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बुध कवच

क्या आपके जीवन में निर्णय लेने की शक्ति या संवाद में रुकावट आ रही है? बुध ग्रह से जुड़ा यह दिव्य कवच आपकी बुद्धि, वाणी और व्यापार को बल प्रदान करता है। जानें बुध कवच की पाठ विधि, इसके चमत्कारी लाभ और PDF डाउनलोड करने का तरीका।

बुध कवच के बारे में

बुध ग्रह की कृपा पाने के लिए बुध कवच का पाठ किया जाता है। यह एक पवित्र स्तोत्र है, जो बुध के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त कर बुद्धि, वाणी और व्यापार में उन्नति प्रदान करता है। इस लेख में हम बुध कवच के श्लोक, इसके पाठ की विधि और इसके लाभों को विस्तार से समझेंगे।

बुध कवच: बुद्धि, वाणी और व्यापार को सशक्त बनाने वाला दिव्य कवच

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को संचार, तर्कशक्ति, बुद्धिमत्ता, व्यापार और शिक्षा का प्रतिनिधि माना जाता है। बुध की स्थिति किसी व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता, बोलने की शैली और व्यापारिक सफलता को प्रभावित करती है। अगर यह ग्रह कुंडली में शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति कुशाग्र बुद्धि का होता है, लेकिन अगर यह अशुभ या कमजोर हो, तो स्मरणशक्ति की कमजोरी, वाणी दोष, आर्थिक अस्थिरता और मानसिक भ्रम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए बुध कवच का पाठ आपके लिए लाभदायक हो सकता है।

बुध कवच श्लोक

बुध कवच संस्कृत श्लोकों का एक दिव्य संग्रह है, जिसे पढ़ने से बुध ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इसके दोष समाप्त होते हैं।

बुध ध्यान मंत्र

पेयस्य श्यामलांगं दृढगतनयनं गाढताम्रावतंसं।

भीष्मं वै कञ्चनाभं ग्रहगणपतिमन्यं ग्रहं सौम्यमीशम्॥

बुध ग्रह कवचम्

शिरो मे बुधपः पातु, भालं पातु कुमारकः।

श्रुती मे रोहिणीसूनुः, लोचने मे बुधोऽवतु॥१॥

नासां पातु महाशान्तिः, मुखं विद्वान् सदा मम।

कण्ठं पातु वरारोहः, स्कन्धौ सौम्योऽवतु॥२॥

भुजौ मे बोधकः पातु, हस्तौ सौम्यः सदा मम।

वक्षः पातु वरदः, पातु कुक्षिं विदां पतिः॥३॥

नाभिं ज्ञानपति पातु, मध्यं पातु सुधारसः।

कटिं मे बोधनः पातु, ऊरू मे पातु रोहिणी॥४॥

जानुनी मे विशालाक्षः, पादौ विद्यानिधिः सदा।

सर्वाण्यन्यानि चाङ्गानि पातु सौम्यः सदावतु॥५॥

बुध ग्रह बीज मंत्र

ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।

यह बीज मंत्र बुध ग्रह की ऊर्जा को सक्रिय करने के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। इसका नियमित जाप करने से बुध के दोष कम होते हैं और जीवन में सफलता के मार्ग खुलते हैं।

बुध कवच के लाभ

बुध कवच का नियमित पाठ अनेक लाभ प्रदान करता है। यह न केवल बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी लाता है।

1. बुद्धि और स्मरण शक्ति में वृद्धि

बुध ग्रह को ज्ञान, गणित और तर्कशक्ति का कारक माना जाता है। बुध कवच के पाठ से व्यक्ति की मानसिक क्षमता बढ़ती है, स्मरण शक्ति मजबूत होती है और निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है।

2. प्रभावशाली वाणी और संचार कौशल

जिन लोगों को वाणी दोष, हकलाने की समस्या या संवाद कौशल की कमी होती है, उनके लिए बुध कवच अत्यंत लाभकारी है। इसका पाठ करने से वाणी में मधुरता आती है और संवाद क्षमता प्रभावशाली बनती है।

3. व्यापार और करियर में सफलता

बुध ग्रह व्यापार का स्वामी माना जाता है। बुध कवच का नियमित पाठ करने से व्यापारिक क्षेत्र में उन्नति होती है, आर्थिक बाधाएं समाप्त होती हैं और नए अवसर प्राप्त होते हैं।

4. मानसिक स्पष्टता और तर्कशक्ति में वृद्धि

बुध ग्रह मानसिक संतुलन और तार्किक सोच का प्रतीक है। बुध कवच के पाठ से मानसिक भ्रम समाप्त होता है और व्यक्ति के विचार स्पष्ट एवं संगठित होते हैं।

5. बुध ग्रह के अशुभ प्रभावों से सुरक्षा

अगर किसी की कुंडली में बुध नीच राशि में हो या शत्रु ग्रहों से पीड़ित हो, तो बुध कवच के पाठ से इसके दोष समाप्त किए जा सकते हैं।

6. त्वचा और तंत्रिका तंत्र को लाभ

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह का संबंध त्वचा और तंत्रिका तंत्र से भी जोड़ा जाता है। बुध कवच का पाठ करने से त्वचा संबंधी रोगों में राहत मिलती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

बुध कवच पाठ विधि

बुध कवच का पाठ करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। सही विधि से पाठ करने पर ही इसका संपूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

1. पाठ का सही समय

  • बुध कवच का पाठ बुधवार के दिन करना विशेष फलदायी होता है।

  • प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद इस कवच का पाठ करने से अधिक लाभ मिलता है।

  • अगर किसी विशेष उद्देश्य के लिए कर रहे हैं, तो इसे 21, 40 या 108 दिनों तक नियमित रूप से करें।

2. उचित आसन और दिशा

  • हरे रंग के वस्त्र पहनकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।

  • कुश के आसन पर बैठकर पाठ करना अधिक प्रभावी माना जाता है।

3. पूजा सामग्री

  • कांस्य या तांबे के पात्र में जल रखें।

  • हरे रंग के फूल, हरी मूंग, दूर्वा घास और हरा कपड़ा प्रयोग करें।

  • पाठ के बाद इस जल को ग्रहण करें और जरूरतमंदों को हरी सब्जियाँ दान करें।

4. मंत्र जाप

  • बुध कवच का पाठ करने से पहले "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • पाठ समाप्त होने के बाद बुध ग्रह से संबंधित उपाय करें, जैसे गाय को हरी घास खिलाना या गरीबों को शिक्षण सामग्री दान करना।

बुध कवच एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जो बुध ग्रह के दोषों को दूर कर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह न केवल बुद्धि और वाणी को प्रखर बनाता है, बल्कि व्यापार और करियर में भी सफलता प्रदान करता है।

जो लोग बुध ग्रह की अशुभ दशा से पीड़ित हैं या बुध से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें नियमित रूप से बुध कवच का पाठ करना चाहिए। सही विधि से इसका पाठ करने पर निश्चित रूप से शुभ फल प्राप्त होते हैं और व्यक्ति का जीवन उन्नति की ओर अग्रसर होता है।

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Published by Sri Mandir·April 10, 2025

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