image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

माँ कूष्मांडा (Maa Kushmanda)

इस पूजा के द्वारा मां की कृपा प्राप्त कर सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करें।

माँ कूष्मांडा के बारे में

माँ दुर्गा के चौथे शक्ति स्वरूप को कूष्मांडा के नाम से जाना जाता है, और चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन माँ कूष्माण्डा को समर्पित है। आइए जानते हैं कि इस बार मां कूष्मांडा की पूजा कब है?

माँ कूष्मांडा की पूजाा कब है?

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा होती है | देवी कूष्मांडा सिंह पर सवार रहती हैं और उनकी आठ भुजाएं हैं, इसीलिए उन्हें दुर्गा का अष्टभुजा अवतार भी कहा जाता है। माता के शरीर की कांति और ऊर्जा सूर्य के समान हैं, क्योंकि केवल माता कूष्माण्डा के पास ही वो शक्ति है, जिससे वे सूर्य के केंद्र में निवास कर सकती हैं।

अशुभ समय

माँ कूष्मांडा की पूजा से होने वाले लाभ

देवी कूष्मांडा सिंह पर सवार रहती हैं और उनकी आठ भुजाएं हैं, इसीलिए उन्हें दुर्गा का अष्टभुजा अवतार भी कहा जाता है। माता के शरीर की कांति और ऊर्जा सूर्य के समान हैं, क्योंकि केवल माता कूष्माण्डा के पास ही वह शक्ति है, जिससे वे सूर्य के केंद्र में निवास कर सकती हैं।

माँ कूष्मांडा की पूजा से होने वाले लाभ

नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा करने से साधक के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। कूष्मांडा माता भक्तों के छोटे-छोटे प्रयासों से भी प्रसन्न हो जाती हैं और उन्हें आयु, यश, बल और आरोग्य का आशीर्वाद देती हैं।

इस दिन विशेष रूप से बुरे समय से छुटकारा मिलता है, और जीवन में सुख-शांति आती है। साथ ही, यदि विद्यार्थी माँ कूष्मांडा की पूजा करते हैं तो उन्हें बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।

माँ कूष्मांडा की पूजा कैसे करें?

  • स्नान और व्रत की शुरुआत: सबसे पहले, नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • चौकी की स्थापना: पूजा स्थल की चौकी को साफ करें, उस पर गंगाजल छिड़कें, और एक दिन पहले जो पुष्प चढ़ाए थे, उन्हें हटा दें। चूंकि चौकी की स्थापना पहले दिन की जाती है, इसलिए इसे विसर्जन से पहले झाड़ू न लगाएं।
  • आराधना की शुरुआत: अब पूजा स्थल पर आसन ग्रहण करें और दीपक प्रज्वलित करें। फिर "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करके गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद "ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः" मंत्र से माँ कूष्मांडा का आह्वान करें।

पूजा की अन्य क्रियाएं

  • गणेश जी और देवी माँ को कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • कलश, घट और चौकी को हल्दी-कुमकुम-अक्षत से तिलक करके नमन करें।
  • धूप-दीप जलाकर फूल-माला अर्पित करें (लाल और पीले पुष्प अर्पित करें)।
  • नर्वाण मंत्र “ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाऐ विच्चे” का जाप करें (11, 21, 51 या 108 बार)।
  • धूपदान में उपला जलाकर लोबान, गुग्गल, कर्पूर या घी डालकर माता को धूप दें और इसे पूरे घर में घुमाएं।
  • भोग के रूप में मिठाई या फल अर्पित करें और फिर आरती गाएं।

माँ कूष्मांडा पूजा मंत्र

share
वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥ भास्वर भानु निभाम् अनाहत स्थिताम् चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्। कमण्डलु, चाप, बाण, पद्म, सुधाकलश, चक्र, गदा, जपवटीधराम्॥ पटाम्बर परिधानां कमनीयां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्। मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल, मण्डिताम्॥ प्रफुल्ल वदनांचारू चिबुकां कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्। कोमलाङ्गी स्मेरमुखी श्रीकंटि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

कूष्मांडा देवी की आरती

कूष्माण्डा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥

पिङ्गला ज्वालामुखी निराली। शाकम्बरी माँ भोली भाली॥

लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे॥

भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

सबकी सुनती हो जगदम्बे। सुख पहुँचती हो माँ अम्बे॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

माँ के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो माँ संकट मेरा॥

मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥

तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

अब माँ दुर्गा की आरती करें।

इस तरह आपकी पूजा का समापन करें सबको प्रसाद वितरित करके स्वयं प्रसाद ग्रहण करें।

तो यह थी चौथे दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा की विधि। शारदीय नवरात्र में माँ दुर्गा के साथ ही माता के नौ रूपों को उनके दिन के अनुसार पूजने से माता आपकी हर मनोकामना पूरी करती हैं। और पूरे वर्ष आपको माँ आदिशक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

श्रीमंदिर पर आपके लिए नवरात्र के नौ दिनों की पूजा विधि उपलब्ध है। इन्हें जानने के लिए जुड़े रहिये श्रीमंदिर से। जय माता की!

divider
Published by Sri Mandir·September 19, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook