लक्ष्मी स्तुति सुननें के क्या लाभ है

लक्ष्मी स्तुति सुननें के क्या लाभ है

जानें महत्व और सम्पूर्ण विधि


लक्ष्मी स्तुति (What is Lakshmi Stuti)

कहा जाता है कि अगर आपके घर में लगातार पैसों की कमी हो रही है या बेवजह पैसे खर्च हो रहे हैं तो लक्ष्मी स्तुति का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से घर में स्थिरता बनी रहती है। लक्ष्मी शब्द मूल शब्द लक्ष्य से बना है। इसका अर्थ होता है लक्ष्य या उद्देश्य। लक्ष्य को जानने व उसे प्राप्त करने के साधन के रूप में लक्ष्मी स्तुति का पाठ किया जाता है। लक्ष्मी स्तुति को धन स्तुति भी कहा जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान इंद्र ने लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी स्तुति का पाठ किया था। जिससे प्रसन्न होकर देवी ने इंद्र को उनकी पसंद का वरदान दिया। इंद्र ने लक्ष्मी जी से अनुरोध किया कि तीनों लोक कभी भी उनकी उपस्थिति से वंचित न रहें और जो कोई उनकी स्तुति करेगा, लक्ष्मी उसे कभी नहीं त्यागेगी। लक्ष्मी जी ने इंद्र देव की दोनों इच्छाएं पूरी की। इसलिए कहा जाता है कि जहां लक्ष्मी स्तुति का पाठ किया जाता है, वहां देवी अवश्य निवास करती हैं।

लक्ष्मी स्तुति न सिर्फ धन लाभ की प्रार्थना है, बल्कि यह स्तुति से हमें अपने मन को समझ के साथ प्रबुद्ध करने की बुद्धि भी प्रदान करती है। लक्ष्मी स्तुति कई प्रकार की होती है, इनमें से प्रत्येक अपनी-अपनी तरंगें उत्पन्न करती है। मां लक्ष्मी उन सभी चीजों का स्वरूप हैं जो सौभाग्य, समृद्धि और सुंदरता लाती हैं।

लक्ष्मी स्तुति का महत्व (Importance Of Lakshmi Stuti)

गायत्री की कृपा से मिलने वाले वरदानों में से एक लक्ष्मी जी भी हैं। कहा जाता है कि जिस पर यह अनुग्रह उतरता है, वह दरिद्र, दुर्बल, कृपण, असंतुष्ट व पिछड़ेपन से कभी परेशान नहीं रहता। स्वच्छता व सुव्यवस्था के स्वभाव को भी 'श्री' कहा गया है। यह सद्गुण जिस भी घर में होते हैं, वहां दरिद्रता, कुरुपता टिक नहीं पाती।

माना जाता है कि जिस भी घर में मां लक्ष्मी जी की स्तुति का पाठ किया जाता है, उस घर में कभी भी धन व वैभव की कमी नहीं होती। मान्यता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा से देवी लक्ष्मी जी की स्तु‍ति का पाठ करता है, उसकी रक्षा स्वयं लक्ष्मी जी करती हैं। मां लक्ष्मी जी की स्तु‍ति से एक अद्भुत शक्ति का संचार होता है, जिससे मनुष्य सभी कार्य बिना किसी मुश्किल के आत्मविश्वास के साथ सिद्ध कर पाता है।

लक्ष्मी स्तुति कैसे सुनें (How To Listen Lakshmi Stuti)

लक्ष्मी स्तुति का पाठ करने के लिए बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है। रोज की तरह सुबह नहाकर साफ कपड़ा पहनें। उसके बाद जैसा कि कहा गया है सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद मां लक्ष्मी जी की पूजा कर लक्ष्मी मंत्र का जाप करें। तत्पश्चात लक्ष्मी जी की स्तुति का पाठ करें। पाठ पूरा होने के बाद पुष्प अर्पित करें और मां लक्ष्मी जी के आशीर्वाद के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।

लक्ष्मी स्तुति के 10 लाभ (10 Benefits Of Lakshmi Stuti In Hindi)

  • लक्ष्मी स्तुति का पाठ धन, संपदा, सौंदर्य, यौवन और स्वास्थ्य प्रदान करता है।
  • नियमित रूप से पाठ करने से रिश्तों में प्रचुरता आती है।
  • नौकरी में प्रमोशन के लिए यह पाठ काफी लाभदायी है।
  • व्यवसाय में उन्नति के लिए लक्ष्मी स्तुति का पाठ अवश्य करना चाहिए।
  • नियमित रूप से लक्ष्मी स्तुति का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है।
  • जीवन में सभी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं।
  • लक्ष्मी स्तुति का बार-बार पाठ करने से उत्पन्न तीव्र कंपन ऊर्जा एक नई ऊर्जा क्षेत्र का निर्माण करती है, जो प्रचुरता और भाग्य को आकर्षित करती है।
  • लक्ष्मी स्तुति को सभी समृद्धि का स्रोत माना जाता है।
  • व्यापार से जुड़े लोग नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए भी लक्ष्मी स्तुति का पाठ करते हैं।
  • जो भी प्रतिदिन लक्ष्मी स्तुति का पाठ करते हैं उनके घर कभी दरिद्रता निवास नहीं करती।

लक्ष्मी जी की स्तुति हिंदी में (Laxmi Stuti in hindi)

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।

यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।1।।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।

पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।2।।

विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।

विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।3।।

धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।

धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।4।।

धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।

धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।5।।

मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।

प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।6।।

गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।

अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।7।।

धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।

वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।8।।

जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।

जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।9।।

भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।

भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।10।।

कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।

कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।11।।

आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।

आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।12।।

सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।

सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।13।।

सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।

रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।14।।

साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।

मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।15।।

मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।

मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।।16।।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।17।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:

Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102

Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.