प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली मध्यरात्रि शक्तिपीठ विशेष 11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम
प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली मध्यरात्रि शक्तिपीठ विशेष 11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम
प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली मध्यरात्रि शक्तिपीठ विशेष 11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम
प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली मध्यरात्रि शक्तिपीठ विशेष 11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम
प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली मध्यरात्रि शक्तिपीठ विशेष 11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम
प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली मध्यरात्रि शक्तिपीठ विशेष 11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम
प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली मध्यरात्रि शक्तिपीठ विशेष 11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम
छोटी दिवाली मध्यरात्रि शक्तिपीठ विशेष

11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम

प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर, कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल
pooja date
30 अक्टूबर, बुधवार, काली चौदस
पूजा बुकिंग बंद होने में शेष समय:
Day
Hour
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली मध्यरात्रि शक्तिपीठ विशेष 11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम

सनातन धर्म में काली चौदस का विशेष महत्व है। हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन काली चौदस मनाई जाती है। इसे छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। यह दिन मां काली को समर्पित है और इस दिन की उनकी पूजा शुभ मानी जाती है। कहा जाता है कि काली चौदस पर मां काली की उपासना करने से वह जल्दी प्रसन्न होती है। पौराणिक कथानुसार रक्तबीज नामक एक शक्तिशाली राक्षस था जिसे यह वरदान प्राप्त था कि उसके खून की हर बूंद से एक नया राक्षस पैदा हो सकता था। देवता उसे हराने में असमर्थ थे क्योंकि जब भी उसे घायल करते, उसका खून जमीन पर गिरते ही और राक्षस पैदा हो जाते। इससे रक्तबीज को हराना लगभग असंभव हो गया था। इस संकट को समाप्त करने के लिए, माँ काली प्रकट हुईं और उन्होंने अपनी जीभ फैलाकर युद्धभूमि पर फैला दी, जिससे रक्त की कोई भी बूंद जमीन पर नहीं गिरी। इस तरह, उन्होंने रक्तबीज को पुनर्जन्म से रोक दिया और उसे पराजित किया। मान्यता है कि मां काली वह देवी है जो बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करती है। कहा जाता है कि मां काली की उपासना करने से देवी काली द्वारा दैवीय सुरक्षा प्राप्त होती है। इसलिए काली चौदस के दिन मां काली को प्रसन्न करने के लिए मां काली के मूल मंत्र का जाप और काली कर्पूर अष्टकम का पाठ करना अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। माँ काली को प्रसन्न करने के लिए मां काली मूल मंत्र जाप एवं काली कर्पूर अष्टकम का पाठ करना अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। इसके पाठ से मनुष्य के जीवन से शत्रुओं का नाश हो सकता है। कहते हैं काली कर्पूर अष्टकम में इतनी शक्ति है कि इसका पाठ करने वाला व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से अत्यंत बलवान हो सकता है जिससे वो निर्भयता पूर्वक समस्याओं का सामना करता है और जीवन में हर प्रकार के भौतिक सुखों का आनंद प्राप्त कर सकता है। पुराणों के अनुसार, देवी महाकाली अपने भक्तों के जीवन में प्रकाश और आशा की किरण लाती हैं साथ ही नकारात्मकता और अंधकार को दूर करती हैं। देवी काली के उग्र रूप की उत्पति राक्षसों के विनाश करने के लिए हुई थी। यह एक मात्र ऐसी शक्ति हैं जिनसे स्वयं काल भी भय खाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रह्मांड के निर्माण से पहले, माँ काली सर्वत्र अंधकार के रूप में विद्यमान थीं। सृष्टि की शुरुआत करने के लिए उन्होंने एक प्रकाश प्रकट किया, जिसके बाद सारा ब्रह्मांड प्रकाशित हो गया। इसी कारणवश, माँ काली की पूजा को अंधकार के समय, विशेष रूप से आधी रात के दौरान, अत्यंत लाभकारी माना गया है। इसलिए काली चौदस के दिन मध्यरात्रि में कोलकाता स्थित शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में 11,000 माँ काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूर अष्टकम का आयोजन किया जा रहा है। पौराणिक कथानुसार, जब भगवान शिव माँ सती के वियोग में दुःखी होकर तांडव नृत्य कर रहे थे, तब माँ सती के शरीर का दाहिना पैर का अंगूठा इस पवित्र स्थल पर गिरा था। इसी कारण यह स्थान 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। माना जाता है कि काली चौदस के दिन मध्यरात्रि में यह पूजा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और देवी काली द्वारा प्रचुर धन की प्राप्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
प्रचुर धन की प्राप्ति के लिए
माना जाता है कि काली चौदस के दिन मां काली की पूजा करने से प्रचुर धन की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पूजा करने से भक्तों को धन की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि शक्तिपीठ पर मध्यरात्रि के समय काली चौदस के दिन विशेष अनुष्ठान और मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है, इससे भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति मिलती है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
puja benefits
नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा के लिए
माना जाता है कि काली चौदस के दिन मां काली की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां काली सभी बुरी और नकारात्मक शक्तियों को खत्म करने की क्षमता रखती हैं। इसलिए इस शुभ दिन जो भी भक्त सच्चे मन से मां काली की पूजा करता है, उसके जीवन में किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियां टिक नहीं पाती हैं।
puja benefits
निर्भयता के आशीर्वाद के लिए
माँ काली भय और बुरी शक्तियों को नष्ट करने वाली देवी है। माना जाता है कि काली चौदस के दिन माँ काली की आराधना करने वाले भक्तों को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का निर्भीकता से सामना करने की शक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार, कोलकाता स्थित कालीघाट शक्तिपीठ मंदिर का तांत्रिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। यह मंदिर माँ काली की पूजा के लिए सबसे प्रसिद्ध है। यहाँ पूजा करने से माँ काली की विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुरक्षा का अनुभव होता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर, कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल

शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर, कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल
कालीघाट मंदिर, जो कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है, हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है और अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जो शक्ति, ऊर्जा और विनाश की देवी मानी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां देवी सती का दाहिने पैर की उंगली गिरी थी, जब भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे। इस कारण, यह स्थल अत्यंत पवित्र 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यहां इस मंदिर में देवी काली की प्रचण्ड रूप की प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा में देवी काली भगवान शिव की छाती पर पैर रखे नजर आ रही हैं और उनके गले में नरमुंडों की माला है, उनके हाथ में कुछ कुल्हाड़ी और कुछ नरमुंड हैं, कमर में कुछ नरमुंड भी बंधे हुए हैं। उनकी जीभ बाहर निकली हुई है और जीभ से कुछ रक्त की बूंदे टपक रह हैं। गौरतलब है कि प्रतिमा में मां काली की जीभ स्वर्ण से बनी हुई है।

वर्तमान में मौजूद मंदिर का निर्माण सबॉर्नो रॉय चौधरी परिवार और बाबू कालीप्रसाद दत्तो के संरक्षण में किया गया था, जिसका निर्माण सन् 1798 में शुरू हुआ और 1809 में पूर्ण हुआ। कालीघाट मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत बड़ा है। यह मंदिर कई सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है, जो यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कालीघाट में देवी काली की पूजा से भक्तों को डर, बुराई, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा, यह मंदिर बंगाल के सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है और यहां के धार्मिक त्योहार, विशेषकर दुर्गा पूजा और काली पूजा, बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में देवी काली को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में देवी काली को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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