करें अब आप श्री राम चालीसा का पाठ शुरू कर सकते हैं। इसे पूरी श्रद्धा, निष्ठा और भक्ति के साथ पढ़ें। पाठ करते समय शब्दों का सही उच्चारण करें, ताकि मंत्रों की शक्ति का प्रभाव सही तरीके से हो। हर शब्द के उच्चारण में भगवान श्रीराम की महिमा का अनुभव करें।
  6. मन, वाणी और क्रिया से ध्यान रखें पाठ करते समय, केवल शब्दों का उच्चारण न करें। अपने मन, वाणी और क्रिया से भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करें। जब आप चालीसा का पाठ करें, तो हर श्लोक को महसूस करें और समझने का प्रयास करें। पाठ के हर चरण में भगवान के साथ गहरी भावनाओं का जुड़ाव महसूस करें।
  7. हर श्लोक को समझने का प्रयास करें श्री राम चालीसा का पाठ करते समय हर श्लोक को समझने का प्रयास करें। चालीसा के हर श्लोक में भगवान श्रीराम के गुणों, लीलाओं और उनके आदर्शों का उल्लेख किया गया है। यह श्लोक न केवल भगवान के बारे में बताते हैं, बल्कि हमें जीवन जीने के आदर्श भी सिखाते हैं।

श्री राम चालीसा पाठ के अतिरिक्त नियम

राम चालीसा का नियमित अभ्यास करें

श्री राम चालीसा का नियमित रूप से पाठ करें, विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन। ये दिन विशेष रूप से भगवान राम और हनुमान जी के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। मन, वचन और क्रिया से प्रभु राम का ध्यान रखें पाठ करते समय, अपनी वाणी, मन और क्रिया से प्रभु राम का ध्यान करें। ध्यान रखें कि आप पूरी श्रद्धा और भक्ति से उनके प्रति समर्पित हैं।

पाठ को विश्रामपूर्वक और बिना किसी विचलन के करें

श्री राम चालीसा का पाठ बिना किसी जल्दबाजी के, शांति से और ध्यान केंद्रित करके करें। किसी भी प्रकार की विचलन से बचें।

प्रत्येक शब्द का सही उच्चारण करें

चालीसा का पाठ करते समय शब्दों का सही उच्चारण करें। सही उच्चारण से मंत्रों की शक्ति दोगुनी हो जाती है। दीपक या अगरबत्ती जलाकर पाठ करें

पाठ करते समय दीपक या अगरबत्ती जलाकर पूजा स्थल को शुद्ध करें। यह वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

मुख को दक्षिण दिशा में रखें

श्री राम चालीसा का पाठ करते समय, मुख को दक्षिण दिशा में रखें। यह दिशा पूजा के लिए शुभ मानी जाती है। पाठ समाप्त होने के बाद प्रभु राम के पादों में नमस्कार करें जब पाठ समाप्त हो जाए, तो प्रभु राम के पादों में नमस्कार करें और उनकी कृपा प्राप्त करने का आशीर्वाद लें। भावुकता और समर्पण के साथ पाठ करें

पाठ के दौरान अपनी भावनाओं को पूरी तरह से प्रभु राम के प्रति समर्पित करें। किसी भी प्रकार की जल्दबाजी से बचें, और शांति से काम करें।

श्री राम चालीसा और हनुमान चालीसा में क्या अंतर है?

श्री राम चालीसा और हनुमान चालीसा दोनों ही धार्मिक ग्रंथ हैं, लेकिन दोनों के उद्देश्य और विषय में अंतर है:

विषय:

श्री राम चालीसा में भगवान श्रीराम के गुणों, लीलाओं और उनके आदर्श जीवन का वर्णन किया गया है। वहीं, हनुमान चालीसा में भगवान हनुमान की महिमा, उनके साहस, शक्ति, भक्ति और उनके अद्वितीय कार्यों का वर्णन किया गया है।

भक्ति का स्वरूप:

श्री राम चालीसा मुख्य रूप से भगवान श्रीराम की पूजा और भक्ति को केंद्रित करता है, जबकि हनुमान चालीसा हनुमान जी की उपासना के रूप में उनकी शक्ति और सहायता प्राप्त करने की प्रार्थना है।

लक्ष्य:

श्री राम चालीसा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को श्रीराम के आदर्शों की ओर प्रेरित करना है, जबकि हनुमान चालीसा का उद्देश्य व्यक्ति को हनुमान जी की आशीर्वाद से संकटों से उबारना है।

इस प्रकार, श्री राम चालीसा का पाठ न केवल आध्यात्मिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि यह मानसिक शांति, आत्मबल और जीवन में समृद्धि लाने का भी एक शक्तिशाली उपाय है। इसके पाठ से व्यक्ति के जीवन में हर प्रकार की सकारात्मकता और शांति का आगमन होता है।

राम चालीसा PDF

क्या आप भगवान श्री राम की कृपा प्राप्त कर अपने जीवन में धर्म, शांति और विजय पाना चाहते हैं? यहाँ आपको श्री राम चालीसा का शुद्ध और स्पष्ट पाठ मिलेगा, जिसे आप बिना किसी बाधा के पढ़ सकते हैं और आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

PDF डाउनलोड करें: ऊपर दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें और श्री राम चालीसा को अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सेव करें।

पेज को बुकमार्क करें: इस पेज को सेव कर लें ताकि जब भी प्रभु श्री राम का स्मरण करना चाहें, आपको चालीसा तुरंत मिल जाए।

बिना किसी विज्ञापन के शुद्ध पाठ: यहाँ आपको संपूर्ण श्री राम चालीसा स्पष्ट और सुव्यवस्थित रूप में मिलेगी, जिसे पढ़ने में कोई परेशानी नहीं होगी।

भगवान श्री राम की कृपा से आपके जीवन में धर्म, सत्य और विजय बनी रहे! जय श्री राम!

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Published by Sri Mandir·March 7, 2025

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